केमिकल अभियन्ताओं की 29वीं राष्ट्रीय सगोंष्ठी सम्पन्न
दि इंस्टिट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स, इंडिया के उदयपुर लोकल सेंटर तथा इंडियन रबर इंस्ट्टियूट, राजस्थान ब्रांच के संयुक्त तत्वावधान में रासायनिक अभियताओं की दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का समापन दि इंस्टिट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स, इंडिया स्थित स्वतंत्रा सैनानी एम.पी. बया सभागर में हुआ।
दि इंस्टिट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स, इंडिया के उदयपुर लोकल सेंटर तथा इंडियन रबर इंस्ट्टियूट, राजस्थान ब्रांच के संयुक्त तत्वावधान में रासायनिक अभियताओं की दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का समापन दि इंस्टिट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स, इंडिया स्थित स्वतंत्रा सैनानी एम.पी. बया सभागर में हुआ।
समारोह के प्रारम्भ में संस्था के अध्यक्ष डॉ. वाई.सी.भटट् ने सभी अतिथियों का स्वागत किया एवं सह-संयोजक डॉ. सामर बन्धोपाध्याय ने 29वें राष्ट्रीय संगोष्ठी की रिर्पोर्ट एवं अनुशंसाएं प्रस्तुत की।
इस समारोह के मुख्य अतिथि प्रो. अनिल के. भौमिक, निर्देशक आई.आई.टी. पटना ने कम्पोसिट् पदार्थों के विकास एवं भविष्य, रसायनशास्त्र एवं रसायनिक यांत्रिकी के अभिन्न सम्बन्धों पर अपने विचार प्रकट किए।
समारोह में इंडियन रबर इंस्ट्टियूट, राजस्थान ब्रांच के अध्यक्ष डॉ. आर. मुखोपाध्याय ने रसायनिक यांत्रकी के भविष्य पर अपने विचार व्यक्त किये।
इस अवसर पर समारोह का संचालन कोलेज ऑफ टेक्नोलोजी एवं इंजीनियरिंग की प्रियंक पालीवाल ने किया तथा धन्यवाद की रस्म संस्था के आयोजन सचिव इंजीनियर के.सी. भट्ट ने अदा की
मुख्य अनुशंसाएं
कम्पोजिट पदार्थो का धातुओं के स्थान पर उपयोग करने से कम लागत पर शक्तिशाली एवं कम वजन के विकल्प मिलते हैं।
आधुनिक रसायन इंजीनिरिंग अनंुसंधान से माइक्रो एवं नेनो पदार्थो एवं उनके फेबरीकेशन का उपयोग बढेगा।
नानो कम्पोसिट कार्बनिक एवं अकार्बनिक घटकों के संकरण से उत्पादित किये जाते हैं। सृदृढीकरण के लिए प्रयुक्त ग्रेफाइट कार्बन नानो ट्यूब, कार्बन नॉनों फाईबर, कार्बन ब्लेक और ग्रेफाइट के उपयोग का सुझाव दिया।
भवन निर्माण में गन्ने के भूसे और पीवीसी के संकरण से निर्मित घटक के भविष्य में उपयोग की संभावना है।
रबर, प्लास्टिक, ग्लास वूल के कम्पोजित से रबर के बांध बनने की पूर्ण संभावना व्यक्त की गई।
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