ट्राइजेमिनल न्यूरेल्जिया के आत्मघाती दर्द से 25 सालों बाद मिली राहत
गीतांजली हॉस्पिटल, उदयपुर के कैंसर सेंटर के डॉ शंकर द्वारा 25 सालों से ट्राइजेमिनल न्यूरेल्जिया के दर्द से जूझती 75 वर्षीय महिला का उपचार कर स्वस्थ किया।
गीतांजली हॉस्पिटल, उदयपुर के कैंसर सेंटर के डॉ शंकर द्वारा 25 सालों से ट्राइजेमिनल न्यूरेल्जिया के दर्द से जूझती 75 वर्षीय महिला का उपचार कर स्वस्थ किया।
सिरोही निवासी 75 वर्षीय रोगी रेहाना शेख (परिवर्तित नाम) ने बताया कि वे 20-25 सालों से चेहरे के एक भाग में आत्मघाती (ट्राइजेमिनल न्यूरेल्जिया) दर्द से परेशान थी। 14 साल पहले मुंबई के एक अस्पताल में उनका ऑपरेशन किया गया जिसमें उन्हें बेहोश किए बिना वायर डाल कर उनका ऑपरेशन किया जिसके कारण उन्हें काफी परेशानी हुई।
इसके बाद इन्होंने दिल्ली, जयपुर में भी बताया जहां इन्हें कहा गया कि इनका सिर खोलना पडे़गा। आखिरकार ये उदयपुर के गीतांजली हॉस्पिटल में जाँच करवाने आई और डां शंकर द्वारा इन्हें रेडियोसर्जरी दी गई जिससे कि उन्हें अगले ही दिन दर्द में राहत महसूस हुई। रोगी ने यह भी बताया कि उन्हें पहले खाने-पीने में दिक्कत, पंखे में बैठने से ज्यादा हवा से परेशानी होती थी लेकिन अब राहत है। उन्होंने कहा कि पहले जहां उन्हें दिन की दस दवाईयां लेनी पड़ती थी, वहीं अब उन्हें केवल एक ही दवा लेनी पड़ती है।
रेडियेशन ऑन्कोलोजिस्ट डॉ शंकर ने बताया कि रोगी को रेडियोसर्जरी दी गई जो कि ज्यादातर 65 वर्ष से ज्यादा के रोगियों को दी जाती है जिनकी मेडिकल स्थिति सही नही होती जैसे जिन्हें डायबिटीज या हृदयाघात की बीमारी हो। इस रेडियोसर्जरी से लगभग 48 घंटों में राहत हो जाती है। तो इस मामले में जो फ्रेमलेस रेडियोसर्जरी गीतांजली में हुई वह रक्तहीन व बिना चीरे के थी तथा उन्हें बेहोश करने की भी जरूरत नही पड़ी। इसमें रोगी को 25 मिनट का एक सेशन दिया और इसी में दर्द में 70 प्रतिशत राहत मिल गई।
डॉ. शंकर ने बताया कि इस प्रकार के रोगियों के लिए फ्रेमलेस रेडियोसर्जरी की यह सुविधा केवल मात्र गीतांजली अस्पताल में ही मौजूद है।
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