उदयपुर, 14 अक्टूबर 2023। बाजार और दुकानों पर मिलने वाले अंडों में केमिकल्स का उपयोग बढ़ने के कारण लोग इन्हें अवॉइड करने लगे हैं। यही कारण है कि अब ऑर्गेनिक अंडों का ट्रेंड बढ़ने लगा है। शहर में अब दाल, फल-सब्जियां ही नहीं, बल्कि अंडों की भी ऑर्गेनिक खेती होने लगी है। ऑर्गेनिक फार्मिंग में किसी भी तरह के कैमिकल का इस्तेमाल नहीं होता है। इसमें खाद और कीटनाशक भी ऑर्गेनिक ही इस्तेमाल किए जाते हैं, ना कि केमिकल वाले । शहर में कई दुकानों पर ये अंडे मिल रहे हैं। हालांकि महंगे होने के कारण अभी कुछ विशेष वर्ग के लोगों तक ही इनकी पहुंच है, क्योंकि एक ऑर्गेनिक अंडे की कीमत 30 रुपए तक होती है।
क्या है ऑर्गैनिक अंडों की खेती
ऑर्गेनिक अंडे उन मुर्गियों से मिलते हैं, जिन्हें ऑर्गेनिक फीड (आहार) दिया जाता है। इनके फीड में किसी तरह का एंटीबायोटिक या कोक्सिडियन नहीं मिलाया जाता है। इसके अलावा इन मुर्गियों को पिंजरे के बजाय खुले में पाला जाता है। ऐसा इसलिए क्योंकि पिंजरों में जो मुर्गियां होती है, वे तनाव में रहती हैं। इनसे प्राप्त अंडे पिंजरे में पाली गई मुर्गी की तुलना में ज्यादा बेहतर होते हैं। ये मुर्गियां औसत 3 से 4 दिन में एक बार अंडा देती है, जबकि अन्य मुर्गियां हर दिन अंडा देती हैं।
इस ब्रीड का इम्यून सिस्टम काफी स्ट्रॉन्ग होता है। पहली बार वहीं से करीब 500 मुर्गियां लेकर आए थे। तब से ये सिलसिला जारी है। लोगों में अभी भी इसकी अवेयरनेस कम है। जब काम शुरू किया तो खरीदने वाले लोग ही नहीं मिल रहे थे। काम लगभग बंद हो गया था। कोविड के बाद से ऑर्गेनिक फूड प्रॉडक्ट्स के बारे में लोग जानने लगे तो ऑर्गेनिक अंडों का ट्रेंड भी बढ़ने लगा। हम अपनी मुर्गियों के लिए बायोसिक्योरिटी व साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखते हैं। उन्हें खाने अपने ही खेत में उगाए हुए कद्दू, सोयाबीन, चावल, कॉर्न, वेजिटेबल वेस्ट जैसे आइटम देते हैं।
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