पंचायती राज में 50 फीसदी रहे महिला आरक्षण
पंचायती राज में महिलाओं के लिए आरक्षण 50 प्रतिशत रहना चाहिए, इसे कम नहीं करना चाहिए। महिलायें बहुत कठिनाइयों के बीच घर से निकली हैं और आरक्षण के कारण ही राजनीति में उनकी भागीदारी बढ़ी है।
पंचायती राज में महिलाओं के लिए आरक्षण 50 प्रतिशत रहना चाहिए, इसे कम नहीं करना चाहिए। महिलायें बहुत कठिनाइयों के बीच घर से निकली हैं और आरक्षण के कारण ही राजनीति में उनकी भागीदारी बढ़ी है।
ये विचार सराड़ा पंचायत समिति की प्रधान रेशमा मीणा ने विद्या भवन स्थानीय स्वशासन एवं उत्तरदायी नागरिकता संस्थान की ओर से पंचायत समिति सभागार में आयोजित पंचायत मेले में व्यक्त किए। मेले में उपस्थित महिला पंचों व अधिकतर पुरुष पंचों ने उनकी बात का समर्थन किया। नगर निकाय के चुनावों में महिला आरक्षण को पुनः 33 प्रतिशत किए जाने के संदर्भ में श्रीमती रेशमा ने स्वयं का उदाहरण दिया। उनकी तरह अन्य महिला जनप्रतिनिधि अपना घर-परिवार भी संभालती हैं और राजनीति के ज़रिए जनता की सेवा भी करती हैं।
खुले सत्र में जावद के पंच खुमाणसिंह ने कहा कि स्वास्थ्य केन्द्र, स्कूल व आँगनवाडि़यों में आर.ओ. लगवाकर शुद्ध जल की व्यवस्था होनी चाहिए। वीरपुरा के पंचों लक्ष्मण व रामपुरी गोस्वामी ने बताया कि दो हैण्डपम्प के लिए नलकूप 300 फीट की बजाए 150 फीट ही खोदे गए, जिसपर प्रधान ने जाँच का आश्वासन दिया। थाणा के पंच शंकरलाल ने बण्डोली में आँगनवाड़ी केन्द्र दूर होने से बच्चों व गर्भवतियों के पहुँचने में समस्या बताई। झाड़ोल के पंच अनिल चौबीसा ने आवास योजना की राशि वैबसाईट पर जमा दिखाने किन्तु खाते में जमा नहीं होने के मामले बताये तथा भामाशाह योजना में खाते खुलवाने पर जानकारी चाही।
प्रधान ने बताया कि पंचायत समिति द्वारा राशि हस्तान्तरण के लिए जि़ला परिषद् से सतत् सम्पर्क किया जा रहा है। संयुक्त खाता होने पर नया खाता खुलवाना होगा। पंच खेमराज पटेल ने बताया कि एक निजी बैंक ने हस्ताक्षर करने में अक्षम लोगों के खाते खोलने से मना कर दिया है। इसपर संस्थान के केशव दवे ने तत्काल बैंक से सम्पर्क किया और बताया कि किसी को खाता खोलने से मना नहीं किया जाएगा। प्रधान ने कहा कि भामाशाह योजना के शिविर में खाता खुलवाने के लिए आवेदन करें और समस्या होने पर सम्पर्क करें। धनकावाड़ा के उपसरपंच वेलजी परमार ने कहा कि पेंशन के आवेदन में में आधार कार्ड को नहीं माना जा रहा है जबकि भामाशाह में ज़रूरी कर दिया गया है।
यह दुविधाजनक है। कई व्यक्तियों को दो माह तक सही पेंशन मिली जबकि विगत तीन से छह माह से पेंशन बंद हो गई। मालूम हुआ कि कम्प्यूटर में उनके पते बदल गए और इन्हें सही कराने की कोई प्रक्रिया भी नहीं बताई जा रही है। चर्चा में कातनवाड़ा के सरपंच धनराज मीणा, सुरखण्ड खेड़ा के पंच देवजी व तुलसी मीणा आदि ने भी भाग लिया। प्रगति प्रसार अधिकारी गुलाबसिंह झाला ने पालनहार व पेंशन योजनाओं तथा बी.पी.एल. में नाम जुड़वाने-हटवाने की जानकारी दी।
जन्म-मृत्यु प्रमाण-पत्र अब पंचायतों में कम्प्यूटर से बनने लगे हैं। उन्होंने बताया कि झाड़ोल, चावण्ड, केजड़ आदि पंचायतों में अपात्रों ने बी.पी.एल. आवास में लाभ ले लिया, जिनकी जाँच चल रही है।
अतिरिक्त ब्लॉक शिक्षा अधिकारी मुरलीधर चौबीसा ने कहा कि सराड़ा पंचायत समिति में लगभग पूर्ण नामाँकन है, जिसका श्रेय पंचायती राज के जनप्रतिनिधियों को भी जाता है। पंचों के प्रश्न पर उन्होंने बताया कि एस.एम.सी. का प्रस्ताव भेजकर विद्यालय में हैण्डपम्प की व्यवस्था की जा सकती है।
संस्थान के केशव दवे ने जादू के खेल के ज़रिए अन्धविश्वासों की वैज्ञानिक व्याख्या की।
मेले के तहत महिला सम्मेलन में विगत कार्यकाल व आगामी चुनावों पर चर्चा की गई। महिला पंचों ने पंचायती राज में महिला आरक्षण 50 प्रतिशत ही रखने पर अपनी बात पुरज़ोर ढँग से कही।
प्रारम्भ में ‘मन्थन’ व ‘ज़माना बदल गया’ फिल्में दिखाई गईं। संस्थान के न्यूज़लैटर ’पंचायत परिवार’ व ’महिला शक्ति’ से नवीन जानकारियों पर चर्चा हुई। संकाय सदस्य खेमराज शर्मा ने आभार व्यक्त किया। संचालन डॉ. स्मिता श्रीमाली ने किया।
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