उदयपुर 2024। पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र, उदयपुर द्वारा हवाला-शिल्पग्राम में आयोजित वार्षिक शिल्पग्राम उत्सव में हालांकि पूर्व पीएम मनमाेहन सिंह के निधन पर सात दिवसीय राजकीय शोक की वजह से सांस्कृतिक कार्यक्रमों को एक जनवरी 2025 तक नहीं होंगे।
पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र, उदयपुर के निदेशक फुरकान खान ने बताते हैं कि शिल्प बाजार में हर स्टाल के उत्पाद हर मेलार्थी को न सिर्फ पसंद आ रहे हैं, बल्कि वे खरीदारी भी जमकर कर रहे हैं। यही माहौल शुक्रवार को भी दिनभर रहा, जो शाम तक भीड़ उमड़ने के साथ ही पूरे परवान पर चढ़ गया। लोगों को देश के विभिन्न राज्यों के उत्पाद और व्यंजन बहुत पसंद आ रहे हैं।
गोहाना का जलेबा आकार और स्वाद दोनों में अव्वल
हरियाणा के गोहाना में बरसों पहले नाथूराम, इंदर, प्यारेलाल और ओमप्रकाश हलवाई ने सोचा कि ऐसा कुछ बनाया जाए जो लोकल ही नहीं, देश में भी अपनी पहचान बनाए। और, ईजाद हो गया, गोहानी जलेबा का। इसकी खासियत यह है कि यह एक जलेबा एक पाव यानी 250 ग्राम का बनता है और सिर्फ इसे खाएं या दूध, या फिर पकोड़ियों के साथ, इसे जिसने चख लिया वो इसका पक्का फैन बन जाता है।
कुरकुरा और देशी घी के कारण कमाल का स्वाद
यह जलेबा बनाने वाले नरेश कुमार बताते हैं कि हमारा एक ही सिद्धांत है, वह यह कि क्वालिटी से कोई समझौता नहीं करेंगे। वे सही भी कहते हैं। इसका गवाह खुद जलेबा है,जो देशी घी और कुरुकुरापने के कारण कमाल का स्वादिष्ट होता है। मुंह में रखो तो तुरंत खाकर अगला ग्रास लेने की इच्छा होती है।
नरेश कुमार बताते हैं कि वे अब तक गोवा, चंडीगढ़, नोएडा, गोरखपुर, लखनऊ, आगरा, कुरुक्षेत्र आदि देशभर में होने वाले फेस्टिवल्स में शामिल हो चुके हैं। हर जगह इस जलेबा के ऐसे फैन बन गए हैं, जिनमें से कई तो मेले का टिकट खरीदकर सिर्फ जलेबा खाने आते हैं। नरेश शिल्पग्राम-उदयपुर में मिल रहे शानदार रेस्पॉन्स से काफी उत्साहित हैं।
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