भगवान एकलिंगनाथ के होंगे 52 रूद्राभिषेक
फाल्गुन कृ ष्णा त्रयोदशी तदनुसार 17 फरवरी, मंगलवार को कैलाशपुरी स्थित मंदिर श्री एकलिंगजी में महाशिवरात्रि का महोत्सव रात्रि 10 बजे से मनाया जाएगा। शिवरात्रि को त्रिकाल पूजा सामान्य दिनों की तरह ही होगी।
फाल्गुन कृ ष्णा त्रयोदशी तदनुसार 17 फरवरी, मंगलवार को कैलाशपुरी स्थित मंदिर श्री एकलिंगजी में महाशिवरात्रि का महोत्सव रात्रि 10 बजे से मनाया जाएगा। शिवरात्रि को त्रिकाल पूजा सामान्य दिनों की तरह ही होगी।
श्रीएकलिंगजी ट्रस्ट के अनुसार महाशिवरात्रि की विशेष पूजा मंगलवार रात्रि 10 बजे से आरंभ होगी जो चार प्रहर तक निरंतर चलती रहेगी और दूसरे दिन बुधवार प्रात: 11.30 से 12.00 बजेे के बीच पूर्ण होगी। चारों प्रहर की पूजा में विशेष श्रृंगार किया जाएगा। विशेष पंचामृत धारण होगा।
52 रूद्राभिषेक : महाशिवरात्रि पर चारों प्रहर की पूजा में प्रत्येक प्रहर में 13 रूद्रीपाठ होंगे। प्रत्येक प्रहर में सवा नौ किलो, प्रत्येक दूध, दही, घी, शहद एवं शक्कर से पंचामृत श्री एकलिंगनाथ को धारण कराया जाएगा। इस प्रकार कुल सवा 46 किलो की मात्रा में पंचामृत की सामग्री एक प्रहर में चढ़ाई जाएगी एवं 52 रूद्राभिषेक होंगे।
महाशिवरात्रि पर पैलेस बैण्ड सेवा में चारों प्रहर बजेगा। महाशिवरात्रि पर चारों प्रहर की पूजा में दर्शन मंगलवार रात्रि 10 बजे से दूसरे दिन बुधवार अपरान्ह तक निरंतर खुले रहेंगे, क्योंकि महाशिवरात्रि की पूजा निरंतर चलती रहती है। दर्शनार्थी बुधवार सुबह 11.30 बजे तक महाशिवरात्रि के दर्शन लाभ ले सकेंगे, इसके बाद नियमित त्रिकाल पूजा आरंभ होगी जिसके चलते सामान्य दर्शन पुन: बुधवार रात्रि 8 बजे तक लगातार खुले रहेंगे।
श्री एकलिंगजी ट्रस्ट की ओर से सभी श्रद्धालुओं से अपील की जाती है कि वे मंगलवार सुबह की बजाय मंगलवार रात्रि से बुधवार दोपहर तक शिवरात्रि के दर्शनों का लाभ लेवें।
दर्शन का समय : 17 फरवरी, मंगलवार को महाशिवरात्रि के शुभ पर्व पर अलसुबह 4.30 से 7.00 बजे तक, मध्यान्ह 10.30 से 1.30 बजे तक, सायंकाल 5.00 से 7.30 बजे तक, महाशिवरात्रि पूजन (चार प्रहर) : रात्रि 10 से प्रथम प्रहर की सेवा प्रारंभ होगी। महाशिवरात्रि की पूजा एवं दर्शन मंगलवार रात्रि 10 बजे से बुधवार सुबह 11.30 बजे तक श्री एकलिंगजी मंदिर के पाट निरंतर खुले रहेेंगे।
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