चंपाबाग और 272 विवादित भूखंड की जांच एसीबी से कराने का आग्रह

चंपाबाग और 272 विवादित भूखंड की जांच एसीबी से कराने का आग्रह

जनता सेना ने एसीबी के मुखिया से किया आग्रह तो कांग्रेस के दिनेश श्रीमाली ने संभागीय आयुक्त को दिया ज्ञापन

 
janta sena

उदयपुर। चंपाबाग भूमि पर अवैध बेचान और नगर निगम के 272 विवादित भूखंड के विरोध में जनता सेना और कांग्रेस ने कमर कस ली है। मंगलवार को जनता सेना से पूर्व विधायक रणधीर सिंह भींडर और वरिष्ठ नेता मांगी लाल जोशी ने एसीबी के मुखिया बी एल सोनी से इस मामले गहन मन्त्रणा की तो निगम के पूर्व नेता प्रतिपक्ष रहे दिनेश श्रीमाली काँग्रेस कार्यकर्ताओ सहित संभागीय आयुक्त से मिल निगम के इस महा घोटाले की जांच की मांग करने पहुंचे। 

भींडर ने सोनी से आग्रह किया कि इस मामले को एसीबी अपने अधीन लेकर गहन जांच करे तो कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आएंगे। राजनैतिक संरक्षण में विश्वविद्यालय की भूमि का क्रय विक्रय अवैध तरीके से करना और फिर सवाल उठने पर अपने स्तर पर स्वयं ही स्वयं को क्लीनचिट देने की परंपरा पर अब एसीबी ही लगाम लगा सकती है।

महानिदेशक सोनी से इस मुलाकात में भींडर से सवाल जवाब भी हुए। रणधीर सिंह भींडर ने बताया कि सोनी ने उन्हें कहा है कि सरकार से 272 भूखंड मामले की जांच एसीबी को मिल सकती है और मिली तो हम निष्पक्ष जांच कर सत्य सामने लाएंगे।

जनता सेना के मांगी लाल जोशी ने कहा कि यू आई टी में पहले भी प्रधानमंत्री आवास योजना में घोटाले, निगम में चारा घोटाला, झीलों में अवैध नाव संचालन आदि मीडिया में सुर्खियों में रहे हैं और निगम में 26 वर्षों से भाजपा का ही बोर्ड रहने से निगम अधिकारियों का एक सिंडिकेट शहर में सक्रिय है। अब 272 भूखंड मामले में भी कई बड़े हाथियों के संलिप्त होने की सम्भवना से इनकार नहीं किया जा सकता है। क्योंकि निगम ने जांच कमेटी बनाई जिसमें 120 प्लॉट बेनाम लोगों को अलोट किए जाने की बात सामने आई है। इतने बड़े भू घोटाले और सरकारी संपत्ति खुली लूट प्रकरण में दोषी अधिकारियों, जनप्रतिनिधियों और कुछ नेताओं के रिश्तेदारों के नाम भी सामने आ रहे हैं। 

यूआईटी द्धारा नगर निगम को हस्तांतरित की गयी कॉलोनियों के शेष भूखंडो की जांच में बने उच्चस्तरीय कमेटी- दिनेश श्रीमाली 

dinesh shrimali

निगम के पूर्व नेता प्रतिपक्ष रहे दिनेश श्रीमाली काँग्रेस कार्यकर्ताओ सहित संभागीय आयुक्त से मिल निगम के इस महा घोटाले की जांच की मांग करने पहुंचे। पूर्व नेता प्रतिपक्ष दिनेश श्रीमाली ने बताया की नगर विकास प्रन्यास द्वारा समय समय पर विकसित कोलोनियो को नगर निगम (तत्कालीन नगर परिषद) को विकास एव मुलभूत सुविधाओ के लिए हस्तांतरित कि गयी इनमे यूआईटी के ऐसे भुखण्ड जो खाली रह गए उनको भी हस्तांतरित किया गया जिनको निगम द्धारा अपने स्वामित्व मे लेकर लीज, बेचान या अन्य तरीके से निष्पादित किया जाना था ऐसे खाली भुखण्डों कि संख्या लगभग 272 थी। परन्तु नगर निगम द्वारा अपने कर्तव्यो कि पालना नही करते हुए अधिकारियों, कर्मचारियो, तथा जनप्रतिनिधियों ने अवैध तरीको से नियम विरुद्ध, अवैधानिक तरीके अपनाते हुए इन प्लॉटो मे से अधिकांश को खुर्दबुर्द, अवैध बेचान या कब्ज़े करवा दिये गये जिसमे सरकार को करोडो रुपये कि राजस्व हानि हुई है यह हानि लगभग 500 करोड़ से ऊपर की है ।

इस सम्बन्ध मे पार्षदगणो द्धारा समय समय पर विभिन स्तर पर विरोध कर, सही जाँच कराकर के दोषियो के विरुद्ध कार्यवाही कि मांग कि गयी परन्तु आपको यह बताते हुए आश्चर्य हो रहा है कि नगर निगम के महापौर द्धारा इतने बड़े भ्रष्टाचार पर एक जाँच कमेटी का गठन किया गया और राजनैतिक दबाव के कारण तुरन्त उस कमेटी को दूसरे दिन भंग कर नई कमेटी का गठन कर दिया गया जिससे उनकी मंशा पर भ्रष्टाचार की बु आने लगी ।

उच्चस्तरीय जांच की मांग के साथ दिनेश श्रीमली सहित प्रतिनिधि मण्डल में भूषणप्रकाश, तरुण भटनागर, संजय दशोत्तर, शैतान सिंह झाला, उमेश परिहार, हितेश पुरोहित, शाहबाज़ हुसैन, पीयूष शर्मा सहित आदि कार्यकर्ता मौजूद थे ।
 

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