नेट परीक्षा में 5813 विद्यार्थियों ने दी परीक्षा
विश्वविध्यालय अनुदान आयोग की ओर से आज उदयपुर के 6 केन्द्रों में राष्ट्रिय योग्यता परीक्षा (नेट) हुई जिसमें कुल 5813 विद्यार्थियों ने परीक्षा दी।
विश्वविध्यालय अनुदान आयोग की ओर से आज उदयपुर के 6 केन्द्रों में राष्ट्रिय योग्यता परीक्षा (नेट) हुई जिसमें कुल 5813 विद्यार्थियों ने परीक्षा दी।
विज्ञान महाविद्यालय के डीन और यूजीसी परीक्षा के समन्वयक प्रो. महीप भटनागर ने बताया कि इस बार परीक्षा में पेपर पैटर्न बदलने से विद्यार्थियों के प्रवेश पत्र को लेकर थोड़ी परेशानी जरुर आई परन्तु इसका हल भी हमने निकाल लिया। उन्होंने कहा कि अब तक तो यह मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविध्यालय की वेबसाइट पर आसानी से मिल जाता था परन्तु इस बार पेपर पैटर्न बदलने से यह अनिवार्य हो गया है की अब यूजीसी की वेबसाइट से ही प्रवेश पत्र डाउनलोड करने होगे।
भटनागर ने कहा कि जिन भी विद्यार्थियों के प्रवेश पत्र नहीं समय पर नहीं मिल पाए उन्हें परीक्षा के दो दिन पहले ही यह सुचना दी गयी थी की वह परीक्षा केंद्र पर यूजीसी की साईट से फॉर्म की रसीद, दो फोटो, परिचय पत्र लाए, जिससे उन सभी विद्यार्थियों को परीक्षा में प्रवेश मिल जायेगा।
यहाँ पर हुई परीक्षा
1. बीएनपीजी महाविद्यालय में डिफेन्स, होमसाइंस, संस्कृत, जोग्राफी, दृश्य कला और टूरिज्म की परीक्षा में कुल 1574 विद्यार्थियों ने परीक्षा दी।
2. बीएनपीजी कन्या महाविद्यालय में इतिहास, हिंदी, उर्दू, संस्कृत, मानव अधिकारी की परीक्षा हुई जिनमें 1340 विद्यार्थियों ने परीक्षा दी।
3. गुरु नानक गर्ल्स कॉलेज में राजनीतीशास्त्र, फिलोसफी, जनसंख्या, अध्यन, मराठी, राजस्थानी, विधि, विज्ञान के वातावरण जिनमें में 1008 विद्यार्थियों ने परीक्षा दी।
4. कला महाविद्यालय में वाणिज्य, संगीत, जन संपर्क, कंप्यूटर विज्ञान, इलेक्ट्रॉनिक विज्ञान में 688 विद्यार्थियों ने परीक्षा दी।
5. मीरा गर्ल्स महाविद्यालय में समाज शास्त्र, मानवशास्त्र, अंग्रेजी, श्रम कल्याण, महिला अध्ययन जिनमें में 600 विद्यार्थियों ने परीक्षा दी।
6. विज्ञान महाविद्यालय में शिक्षा, अर्थशास्त्र, सार्वजनिक जिसमें लगभग 500 विद्यार्थियों ने परीक्षा दी।
परीक्षा दो भागो में हुई पहला पेपर सुबह 9.30 बजे शुरू होकर 12.00 बजे तक चला और दूसरा पेपर जो सभी विद्यार्थियों के लिए वैकल्पिक था वो 1.30 से 4.00 बजे तक चला। पहला पेपर खत्म होते ही कई विद्यार्थियों के चेहरे पर खुशी दिखी तो कईयों के चेहरे उदास दिखे और कईयों ने कहा की ऑब्जेक्टिव पेपर पैटर्न होने से समय खाफी बचा और हर प्रशन को अच्छे से करने में खाफी वक्त भी मिल पाया और हर साल से इस बार का पेपर सरल भी था।
ऑब्जेक्टिव पेपर पैटर्न होने से सभी विद्यार्थियों को एक फायदा जरुर है की इसमें कोई नेगेटिव मार्किंग नही होगी।
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