उदयपुर। कभी कहा जाता था गरीब का क्या है रोटी पर प्याज़ रख कर खा लेगा। लेकिन अब प्याज़ गरीब की पहुँच से दूर होता जा रहा है। महंगाई की मार के चलते प्याज गरीब और मध्यमवर्ग की रसोई का ज़ायका बिगाड़ने पर तुला हुआ है। जानकारों की माने तो प्याज़ अभी आम लोगों को और रुलाएगा। हालांकि, सरकार प्याज की बढ़ी कीमतों से राहत देने के लिए प्याज का आयात कर रही है।
सरकार ने कल शुक्रवार को राज्यसभा में बताया कि देश में प्याज की अतिरिक्त मांग को पूरा करने के लिये सरकारी व्यापार उपक्रम एमएमटीसी प्याज का आयात कर रही है और इसकी पहली खेप अगले साल 20 जनवरी तक पहुंचने की उम्मीद है। तब तक प्याज़ की कीमतों में गिरावट आने की सम्भावना कम ही नज़र आती है।
खाद्य आपूर्ति राज्यमंत्री दानवे रावसाहेब दादाराव ने उच्च सदन में प्रश्नकाल के दौरान एक पूरक प्रश्न के जवाब में बताया कि भारत में इस साल बारिश की देर से शुरुआत होने और देर तक बारिश जारी रहने के कारण प्याज की फसल पर व्यापक नकारात्मक असर हुआ। इसकी वजह से देश में इस समय प्याज की कमी के कारण इसकी ऊंची कीमतों का सामना करना पड़ रहा है।
आज प्याज के दाम की चर्चा करें तो उदयपुर के लोकल मार्किट में प्याज 90 से 120 के बीच बिक रहा है। देश में कहीं कहीं तो 165 रुपये प्रति किलो तक भी बिक रहा है। उदयपुर के होलसेल विक्रेता मोहम्मद छोटू कुरैशी ने बताया की होलसेल मंडी में प्याज़ के भाव लगभग 70 रूपये किलो है। छोटू कुरैशी ने बताया की दिसंबर के अंत तक और जनवरी की शुरुआत के बाद कीमतों के घटने की आशा है।
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