उदयपुर के रहने वाले 8 वर्षीय बाल रोगी सुदेश सिंह (परिवर्तित नाम) गत 4 महीनों से ठीक से देख नहीं पा रहा था उसके माता-पिता जांच के लिए गीतांजली मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल लेकर आए। डॉ ऋषि मेहता ने बच्चे की आँख की जांच करने के बाद बताया कि उसको मोतियाबिंद की परेशानी है। उन्होंने बच्चे के माता-पिता को ऑपरेशन करवाने की सलाह दी। डॉ ऋषि मेहता, डॉ एषा शाह, डॉ आलोकित शर्मा, नर्स तरुणा माली व टीम के द्वारा रोगी के मोतियाबिंद का ऑपरेशन व लेंस प्रत्यारोपण सफलतापूर्वक किया गया।
नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ ऋषि मेहता ने बताया कि रोगी के ऑपरेशन के दौरान 2 गंभीर समस्याओं का निदान हुआ:
1. मोतियाबिंद को निकाला गया
2. लेंस प्रत्यारोपण किया गया
डॉ ऋषि ने बताया कि प्रायः मोतियाबिंद की समस्या वृद्धावस्था में देखी जाती हैं, बच्चों में इतनी कम उम्र में मोतियाबिंद बहुत कम देखने को मिलता है| छोटे बच्चों में इस बीमारी के होने पर इसका निदान जल्द से जल्द होना आवश्यक है। रोगी की आँखों की रोशनी वापिस आ चुकी है, वह सामान्य रूप से देख पा रहा है, रोगी का परिवार बच्चे को स्वस्थ पाकर अत्यंत खुश है। रोगी का इलाज गीतांजली मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के अंतर्गत निःशुल्क किया गया है। गीतांजली हॉस्पिटल के नेत्र रोग विभाग में सभी एडवांस तकनीके व संसाधन उपलब्ध हैं जिससे जटिल से जटिल समस्याओं का निवारण निरंतर रूप से किया जा रहा है। गीतांजली हॉस्पिटल के पिछले 16 वर्षों से सतत रूप से हर प्रकार की उत्कृष्ट एवं विश्व स्तरीय चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध करा रहा है एवं जरूरतमंदों को स्वास्थ्य सेवाएं देता आया है।
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