200 श्रेष्ठ विद्यार्थियों को मिले पुरूस्कार
शिक्षा के मार्ग पर भौतिक एव मानवीय सुविधाओं की कमी है भौतिक सुविधाओं के बिना तो फिर भी पढाई कराई जा सकती है लेकिन मानवीय सुविधाओं के तहत पढऩे वाले और पढ़ाने वालों के बिना शिक्षा को निरन्तर जारी रखना मुश्किल है।
शिक्षा के मार्ग पर भौतिक एव मानवीय सुविधाओं की कमी है भौतिक सुविधाओं के बिना तो फिर भी पढाई कराई जा सकती है लेकिन मानवीय सुविधाओं के तहत पढऩे वाले और पढ़ाने वालों के बिना शिक्षा को निरन्तर जारी रखना मुश्किल है। स्वामी विवेकानन्द सेवा न्यास समिति एवं हिन्दुस्तान जिंक ने शिक्षा के इस क्षैत्र में मानवीय कमियों को दूर किया हैं जिसकी वजह से बालिका शिक्षा को भी काफी बढ़ावा मिला हैं।
यह उद्बोधन जिला शिक्षा अधिकारी श्रीमती कृष्णा चौहान ने स्वामी विवेकानन्द न्यास समिति एवं हिन्दुस्तान जिंक के संयुक्त तत्वाधान मे आयोजित बालक-बालिकाओं को वार्षिक पारितोषिक वितरण समारोह में बतौर मुख्य अतिथि पद से व्यक्त किये।
उन्होंने कहा कि बालकों को निजी विद्यालय, निजी कोचिंग तथा बालिकाओं को सरकारी विद्यालयों मे पढ़ाया जाता है यह सोचकर की बालिकाएं तो सरकारी विद्यालय मे पढ़ लेगी, समाज में शिक्षा के प्रति व्याप्त इस प्रकार की भ्रांतियों को दूर करना होगा। जो परिवार आज हमारी उपेक्षा कर रहा है,वहीं परिवार कल स्वंय कहेगा कि साधारण समाज से निकली बालिका देश का गौरव बनी है। उन्होंने 10वीं व 12वीं बोर्ड मे 60 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त करने वाले बालक व बालिकाओं से कहा कि 60 प्रतिशत का जमाना पीछे छूट गया है। आज जमाना इतना बदल गया है कि जहां हम खड़े है वहंा खड़े रहने के लिए भी दौडऩा पडेगा, अगर नही दौडे तो पीछे छूट जाओगे।
सम्पूर्ण शिक्षा प्रोग्राम के कॉर्डिनेटर पंकज पालीवाल ने बताया कि वर्तमान में न्यास द्वारा उदयपुर में 12 सेंटर पर 800 छात्र-छात्राओं को 46 अध्यापको द्वारा नि:शुल्क कोचिंग मुहैया करवाई जा रही है। उन्होंने पावर पोइन्ट प्रजेन्टेशन के जरिये न्यास द्वारा वर्ष भर मे कोचिंग प्रोग्राम के तहत धानमण्डी, सीसारमा, बडगाँव, गरीब नवाज, अंबामाता, जगदीश चौक व भूपालपुरा विद्यालय में हुए बालक-बालिकाओ के शैक्षिक स्तर मे बदलाव को दर्शाया।
समारोह मे हिन्दुस्तान जिंक वेदान्ता के सीएसआर एक्जीक्यूटीव आर.सी. चौधरी ने कहा कि जिंक द्वारा अपने माईन्स क्षेत्रों में सामाजिक क्षेत्रों मे कई प्रकार के कार्यक्रम आयोजित करवाकर विकास के कार्य किये जा रहे है, उन्होंने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में जिंक द्वारा हर संभव सहायता उपलब्ध करवायी जाएगी। कार्यक्रम में अतिरिक्त जिला शिक्षा अधिकारी हेमलता मेनारिया, संयुक्त सचिव बी.एस. भण्डारी विभिन्न विद्यालयों से आये प्रधानाध्यापको ने भी अपने विचार व्यक्त किये। कार्यक्रम का संचालन पंकज पालीवाल द्वारा किया गया।
200 श्रेष्ठ विद्यार्थियों को मिला पुरूस्कार- पारितोषिक वितरण समारोह की श्रृंखला में दसवीं व बारहवी बोर्ड परिक्षाओं मे 60 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त करने वाले 200 छात्र-छात्राओं को कार्यक्रम के अतिथियों द्वारा पारितोषिक वितरण किया गया। साथ ही न्यास द्वारा विभिन्न विद्यालयों मे कोचिंग प्रदान कर रहे टीचर्स व प्रोग्रम कोर्डिनेटर पंकज पालीवाल व दिनेश को भी समानित किया गया।
अनुभव पुस्तका का विमोचन – कार्यक्रम के दौरान अतिथियों द्वारा स्वामी विवेकानन्द सेवा न्यास द्वारा प्रकाशित अनुभव पुस्तिका का विमोचन किया गया। पुस्तक में न्यास द्वारा अब तक किये गये कार्यो विधवा महिला सेवा, शिक्षा, विद्याालयों में मुलभूत सुविधाओं का विकास, तकनीकी एवं व्यावसायिक शिक्षण के लिए आर्थिक सहायता,आर्थिक स्वावलम्बन, कृषि क्षेत्र मे किये गये कार्य, पशुपालन एवं अप्रैल 2013 से मार्च 2014 तक की आय व व्यय का ब्यौरा प्रस्तुत किया गया है।
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