उदयपुर के गीतांजली मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल की गैस्ट्रोएंटरोलॉजी टीम द्वारा 36 वर्षीय रोगी की डायाफ्राम रोग की सफल सर्जरी की गई। इस अत्यंत जटिल सफल ऑपरेशन को करने वाली टीम में जी.आई सर्जन डॉ कमल किशोर बिश्नोई गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट डॉ पंकज गुप्ता डॉ धवल व्यास, डॉ मनीष दोडमानी, सर्जिकल आईसीयू से डॉ चारू शर्मा, एंडोस्कोपी इंचार्ज संजय सोमरा, ओटी इंचार्ज हेमंत गर्ग , वार्ड इंचार्ज मंजू आदि का बखूबी योगदान रहा जिससे यह ऑपरेशन को सफलतापूर्वक अंजाम दिया गया।
रोगी ने बताया कि पिछले कुछ माह से उसे हर समय में पेट में दर्द रहना कमजोरी इत्यादि समस्याओं से जूझना पड़ रहा था, ऐसे में अहमदाबाद के निजी हॉस्पिटल में दिखाया पर हालात में कोई सुधार नहीं आया। एक घनिष्ठ मित्र ने गीतांजली हॉस्पिटल उदयपुर में जाने की सलाह दी। यहां आने पर जब रोगी से पूछताछ की गई, उसने बताया कि वह काफी समय से अपने पेट के दर्द को कम करने के लिए अधिक मात्रा में पेन किलर व नशे का सेवन कर रहा था। जब डॉ धवल व्यास द्वारा रोगी की एंडोस्कोपी की गई तब उसमें पाया गया कि रोगी की छोटी आंत (डुओडेनम) के डी 1 (पहले) एवं डी 3 (आखिरी) हिस्से में तीन ब्लॉकेज है।
इस स्थिति में रोगी को गैस्ट्रोज्जुनोस्टोमी, एवं ड्यूडिनोज्जुनोस्टोमी नाम की सर्जरी की गई। यह एक जटिल सर्जरी है जोकि गीतांजली हॉस्पिटल के डॉक्टर्स की टीम द्वारा सफलतापूर्वक की गई।
गीतांजली हॉस्पिटल के सीईओ श्री प्रतीम तंबोली ने कहा कि हॉस्पिटल में जी. आई. सर्जरी तथा गैस्ट्रोएंटेरोलॉजी से संबंधित सभी एडवांस तकनीके व संसाधन एंडोस्कोपी यूनिट में उपलब्ध हैं जिससे जटिल से जटिल समस्याओं का निवारण निरंतर रूप से किया जा रहा है।
गीतांजलि हॉस्पिटल के पिछले 15 वर्षों से सतत रूप से हर प्रकार की उत्कृष्ट एवं विश्व स्तरीय चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध करा रहा है एवं जरूरतमंदों को स्वास्थ्य सेवाएं देता आया है।
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