75 फीसदी परिणाम वाले हर विद्यालय को एमएलए कोटे से 50 हजार
ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज मंत्री गुलाबचन्द कटारिया ने कहा कि शिक्षा एवं संस्कार ही देश व समाज की तरक्की के आधार है, उन्होंने शिक्षकों का आह्वान किया कि वे अपने दायित्वों का ईमानदारी से निर्वहन करते हुए शैक्षिक मूल्यों को पुनः स्थापित करें।
ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज मंत्री गुलाबचन्द कटारिया ने कहा कि शिक्षा एवं संस्कार ही देश व समाज की तरक्की के आधार है, उन्होंने शिक्षकों का आह्वान किया कि वे अपने दायित्वों का ईमानदारी से निर्वहन करते हुए शैक्षिक मूल्यों को पुनः स्थापित करें।
वे मंगलवार को उदयपुर में रेजीडेन्सी बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय में आयोजित जिला स्तरीय गार्गी पुरस्कार वितरण समारोह को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि विद्यार्थी का दायित्व केवल उच्च शिक्षा एवं स्वयं को स्थापित करने तक ही सीमित नहीं है, उन्हें पिछडे तबके के उत्थान के लिए भागीदारी निभाकर अपने पर परिवार व समाज के ऋण उतारने की जरूरत है। विद्यार्थी पूर्ण ऊर्जा, धैर्य व निष्ठा के साथ हर चुनौती को स्वीकार करें एवं आगे बढें।
उन्होंने कहा कि गांवों में आज भी विषय नहीं मिलने से मेधावी छात्राओं को अपनी इच्छा के अनुरूप आगे बढने का मौका नहीं मिल पाता। सरकार के प्रयास रहेंगे कि वहॉ जरूरत के अनुरूप उन्हें विषयों की उपलब्धता वहीं के विद्यालयों में हो। कला के साथ ही वाणिज्य विषय को हर विद्यालय में अनिवार्य करने पर भी सरकार पूरे प्रयास कर रही है।
उन्होंने कहा कि सरकार के स्तर पर बालिकाओं को गॉव से शहर में अध्ययन के लिए आने-जाने के लिए नि:शुल्क बस सुविधा का प्रावधान भी किया जायेगा। उन्होंने कहा कि हर क्षेत्र में बालिकाओं का प्रदर्शन श्रेष्ठ है, आज भारत के विश्वविद्यालयों में 60 फीसदी स्वर्ण पदक बेटियां ले जाती हैं।
बालिकाओं के सुरक्षित भविष्य के लिए जन्म से लेकर उनकी शादी तक के महत्वपूर्ण दायित्वों की योजना भी सरकार के विचाराधीन है। उन्होंने अपने विधायक मद से ऐसी शालाओं को 50 हजार देने की घोषणा की जहॉ परिणाम 75 फीसदी या अधिक रहता है। यह राशि शाला के विकास पर व्यय होगी।
इस मौके पर मंत्री गुलाबचन्द कटारिया, शिक्षा उपनिदेशक जे.पी. खण्डेलवाल, शिक्षाधिकारी कृष्णा चौहान, भरत मेहता सहित अन्य अतिथियों ने प्रतिभावान 724 छात्राओं को गार्गी पुरस्कार से सम्मानित किया। जबकि 14 अन्य प्रतिभावान छात्राओं को इंदिरा गांधी प्रियदर्शिनी पुरस्कार के चैक वितरित किये गए।
समारोह के आरंभ में जिला शिक्षा अधिकारी कृष्णा चौहान ने स्वागत उद्बोधन दिया। कार्यक्रम का संयोजन महेन्द्र तलेसरा व रंजना कोठारी ने किया।
समारोह में शिक्षा सहायक निदेशक पार्वती कोटिया, शिक्षाविद् रजनी कुलश्रेष्ठ, खेलशंकर व्यास, कार्यक्रम प्रभारी हेमलता मेनारिया सहित बडी संख्या में गणमान्य लोग एवं छात्राएं अध्यापक मौजूद थे।
संभाग में 2005 को गार्गी एवं 81 को प्रियदर्शिनी पुरस्कार
प्रतिभावान छात्राओं को दिए जाने वाले गार्गी पुरस्कार एवं इंदिरा प्रियदर्शिनी पुरस्कार के तहत उदयपुर संभाग की 2086 छात्राओं को सम्मानित किया गया है।
सहायक निदेशक (माध्यमिक) पार्वती कोटिया ने बताया कि गार्गी पुरस्कार से संभाग की 2005 छात्राओं में उदयपुर जिले की 724, बांसवाडा की 273, डूंगरपुर की 183, चित्तौडगढ की 392, राजसमन्द की 298 तथा प्रतापगढ जिले की 135 छात्राओं को पुरस्कृत किया गया।
इसी प्रकार इंदिरा पुरस्कार से उदयपुर, डूंगरपुर व चित्तौडगढ की 14-14 तथा बांसवाडा, राजसमन्द व प्रतापगढ जिले की 13-13 छात्राएं सम्मानित की गई।
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