यूपीएससी में 24 बच्चे ‘जीतो’ से चयनित: कवाड़
जैन इंटरनेशनल ट्रेड ऑर्गेनाइजेशन (जीतो) के वाइस चेयरमैन शांतिलाल कवाड़ ने कहा कि हाल ही यूपीएससी (मेन्स) के घोषित परिणामों में जीतो के माध्यम से पढऩे वाले जैन समाज के बच्चों ने खासी सफलता अर्जित की है। यही ऑर्गेनाइजेशन के गठन की सफलता है।
जैन इंटरनेशनल ट्रेड ऑर्गेनाइजेशन (जीतो) के वाइस चेयरमैन शांतिलाल कवाड़ ने कहा कि हाल ही यूपीएससी (मेन्स) के घोषित परिणामों में जीतो के माध्यम से पढऩे वाले जैन समाज के बच्चों ने खासी सफलता अर्जित की है। यही ऑर्गेनाइजेशन के गठन की सफलता है।
वे यहां होटल अलका में शनिवार शाम ऑर्गेनाइजेशन (जीतो) की प्री लांचिंग मीट को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रहे थे। उन्होंने बताया कि जीतो एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रेनिंग फाउंडेशन (जेएटीएफ) का उद्देश्य युवाओं को सिविल सर्विसेज एवं अलाइड सर्विसेज के लिए तैयार करना है।
‘जीतो’ ने 5 ट्रेनिंग सेंटर्स स्थापित किए हैं और 700 विद्यार्थियों को सहायता दी है। इनमें से 110 विद्यार्थी राष्ट्रीय एवं प्रादेशिक स्तर पर पोस्टेड सरकार में अधिकारी बन चुके हैं।
उन्होंने कहा कि आर्थिक सुदृढ़ता, शिक्षा और सेवा के उद्देश्य को लेकर संस्था का गठन वर्ष 2007 में किया गया था। शिक्षा के क्षेत्र में सफलता का अंदाजा इस से लगाया जा सकता है कि हाल ही में यूपीएससी में ‘जीतोÓ के माध्यम से जैन समाज के कुल 55 बच्चे प्रविष्ट हुए थे जिनमें से 24 बच्चे सफल रहे हैं।
इनमें भी 18 बच्चों की रैंक प्रशासनिक सेवाओं में उच्चतम पद के लिए आई है। विद्यार्थियों को ठहरने के लिए हॉस्टल की सुविधा भी मुहैया कराती है। हाल ही में बैंगलोर में एक हॉस्टल का निर्माण कराया गया है। 14 नए हॉस्टल्स निर्माण की प्रक्रिया में हैं। जीतो जरूरतमंद विद्यार्थियों को एज्यूकेशन लोन भी उपलब्ध कराती है। कुल 900 विद्यार्थियों को रियायती ब्याज दर पर करीब 45 करोड़ रुपए के ऋण दिलाए गए हैं।
सेवा के तहत श्रवण आरोग्यम प्रोजेक्ट के तहत देश भर के समस्त जैन समाज के करीब 11000 साधु-संत हैं जिनमें से करीब 11 हजार को मेडिकल कार्ड जारी किए जा चुके हैं। 1500 साधु-साध्वी भगवंतों को मेडिकल सहयोग प्रदान किया गया है। मेट्रीमॉनियल एक निशुल्क ऑनलाइन सर्विस के साथ देश भर में ऑफ लाइन मेट्रीमॉनी मीटिंग्स का आयोजन भी करते हैं।
हमारा उद्देश्य एकता से सफलता का प्रचार करना, मूल्य आधारित संचालन एवं नैतिक व्यवहार को बढ़ावा देना, राष्ट्र निर्माण में सक्रिय सहयोग के लिए उत्साहित करना, युवाओं के उज्वल भविष्य निर्माण के लिए उन्हें सही दिशा में संगठित करना एवं रोजगार कार्यालय की स्थापना व सही बिजनेस संपर्क व मौके मुहैया कराना है। इन सबमें हम काफी हद तक सफल भी रहे हैं।
उन्होंने ‘जीतोÓ के शुरू किए गए प्रोजेक्ट्स के बारे में बताया कि जीतो एम्प्लॉयमेंट असिस्टेंस प्रोग्राम के तहत बेरोजगारों को रोजगार मुहैया कराया जाता है। करीब 1600 लोगों को रोजगार दिलाने में इस प्रोग्राम के तहत सफलता हासिल हुई है। इसी प्रकार बिजनेसमैन एवं उद्योगपतियों को समीप लाने के लिए ऑनलाइन प्लेटफॉर्म, नेटवर्किंग डायरेक्ट्री में प्रोडक्ट के हिसाब से उद्योगपतियों, उद्यमियों एवं व्यवसायियों से संबंधित विवरण दिया गया है। ट्रेड फेयर के तहत व्यापार व हित समाज के लिए अपने प्रोडक्ट्स व सेवाओं को प्रदर्शित करने के लिए बेहतरीन अवसर प्रदान करता है। व्यावसायिक प्रगति के लिए सेमिनार्स, विचार गोष्ठी व बी टू बी मीटिंग्स का आयोजन ट्रेड कमिटी के माध्यम से किया जाता है। वार्षिक कॉन्फे्रंस, गुड टू ग्रेट, प्रोफेशनल फोरम, मेम्बर वृद्धि व चैप्टर विस्तार प्रकल्प निरंतर जारी हैं।
सकल जैन समाज को एकता के सूत्र में बांधने और फिर सफलता के पथ पर अग्रसर करने के उद्देश्य से गठित संस्था का चैप्टर उदयपुर में लांच करते हुए मुझे हर्ष है। साथ ही ऐसा विश्वास भी है कि उदयपुर में जीतो में काफी प्रगति करेगा और जैन समाज के कमजोर बच्चों को आगे लाने में मदद करेगा।
कार्यक्रम के संयोजक राजकुमार फत्तावत ने स्वागत उदबोधन में कहा कि शक्ति और भक्ति की इस मेवाड़ी धरा पर सबसे कम उम्र में सर्वाधिक ऊंचाइयां छूने वाली इस संस्था के पदाधिकारियों का स्वागत है। ‘जीतोÓ से फाउंडर चेयर परसन (एफसीपी) के रूप में करीब 9 सदस्य जुड़े तथा पैट्रन के रूप में करीब 25 सदस्य उदयपुर से जुड़े। इसमें एफसीपी सदस्य का अंश 11 लाख रुपए तथा पैट्रन का अंशदान 1 लाख रुपए था।
इससे पूर्व डॉ. अनिल भंसाली, एस. आर. मेहता, राजस्थान जोन के चेयरमैन राजेन्द्र वर्डिया, जयपुर चैप्टर के विवेक काला, भीलवाड़ा चैप्टर के महावीर चौधरी आदि ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम के संयोजन में उदयपुर सकल जैन समाज के संघीय संगठनों के पदाधिकारियों का सहयोग रहा।
प्रेस नोट
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