3 दिवसीय राजस्थान स्टेट डेन्टल कांफ्रेस प्रारंभ
इण्डियन डेन्टल एसोसिएशन की उदयपुर शाखा के आतिथ्य में 3 दिवसीय राजस्थान स्टेट डेन्टल कांफ्रेस का आयोजन शुक्रवार से पेसेफिक युनिर्वसिटी के सभागार में प्रारंभ हुआ। उद्घाटन शाम को मुख्य अतिथि राष्ट्रीय महिला आयोग की पूर्व अध्य
इण्डियन डेन्टल एसोसिएशन की उदयपुर शाखा के आतिथ्य में 3 दिवसीय राजस्थान स्टेट डेन्टल कांफ्रेस का आयोजन शुक्रवार से पेसेफिक युनिर्वसिटी के सभागार में प्रारंभ हुआ। उद्घाटन शाम को मुख्य अतिथि राष्ट्रीय महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष एवं सांसद डॉ. गिरिजा व्यास ने किया।
कार्यक्रम के विशिष्ठ अतिथि डॉ. ए.के. गुप्ता और कांन्फ्रेस के संरक्षक बी.आर. अग्रवाल थे। इस कांफ्रेस में 700 से अधिक प्रतिभागी भाग ले रहे है। कांफ्रेस में देशभर से 17 मुख्य वक्ता दंत चिकित्सा के क्षेत्र में हो रहे नवीनतम अविष्कार के बारे में जानकारी प्रदान करने हेतु लेकसिटी में उपस्थित हुए है।
अपने उद्बोधन में डॉ. गिरिजा व्यास ने कहा कि दांतो के रोगों के प्रति आम जन आज भी अनभिज्ञ है। जिन्हे शिक्षित किया जाना आवश्यक है। इसके लिए जागरूकता कार्यक्रम के माध्यम से दंत चिकित्सक महत्ती भूमिका निभा सकते है। साथ ही उन्होंने दंत चिकित्सको से संवेदनशीलता के साथ कार्य करने का आव्हान किया। डॉ. ए.क. गुप्ता ने कहा कि विदेशों की तुलना में भारत में बेहतर व सस्ता उपचार है और उदयपुर में दंत चिकित्सा को लेकर नवीनतम तकनीक भी उपलब्ध है। जिससे रोगियों को उदयपुर से बाहर जाने की आवश्यकता नहीं होती और उन्हें सस्ता इलाज यही मिल जाता है।
उद्घाटन सत्र में बी.आर. अग्रवाल ने सभी प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए कहा कि वह यहां से जो भी नया ज्ञान ग्रहण करे उसका उपयोग जरूरतमंदों के उपचार में करें। इस मौके पर कान्फ्रेस की स्मारिका का विमोचन भी किया गया। कार्यक्रम के प्रारंभ में कांफ्रेस के अध्यक्ष डॉ. ललित माथुर ने सभी का स्वागत किया। तत्पश्चात् इण्डियन डेन्टल एसोसिएशन की राजस्थान इकाई के अध्यक्ष डॉ. ए भगवानदास राय ने स्वागत उद्बोधन दिया। सचिव जी.एस. वालिया ने वार्षिक प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। उद्घाटन सत्र के अंत में आयोजन सचिव डॉ. निखिल वर्मा ने सभी का आभार जताया।
इससे पहले प्रात: 9.30 बजे से अपरान्ह 3.30 बजे तक प्री कांफ्रेस कोर्स का सेशन चला। जिसमें दंत विशेषज्ञों ने लाइव डेमो के जरिये डेन्टल मेडिकल के क्षेत्र में हो रहे नवीनतम तकनीको से उपचार व अविष्कारो की जानकारी दी। इस सेशन के समन्वयक डॉ. प्रशान्त नाहर ने बताया कि इस प्री कांफ्रेस सेशन मेे डॉ. भगवानदास ने अक्ल डाढ निकालने की सर्जरी, डॉ. सतीश भारद्धाज ने डेन्टल इन प्लांट पद्धति और मुम्बई से आयी डॉ. रूम्पाविग ने दांतों की सुन्दरता को बनाए रखने की तकनीक बताई। साथ ही डॉ. निखिल बहुगुणा ने नई मशीन के जरिये रूट केनाल, डॉ. जगदीश पाई ने लेजर के माध्यम से दांतो की विभिन्न समस्याओं के उपचार डॉ. सत्य बोथ गुत्थल ने इनप्लांट के एटेचमेन्ट और डॉ. हरप्रीत सिंह ने इन्डो डोन्ट्रिक्स (नयी फिलिंग मटेरियल) पर विस्तारपूर्वक जानकारी दी।
शनिवार को कांफ्रेस के दूसरे दिन 36 तकनीकी सत्रों व तीसरे दिन तकनीकी सत्रों में दांतो के उपचार से जुड़े से विभिन्न पहुलओं पर विचार विमर्श होगा।
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