उदयपुर की 13 वर्ष की तान्या ने की यूरोपियन देशों की 500 किमी पदयात्रा
उदयपुर की 13 वर्षीय बालिका तान्या पुत्री विनय राठी ने यूरोप के 6 देशों की यूरोपीयन पीस वॉक (ईपीडब्ल्यू) की 500 किमी. की पद यात्रा कर विश्व में शहर का नाम रोशन किया है। यह यात्रा में तान्या ने 17 दिन में पूरी की। पदयात्रा 5 जून से प्रारम्भ हो कर 22 जून को सम्पन्न हुई थी। तान्या अन्य प्रतिभागियों में सबसे कम उम्र की बालिका थी।
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उदयपुर की 13 वर्षीय बालिका तान्या पुत्री विनय राठी ने यूरोप के 6 देशों की यूरोपीयन पीस वॉक (ईपीडब्ल्यू) की 500 किमी. की पद यात्रा कर विश्व में शहर का नाम रोशन किया है। यह यात्रा में तान्या ने 17 दिन में पूरी की। पदयात्रा 5 जून से प्रारम्भ हो कर 22 जून को सम्पन्न हुई थी। तान्या अन्य प्रतिभागियों में सबसे कम उम्र की बालिका थी।
तान्या के साथ गये उनके पिता विनय राठी ने बताया कि तान्या के लिए इस यात्रा में भाग लेना बेहद रोमांचिकारी था। यह पदयात्रा यूरोपीयन शांति पद यात्रा एक अंतर्राष्ट्रीय कैमिनो शैली है। तान्या ने हंगरी, आस्ट्रीया, क्रोएशिया, स्लोवेनिया एवं ईटली सहित छह यूरोपीयन देशों की साहसिक पैदल यात्रा वास्तव में अविस्मरणीय अनुभव हासिल किया।
राठी ने बताया कि तान्या की यात्रा हंगरी के सोप्रोन शहर से प्रारम्भ हुई तथा ईटली के ट्राइस्टे शहर में सम्पन्न हुई। यूरोपीयन शांति पदयात्रा की शुरूआत लगभग 100 वर्ष पूर्व प्रथम विश्व युद्ध होने के उपरान्त हुई। यह पदयात्रा शांत एवं समृद्ध यूरोपीयन संस्कृति का उत्सव मनाने एवं पिछले युद्ध के इतिहास को सम्मान प्रदान करने के उद्देश्य से आयोजित की जाती है।
यह पदयात्रा अभियान देश की सीमाओं से ऊपर है। वियना, आस्ट्रीया वराजदीन, क्रोएशिया से जुबजाना, स्लोवेनिया से ट्रास्एस्टे और ईटली में इस पदयात्रा के पूर्ण होने तक लगभग 500 किलोमीटर की दूरी विनय राठी एवं सुश्री तान्या ने पैदल तय की। इस दौरान वे यूरोप के कई जीवंत शहरों से गुजरे एवं यूरोप के प्राकृतिक सौन्दर्य एवं समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को करीब से देखने का मौका मिला। दुनिया के अनपेक्षित भाग की पैदल यात्रा करना अपने आप में बहुत दिलचस्प है। इस वर्ष के इस साहसिक पदयात्रा अभियान में आईसलैंड, ब्रिटेन, अमरिका, डेनमार्क आदि देशों आये पैदल यात्रियों ने भाग लिया। इस पदयात्रा अभियान के पीछे मुख्य अवधारणा पैदल ही विभिन्न देशों की सीमाएं पार करना है। यात्रा के दौरान पदयात्री सुबह का नाश्ता हंगरी में किया तो दोपहर का खाना स्लोवेनिया मे एवं रात को क्रोएशिया में विश्राम किया। इस प्रकार कई देशों की सीमाएं वे इस संदेश के साथ पार करते है कि ’’हम सब एक है और मानवता को समर्पित इस यात्रा का उद्देश्य भी एक है।“ यात्रा के दौरान विभिन्न सभ्यता एवं संस्कृति से जुडे अलग-अलग देशों के अंजान पदयात्रियों का परिचय प्राप्त करना और उनके साथ अपने अनुभव साझा करना एक सुखद अनुभूति प्रदान करता है।
इसके साथ ही इस यात्रा के दौरान आपको यूरोप के अलग-अलग देशों के शहर एवं कस्बों निकट से देखने का अवसर प्राप्त हुआ तथा वहां के फार्म, छात्रावास, सामुदायिक केन्द्रों, हॉस्टल्स, कम्यूनिटी सेन्टर आदि में ठहरने का अनूठा अवसर मिला। इस दौरान आपको अलग अलग देशों के शांति प्रिय तथा खुले मन एवं दिमाग के साहसी लोगों से मिलने और उनके विचार जानने का अवसर भी प्राप्त हुआ।
तान्या एवं विनय राठी को यूरोपीयन देशों के स्थानीय व्यंजनों का स्वाद चखने तथा वहां के निवासियों का आतिथ्य एवं की मेहमाननवाजी देखने का भी मौका मिला। इस वर्ष इस यात्रा में 68 पदयात्रियों ने हिस्सा लिया। यह पदयात्रा सभी देशों के पदयात्रियों के लिये खुली है जो यूरोपीयन संस्कृति की समृद्धि और विविधता को जानने तथा उसका परिचय प्राप्त करने की इच्छा रखते हैं।
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