उदयपुर। लोककला संस्कृतिविज्ञ डॉ. महेन्द्र भानावत को जोधपुर स्थापना दिवस 12 मई को गजसिंह द्वारा मारवाड़ रत्न कोमल कोठारी सम्मान प्रदान किया गया। राष्ट्रीय स्तर का इक्यावन हजार का यह सम्मान डॉ. भानावत को उनके द्वारा विभिन्न प्रान्तों की कलाधर्मी जातियों, लोकानुरंजनकारी प्रवृत्तियों, जनजातीय सरोकारों तथा कठपुतली, पड़, कावड़ जैसी विधाओं पर खोजपूर्ण लेखन एवं शोध के उन्नयन में दीर्घकालीन उच्चस्तरीय योगदान के उपलक्ष्य में प्रदान किया गया।
इस दिन गजसिंह का 70वां तिलकोत्सव भी था। इस संबंधित एक विशिट प्रदर्शनी 70 वर्ष पूर्व की स्मृतियां लिए अलग से आयोजित की गई जिसे देख सभी अभिभूत हुए। समारोह के दौरान गजसिंह ने पूर्व काल तथा आजादी के बाद जनसेवा के उल्लेखनीय योगदान का जिक्र करते हुए मेहरानगढ़ म्युजियम ट्रस्ट द्वारा अगले वर्ष से राजाराम मेघवाल पुरस्कार देने की भी घोषणा की।
समारोह में विशिष्ट अतिथि प्रो. संजीव मिश्रा ने कहा कि मेहरानगढ़ के सूरजवंशी सूर्यनगरी जोधपुर ने रक्त की बजाय शकुन दिया है। मुख्य अतिथि सव्यसांची मुखर्जी ने जोधपुरी भाषा, संस्कृति तथा परम्परा को देश की संस्कृति की पहचान कहा।
सम्मान समिति के प्रो. जहूर खां मेहर ने कहा कि देश के लिए विभिन्न क्षेत्रों में जो महानुभाव अपने कत्र्तव्य की साधना और पुरुषार्थ में लगे हुए हैं उनकी पहचान कर उनके स्मरणीय योगदान का सम्मान अन्यों को भी प्रेरणा और शकुन देता है। धन्यवाद की रस्म ट्रस्ट द्वारा संचालित म्युजियम शोध एवं अध्ययनशाला के निदेशक महेन्द्रसिंह तंवर ने अदा की।
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