उदयपुर 11 जुलाई 2022 । जिले में सक्रिय हुए मानसून के दौरान बिजली गिरने की घटनाओं से होने वाले नुकसान से बचाव के लिए जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अध्यक्ष एवं जिला कलक्टर ताराचंद मीणा ने जिले वासियों को सचेत किया है। उन्होंने आमजन एवं मवेशियों की सुरक्षा के लिए जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की ओर से तीव्र गर्जना एवं वज्रपात के दौरान व उसके उपरान्त बरती जाने वाली सावधानियों को बरतने एवं सतर्क रहने की सलाह दी है।
कलक्टर मीणा ने बताया कि विभागीय गाइडलाइन अनुसार तीव्र गर्जना एवं वज्रपात के दौरान लोगों को आकाश में छाए बादलों हवा पर नजर रखने व तीव्र गर्जन सुनने पर सुरक्षित स्थान पर आश्रय लेने, बिजली गर्जन के समय पेड़, टीन या अन्य धातु की छतों के नीचे या पास में खड़े नहीं होने, भीड़ में खड़े होने से बचने की सलाह दी है। उन्होंने बताया कि गड़गड़ाहट के अंतिम गर्जन के बाद कम से कम 30 मिनट के लिए गतिविधियों को स्थगित करने को कहा गया है।
उन्होंने स्थानीय मीडिया द्वारा जारी सूचना चेतावनी और निर्देशों का पालन करने, बिजली कड़कने या गर्जना की स्थिति में घर से बाहर न निकलने, बच्चों, बुजुर्गों, गर्भवती महिलाओं व जानवरों के लिए सुरक्षित स्थान सुनिश्चित करने, सभी विद्युत उपकरणों को बंद करने, तारों व बहते पानी के संपर्क से बचने, धात्विक ध्वज के पोस्ट धातु, पाइप या ऊर्ध्वाधर पाइप के पास नहीं जाने, कंक्रीट के फर्श पर न लेटने, दीवार से सटकर खड़ा ना होने व छत पर विद्युत सुरक्षा प्रणाली स्थापित करने को कहा गया है। इसके साथ ही पेड़ जो इमारत की सुरक्षा के लिए खतरनाक हो उनकी कटाई-छंटाई करने, बरामदे कांच की खिड़की और दरवाजे से दूर रहने, बैटरी संचालित रेडियो का उपयोग करने और मोबाइल फोन को चार्ज रखने को कहा गया है।
इसी प्रकार बंद वाहन में होने पर सड़क किनारे सुरक्षित स्थान पर वाहन रोककर उसके अंदर ही रहने, तरणताल झीलें, जल निकायों, नाव आदि में होने पर पानी से तुरंत बाहर निकल कर सुरक्षित स्थान पर पहुंचने, पहाड़ी, खुले खेतों व समुद्र तटों से बचने, मोबाइल का प्रयोग न करें व भारत सरकार की दामिनी विद्युत सचेत एप का प्रयोग करने की सलाह दी गई है।
बिजली गिरने के बाद क्या करें
कलक्टर ने बताया कि तीव्र गर्जन एवं वज्रपात के उपरान्त जानकारी व निर्देशों के लिए स्थानीय रेडियो टेलीविजन संचार के साधनों को सुनना जारी रखने, क्षतिग्रस्त, गिरे हुए पोल, खंभे, पानी में डूबे हुए बिजली के तारों से दूर रहने, तुरंत नजदीकी विद्युत स्टेशन पुलिस को सूचित करने, यदि संभव हो तो घायल व्यक्ति को प्राथमिक चिकित्सा देने और जरूरत पड़ने पर नजदीकी अस्पताल ले जाने व आवश्यक हो तो सीपीआर देने तथा शिशु, बच्चे, बुजुर्ग, गर्भवती महिलाएं विकलांग जानवर आदि की मदद करने की सलाह दी है।
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