GMCH के चेस्ट एवं टीबी रोग विशेषज्ञ डॉ अतुल लुहाडिया बने विशिष्ट वक्ता


GMCH के चेस्ट एवं टीबी रोग विशेषज्ञ डॉ अतुल लुहाडिया बने विशिष्ट वक्ता

इंटरवेंशनल पल्मोनोलॉजी वर्कशॉप में बने विशिष्ट वक्ता

 
GMCH

गीतांजली मेडिकल कॉलेज एवं हॉस्पिटल के चेस्ट एवं टीबी रोग विशेषज्ञ डॉक्टर अतुल लुहाडिया को जयपुर के राजस्थान अस्पताल में आयोजित 2 दिवसीय इंटरवेंशनल पल्मोनोलॉजी अपडेट वर्कशॉप में उदयपुर से विशिष्ट वक्ता के रूप में चुना गया। डॉ लुहाडिया ने सीने में पानी भरने के निदान और इलाज में काम आने वाली दूरबीन थोरेकोस्कॉपी जांच के बारे में बताया एवं अपना अनुभव साझा किया।

डॉ लुहाडिया ने बताया कि अगर मरीज सही समय पर चिकित्सक के पास पहुंच जाता है तो सीने में जमे पानी एवं जालो का मेडिकल थोरेकोस्कॉपी द्वारा सफल निदान एवं इलाज किया जा सकता है। मेडिकल थोरेकोस्कॉपी एक प्रकार की सीने की एंडोस्कोपी है जिसमें सीने में एक छोटा सा छेद करके थोरेकोस्कॉप सीने के अंदर डाला जाता है और सीने के अंदर क्या खराबी है उसको दूरबीन द्वारा देखा जाता है, सीने में जमे हुए पानी एवं जालों को निकाला जाता है और बायोप्सी ली जाती है।

डॉ लुहाडिया ने चिकित्सकों से अपील की है कि सीने में पानी भरने के निदान के लिए बार-बार सुई से पानी निकालने की बजाए थोरेकोस्कॉपी कर बायोप्सी करनी चाहिए ताकि समय पर निदान एवं इलाज आरंभ किया जा सके। गीतांजली अस्पताल में डॉक्टर अतुल एवं उनकी टीम अब तक लगभग 500 मरीजों की सफल थोरेकोस्कॉपी कर निदान एवं इलाज कर चुकी हैं। वर्कशॉप में ही डॉ अतुल एवं डॉ रोनक कांकरेचा की टीम ने इंटरवेंशनल पल्मोनोलॉजी क्विज प्रतियोगिता में द्वितीय स्थान प्राप्त किया।

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