उदयपुर स्थापना दिवस पर शहर की प्रतिभाओं ने किया मंत्रमुग्ध

उदयपुर स्थापना दिवस पर शहर की प्रतिभाओं ने किया मंत्रमुग्ध

सोनल गर्ग द्वारा शिव आराधना पर, गर्विता लावती एवं चार वर्षीय कृषा कोठरी ने अपनी मनमोहक प्रस्तुतियां दी

 
udaipur sthapna diwas

उदयपुर नगर निगम एवं उदयपुर स्थापना समारोह समिति द्वारा आयोजित पांच दिवसीय उदयपुर स्थापना दिवस के अंतिम दिन सुबह उदयापोल स्थित महाराणा उदय सिंह की प्रतिमा पर पुष्पांजलि कार्यक्रम आयोजित किया गया जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में उपमहापौर पारस सिंघवी, विशिष्ट अतिथि प्रताप सिंह झाला, विमल शर्मा, भंवर सेठ एवं कार्यक्रम के अध्यक्ष लेफ्टिनेंट जनरल एनके सिंह राठौड़ थे। 

कार्यक्रम के संयोजक प्रो. विमल शर्मा ने बताया की शाम को सुखड़िया रंगमंच टाउन हॉल में सांस्कृतिक संध्या का अयोजन हुआ जिसमें शहर की उभरती प्रतिभाओं ने अपनी कला का प्रर्दशन किया। कार्यक्रम का प्रारंभ कवयित्री करुणा दशोरा ने सरस्वती वंदना के साथ किया। 

नृत्यम एकेडमी की सोनल गर्ग द्वारा शिव आराधना पर, गर्विता लावती एवं चार वर्षीय कृषा कोठरी ने अपनी मनमोहक प्रस्तुतियां दी। कार्यक्रम के समन्वयक डॉ. मनीष श्रीमाली ने बताया की कवियों ने काव्य पाठ से शहर एवं उसकी संस्कृति को दर्शकों के समक्ष प्रस्तुत किया। कवि श्रेणीदान चारण, प्रियंका भट्ट ने काव्य पाठ पढ़ा। छ वर्षीय मिहिका श्रीमाली ने अपनी कविता के माध्यम से महिला सशक्तिकरण का संदेश दिया तो वही स्नीति गर्ग ने हमारी बेटियां पर कविता पढ़ी। अनिल शर्मा ने मीरा के भजन से वातावरण भक्तिमय कर दिया। पश्चिम सांस्कृतिक केंद्र के कलाकारों द्वारा कालबेलिया नृत्य एवं लंगा गायकों द्वारा भी अपनी कला का प्रदर्शन किया गया।

nagar nigam

अपने उद्बोधन मे भंवर सेठ ने बताया कि 1992 मे उदयपुर विचार मंच ने शहर के इतिहासकारों व प्रबुद्धजनोे के अनेकानेक विचार विमर्श के बाद उदयपुर स्थापना दिवस को प्रमाणित करते हुए इन कार्यक्रमों को प्रारंभ किया था। 

नगर निगम उपमहापौर पारस सिंघवी ने कहा कि इन कार्यक्रमों मे शहरवासियों की सहभागिता सुनिश्चित कराने के लिये हमें प्रयास करते रहना होगा। ऐन के सिंह राठौड़ ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन मे कहा कि शहर की खूबसूरती पर बदनुमा दाग लगाने वाले अतिक्रमणों को हटाना होगा। 

कार्यक्रम में हरीश तलरेजा, लक्ष्मण सिंह करनावत, इंद्र सिंह राणावत, गणेश नागदा, अंबालाल सनाढ्य, डॉ धर्मवीर वशिष्ठ, झील हितेषी मंच से हाजी मोहम्मद, वारी समाज के प्रतिनिधि के रूप में महेश एवं महादेव अखाड़ा के नवयुक मंडल द्वारा अपनी विविध कलाओं का प्रदर्शन किया गया। 

कार्यक्रम के संयोजक प्रो. विमल शर्मा ने बताया की शाम को सुखड़िया रंगमंच टाउन हॉल में सांस्कृतिक संध्या का अयोजन हुआ जिसमें शहर की उभरती प्रतिभाओं ने अपनी कला का प्रर्दशन किया। कार्यक्रम का प्रारंभ कवयित्री करुणा दशोरा ने सरस्वती वंदना के साथ किया। 

कार्यक्रम का संचालन डॉ. कुलशेखर व्यास एवं मनीष बंसल ने किया। कार्यक्रम के अंत में जयकिशन चौबे ने सभी को धन्यवाद ज्ञापित किया।
 

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