उदयपुर। भारत के सबसे बड़े विश्व संगीत महोत्सव ‘वेदांता उदयपुर वर्ल्ड म्यूजिक फेस्टिवल’ के 5वें संस्करण का रंगारंग समापन रविवार को हुआ।
इससे पूर्व अंतिम दिन माजी का घाट, अंबराई घाट पर सुबह फेस्टिवल की शुरुआत शास्त्रीय गायक रवि जोशी ने भक्ति संगीत प्रस्तुत कर की। उन्होंने सुबह के राग बिलासखानी तोड़ी और मियांजी की तोड़ी में रचनाएं प्रस्तुत कीं। ये बादशाह अकबर के प्रसिद्ध दरबारी संगीतज्ञ मियाँ तानसेनजी के पुत्र बिलसखान द्वारा बनाए गए पारंपरिक राग हैं, जो करुणा के मूड को दर्शाते हैं। इस दौरान रवि ने राग बहार में भी रचना की, जिसमें वसंत के मौसम का स्वागत करते हुए हर्षित मनोदशा को दर्शाया गया है। उन्होंने पंडित कुमार गंधर्व के निर्गुण भजन द्वारा अपने गायन का समापन किया।
इसके पश्चात मिको केंडीस ने कुर्दिस्तान क्षेत्र का संगीत प्रस्तुत किया। उनके संगीत में कुर्द लोगों की कहानी, गीत, महाकाव्य और पौराणिक कथा थी। उन्होंने अपने वाद्ययंत्र लूट को अपने साथी फ्रांस्वा क्लेव के साथ बजाया, जो उनका साथ परकशन पर दे रहे थे। उनके संगीत को दर्शकों ने बहुत पसंद किया।
फतहसागर पाल पर दोपहर को कार्यक्रम की शुरूआत पक्षी ने हिंदी पॉप फ्यूजन से किया। उन्होंने मलयालम और हिंदी मिक्स गीत प्रस्तुत किये। उनका पहला गाना पिछले साल रिलीज़ हुई एल्बम अंग से था, जो कि उनकी पहली एल्बम भी है। उन्होंने ‘पग मे बांधे घुंघरू’, ‘क्यों तू न बोले खुद से’, ‘जोगी’ तथा ‘बलमा’ गीत प्रस्तुत कर दर्शकों की खूब वाहवाही लूटी। इसके बाद रूस के ‘सत्तूमा’ ने रूस का फोक करेलियन संगीत प्रस्तुत किया। उन्होंने फि़निश भाषा में फिनलैंड के गाने ‘कंट्री गाए’ और ‘यस ऑफ़ कोर्स’ गाते हुए श्रोताओं को आकर्षित किया।
अंतिम प्रस्तुति अरुणाचली म्यूजिकल प्रिंस तबा चाके द्वारा हुई जिन्होंने दर्शकों को अपने पॉप संगीत से मंत्रमुग्ध कर दिया। ताबा ने ‘इन वादियों’, ‘मॉर्निंग सन’, ‘मेरी दास्तान’ और ‘दिस इज़ द डे’ जैसे खूबसूरत गीत प्रस्तुत किये।
गांधी ग्राउंड पर शाम को नई दिल्ली के अदवैता ने अपने बैंड के साथ इंडी फ्यूजन प्रस्तुत किया। उन्होंने ‘मोरा सैयां मोसे बोले ना’ और ‘छनन छनन बाजे’ गीतों को प्रस्तुत किया। इसके बाद बॉलीवुड पाश्र्व गायक, गीतकार और संगीतकार निकिता गाँधी ने बॉलीवुड गीत प्रस्तुत किया। तीन दिवसीय फेस्टिवल का समापन स्पेन के ओक्स ग्रासेस की स्पेनीश पॉप पर प्रस्तुति के साथ हुआ।
5वें संस्करण की थीम ‘हम विश्व हैं : अनेकता में एकता’ रखी गई। इसमें स्पेन, फ्रांस, कुर्दिस्तान, पुर्तगाल, माली, रूस, स्विट्जरलैंड देशों के 150 वैश्विक कलाकारों ने शिरकत की। फेस्टिवल में केरल, अबू धाबी, दिल्ली, मध्यप्रदेश, गुजरात और मुंबई से खासतौर से दर्शक आए जिन्होंने फेस्टिवल का जमकर लुत्फ उठाया।
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