उदयपुर में क्षय रोग उन्मूलन की दिशा में बड़ी पहल


उदयपुर में क्षय रोग उन्मूलन की दिशा में बड़ी पहल

टीबी मुक्त भारत अभियान

 
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उदयपुर 22 मार्च 2025 ।  प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान और विश्व क्षय रोग दिवस 2025 के अवसर पर उदयपुर जिले में टीबी उन्मूलन के लिए चिकित्सा विभाग ने अपनी प्रतिबद्धता दोहराई है। स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं, स्थानीय प्रशासन, जनप्रतिनिधियों और आम जनता के सहयोग से जिले में इस अभियान के तहत महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल की गई हैं।  

टीबी मुक्त ग्राम पंचायत अभियान में उल्लेखनीय उपलब्धियां

उदयपुर जिले ने टीबी मुक्त ग्राम पंचायत अभियान में सक्रिय भागीदारी निभाई है। इस पहल के तहत 2024 में जिले की 137 ग्राम पंचायतों ने टीबी रोगियों को पोषण सहायता प्रदान करने, प्रारंभिक पहचान, बेहतर निदान, उपचार और सामुदायिक जागरूकता बढ़ाने पर विशेष ध्यान दिया। स्थानीय नेताओं और स्वयंसेवकों की मदद से गांव-गांव में टीबी रोकथाम और उपचार के प्रति जागरूकता फैलाई गई।  

प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान के तहत "निक्षय मित्र" पहल को मजबूती मिली है, जिसमें सरकारी और गैर-सरकारी संगठनों, कॉर्पोरेट सेक्टर और आमजन का सक्रिय सहयोग मिल रहा है। अब तक 1363 निक्षय मित्रों ने 5000 टीबी मरीजों को 16523 पोषण किट वितरित की हैं। हाल ही में प्लान इंडिया एनजीओ द्वारा 1200 टीबी मरीजों के लिए पोषण किट उपलब्ध कराई गई, जिससे राजस्थान में उदयपुर प्रथम स्थान पर रहा। इस पहल से मरीजों को आवश्यक पोषण और भावनात्मक संबल मिला है, जिससे उनके उपचार में उल्लेखनीय सुधार हुआ है।  

एनटीईपी कार्यक्रम में प्रगति

  • उदयपुर जिले ने पिछले वर्षों में शत-प्रतिशत टीबी नोटिफिकेशन लक्ष्यों को प्राप्त किया है।  
  • 2024 में कुल 8646 मरीजों को टीबी के तहत पंजीकृत किया गया, जिनमें से 95 प्रतिशत मरीजों का एक सप्ताह के भीतर उपचार शुरू किया गया।  
  • सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों में नाट मशीनों की संख्या बढ़ाई गई, जिससे मरीजों को बेहतर और निःशुल्क जांच सुविधाएं मिल रही हैं।  
  • सार्वजनिक-निजी भागीदारी बढ़ाकर निजी क्षेत्र में इलाज करा रहे मरीजों को भी बेहतर सेवाएं दी जा रही हैं।  
  • जिले की उपचार सफलता दर 91 प्रतिशत तक पहुंच चुकी है, जो पिछले वर्षों की तुलना में अधिक है।  
  • निक्षय पोर्टल जैसी डिजिटल सुविधाओं के माध्यम से मरीजों की प्रगति की निगरानी आसान हुई है।  

आने वाले वर्षों की रणनीति 

  • दूरदराज के इलाकों में हाईली इक्विप्ड मोबाइल वैन तैनात कर स्क्रीनिंग कैंपों का विस्तार किया जाएगा।  
  • स्कूलों, कार्यस्थलों और सामुदायिक केंद्रों पर जागरूकता अभियान बढ़ाकर टीबी से जुड़े भेदभाव को समाप्त करने की दिशा में कार्य किया जाएगा।  
  • अधिक निक्षय मित्र जोड़े जाएंगे और जरूरतमंद रोगियों तक पोषण सहायता पहुंचाई जाएगी।  
  • निजी स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं के साथ मिलकर सभी टीबी मरीजों को नोटिफाई करने और प्रभावी इलाज सुनिश्चित करने पर जोर दिया जाएगा।  
  • डिजिटल स्वास्थ्य तकनीक का उपयोग कर मरीजों की निगरानी और उपचार अनुपालन में सुधार किया जाएगा।  
  • युवाओं, महिला समूहों और स्थानीय नेताओं की भागीदारी को बढ़ावा दिया जाएगा।  

समापन

टीबी उन्मूलन की यह लड़ाई सामूहिक प्रयास की मांग करती है। उदयपुर जिले ने यह साबित किया है कि सही रणनीतियों, प्रभावी नेतृत्व और सामुदायिक भागीदारी से इस बीमारी को हराया जा सकता है। सरकार, निजी संस्थानों, गैर-सरकारी संगठनों और आमजन से इस मिशन को सफल बनाने के लिए निरंतर सहयोग की अपील की जाती है।

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