50 वर्षीय महिला के पेट में फंसे बालों के गुच्छे
गीतांजली हॉस्पिटल के गेस्ट्रोएंटेरोलोजिस्ट डॉ आशीष मेहता व उनकी टीम ने बिना ऑपरेशन के एंडोस्कोपी द्वारा पेट से बालों व धागों का गुच्छा निकाल 50 वर्षीय महिला का सफल उपचार किया।
गीतांजली हॉस्पिटल के गेस्ट्रोएंटेरोलोजिस्ट डॉ आशीष मेहता व उनकी टीम ने बिना ऑपरेशन के एंडोस्कोपी द्वारा पेट से बालों व धागों का गुच्छा निकाल 50 वर्षीय महिला का सफल उपचार किया। इस एंडोस्कोपी की प्रक्रिया में डॉ मेहता के साथ उनकी टीम में निश्चेतना विभाग के डॉ राजनेन्द्र शर्मा व टेक्नीशियन संजय सोमरा भी शामिल थे।
डॉ मेहता ने बताया कि डूंगरपुर निवासी 50 वर्षीय प्रवीणा चौबीसा तीन महिनों से पेट में दर्द, व उल्टी की तकलीफ को लेकर गीतांजली हॉस्पिटल आई। तब प्रारंभिक जांचों व एंडोस्कोपी करने पर पता चला कि पेट में काले रंग का बाल, धागे, व भोजन सब चिपका हुआ था और इसी से एक गठान बन गई थी।
इस गठान के पेट में होने से छोटी आंत के रास्ते को रोक दिया था, जिसकी वजह से पेट में दर्द और उल्टीयां हो रही थी। इसलिए पहले एंडोस्कोपी द्वारा निडल से गठान को छोटे छोटे भागों में विभाजित किया और फिर ओवरट्यूब (सीलीकोन की नली) के माध्यम से निकाला गया। उन्होंने यह भी बताया कि इस तरह के मामलों में सामान्यतः ऑपरेशन ही एकमात्र इलाज होता है, लेकिन इस केस में एंडोस्कोपी द्वारा ही उपचार हो गया। साथ ही बताया कि एंडोस्कोपी करने से रोगी को यह फायदा हुआ कि इलाज कम खर्च में हो गया, पेट में चीरा नही लगाना पड़ा व अगले दिन छुट्टी भी हो गई।
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