नाट्यांश संस्था के 7 वर्ष हुए पूर्ण

नाट्यांश संस्था के 7 वर्ष हुए पूर्ण 
 

7 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में संस्था के कलाकारों द्वारा गुरुवार की शाम को अलग-अलग लघु नाटकों का मंचन सादडी हवेली, नाईयों की तलाई स्थित नाट्यांश वर्कप्लेस पर किया गया।
 
नाट्यांश संस्था के 7 वर्ष हुए पूर्ण
संस्था के कलाकारों ने दो लघु नाटक “भोपाल की ट्रेन” एवं “खुदा हाफिज़” का मंचन किया।

उदयपुर। नाट्यांश नाटकीय एवं प्रदर्शनीय कला संस्थान, उदयपर के 7 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में संस्था के कलाकारों द्वारा गुरुवार की शाम को अलग-अलग लघु नाटकों का मंचन सादडी हवेली, नाईयों की तलाई स्थित नाट्यांश वर्कप्लेस पर किया गया। संस्था के कलाकारों ने दो लघु नाटक “भोपाल की ट्रेन” एवं “खुदा हाफिज़” का मंचन किया।

नाट्यांश संस्था के सह-संस्थापक मोहम्मद रिज़वान मंसूरी ने बताया की पहली प्रस्तुति तपन भट्ट द्वारा लिखित एवं अमित श्रीमाली द्वारा निर्देशित हास्य लघु नाटक “भोपाल की ट्रेन” का प्रदर्शन किया जिसमे महेश कुमार जोशी, दिशा सक्सेना, पीयूष गुरुनानी, जय देव नागदा, अवि डेम्बला, राकेश अरोडा एवं रमण कुमार ने अदाकारी की और अपने अभिनय से दर्शकों को गुदगुदाया और खूब तालिया बटोरी। 

अगली प्रस्तुति गुलजार द्वारा लिखित एक कहानी का नाट्य रूपान्तरण “खुदा हाफिज़” किया गया जिसमे अमित श्रीमाली और मोहम्मद रिज़वान मंसूरी ने अपने दमदार अभिनय के जरिये दंगों के समय होने वाली परिस्थितियों को उजागर किया और नाटक के माध्यम से मुश्किल परिस्थितियों मे जाति-धर्म के भेदभाव को भूल कर एक इन्सान के रूप मे एक-दूसरे की मदद करना और सामाजिक सोहार्द्र की भावनाओं को प्रस्तुत करने का संदेश दिया। 

इस नाट्य संध्या को सफल बनाने मे अशफाक़ नूर खान, ईशा जैन, अगस्त्य हार्दिक नागदा एवं राघव गुर्जरगौड का महत्वपूर्ण योगदान रहा।

कार्यक्रम के अंत मे संस्था के अध्यक्ष अशफाक़ नूर खान ने बताया की संस्थान पिछले 7 वर्षों से विभिन्न सामाजिक और देश निर्माण के मुद्दों पर लगातार जन जागरूकता के लिए नुक्कड़ नाटक एवं मंचीय नाटकों के प्रदर्शनों से अलख जगाने का कार्य किया जा रहा है। संस्था ने कई विध्यार्थियों को जागरूक करने के लिए विध्यालयों में जाकर नाटक एवं कई कार्यशालाओं का भी आयोजन किया है। इन सभी प्रयासों मे बीते 7 वर्षों में संस्था ने अब तक रंगमंच के विभिन्न क्षेत्रों मे मे कार्य किया है जिनमे से नुक्कड़ नाटक, पूर्णांकि नाटक, लघु नाटक, एकल नाटक, नाट्य कार्यशाला, राष्ट्रीय नाट्य महोत्सव, कहानी पाठ एवं कविता पाठ मुख्य रूप से है। 

अंत मे संस्था के संथापक अमित श्रीमाली ने सभी का इस अवसर पर सम्मलित होने के लिए धन्यवाद किया और निकट भविष्य में भी इस तरह के मंचन करने की योजना को सभी के साथ सांझा किया।

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