हिन्दुस्तान जिंक के ‘ऊंची उड़ान’ कार्यक्रम ने दिये पर, सपनों ने भरी उड़ान

हिन्दुस्तान जिंक के ‘ऊंची उड़ान’ कार्यक्रम ने दिये पर, सपनों ने भरी उड़ान

चार वर्ष का रेजीडेंसी कार्यक्रम वंचित वर्ग के छात्रों को उनके इंजीनियरिंग सपनों को साकार करने के लिए तैयार करना है

 
HZL

छह बैच के 184 छात्रों को इंजीनियरिंग क्षेत्र में उज्जवल भविष्य के लिए तैयार किया गया है

हर इंसान की ख्वाहिश उज्जवल भविष्य की उड़ान होती है। हालांकि सामाजिक, आर्थिक स्वतंत्रता की कमी और अपर्याप्त सुविधाओं ने देश में कई लोगों को वंचित कर दिए हैं। केवल एक चीज उनका दृढ़ संकल्प इन सभी बाधाओं को दूर करना उन्हें अलग करती है।  हिन्दुस्तान जिंक के शैक्षिक कार्यक्रम इसी महत्वाकांक्षा को पूरा करने के लिए तैयार किए गए हैं और ऊंची उड़ान कार्यक्रम इन वंचित छात्राओं के लिए वरदान साबित हुआ है जो उनके समावेशी विकास एवं उज्ज्वल भविष्य के लिए शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ने की इस मुहिम का लाभ लेकर प्रगतिशील राष्ट्र के निर्माण में योगदान के लिए अग्रसर हैं।

यह कार्यक्रम अब उदयपुर शहर में चल रहा है जो वंचित परिवारों और हिन्दुस्तान जिंक के परिचालन वाले ग्रामीण क्षेत्रों के उच्च प्रदर्शन वाले छात्रों को लिया जाता है और उन्हें चार वर्षीय आवासीय कोचिंग कार्यक्रम के दौरान प्रशिक्षित किया जाता है। इस कार्यक्रम में विज्ञान में असाधारण योग्यता वाले छात्रों और उनके सपनों को इंजीनियरिंग संस्थानों के बीच आने वाली समस्याओं के समाधान के लिए ऊंची उड़ान कार्यक्रम को तैयार किया गया है।

ऊंची उड़ान अब तक छह बैचों में 184 से अधिक छात्रों को छलांग लगाने और देश भर के आईआईटी, एनआईटी और अन्य टॉप इंजीनियरिंग संस्थानों में 100 प्रतिशत सफलता के साथ प्लेसमेंट हासिल करने में सहायता करने में सक्षम हुआ है। यह प्रयास इस वर्ष 134 छात्रों को तैयार कर रही है। 26 छात्रों के एक बैच में नवीं से बारहवीं पास आउट ने आईआईटी में 1, एनआईटी में 1, जोधपुर के एमबीएम इंजीनियरिंग कॉलेज में 9 तथा शेष ने देश भर के शीर्ष प्रतिष्ठित इंजीनियरिंग कॉलेजों में दाखिला लिया है।

यह कार्यक्रम रेजोनेंस एडु वेंचर्स प्रा. लि. और विद्या भवन सोसायटी के सहयोग से छात्रों को जेईई के लिए लिए तैयार करता है।

राजस्थान के आगूचा निवासी समीर मोहम्मद इस बात के उदाहरण हैं कि राज्य में प्रतिभाओं को पहचानने और उन्हें पोषित करने में कार्यक्रम कैसे सफल हुआ है। उन्होंने कहा कि मैं 1725 ऑल इंडिया रैंकिंग के साथ जेईई प्रवेश परीक्षा को क्रेक कर आईआईटी मद्रास में केमिकल इंजीनियरिंग में जगह बना पाया।

चित्तौड़गढ़ निवासी प्रियंका चौहान को जोधपुर के एमबीएम इंजीनियरिंग कॉलेज में मैकेनिकल के लिए चुना गया। वे कहती हैं कि ऊंची उड़ान कार्यक्रम मेरी इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षाओं की तैयारी में मेरी मदद करने में अविश्वसनीय रूप से सहायक रहा। तैयारी के दौरान मैंने अपने पिता और दादा को खो दिया लेकिन फेकल्टी ने इस मुश्किल समय  में मेरा सहयोग किया ताकि मैं उस हादसे से उबर सकूं और आत्मविश्वास से परीक्षा में शामिल हो पाऊं। 

हिन्दुस्तान जिंक बच्चों के समावेशी विकास के लिए शिक्षा के महत्व को जानता है और अपने परिचालन क्षेत्रों में समुदायों के बीच इसे सुगम बनाने पर ध्यान केन्द्रित कर रहा है। यह कार्यक्रम केवल 184 छात्रों तक ही सीमित नहीं है जिन्हें कार्यक्रम में शामिल किया गया है बल्कि उन हजारों लोगों के लिए भी है जो उनकी प्रगति से प्रेरित हो रहे हैं। 

कंपनी शिक्षा संबल फाउंडेशन जैसे कार्यक्रमों के माध्यम से सभी आयु समूहों और समाज के सभी वर्गों के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा तक पहुुंचाने के लिए कड़ी मेहनत कर रही है जो पूरे राजस्थान में सरकारी स्कूलों के साथ काम करता है। खुशी और नंदघर जो आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के साथ काम करते हैं, उच्च शिक्षा के लिए यशद सुमेधा छात्रवृत्ति और जीवन तरंग जिंक के संग जो विकलांग बच्चों के लिए काम करता है।

हिन्दुस्तान जिंक की सीएसआर प्राथमिकताओं में शैक्षिक क्षेत्र को मजबूत करने का निवेश सबसे बड़ा पोर्टफोलियो है। शैक्षिक हस्तक्षेपों  के माध्यम से कंपनी 1.8 लाख से अधिक बच्चों के जीवन को छू रही है और उन्हें इस तरह उज्ज्वल भविष्य के लिए सक्षम बनाती है। 

आवासीय कार्यक्रम के माध्यम से हिन्दुस्तान जिंक ने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर की विभिन्न प्रतियोगी, प्रतिभाखोज और छात्रवृत्ति परीक्षाओं की तैयारी करने और इनमें शामिल होने के इच्छुक प्रतियोगियों के प्रशिक्षण और समग्र विकास के साथ शिक्षा देना सुनिश्चित किया है। इसका विजन प्रतिस्पर्धी दुनिया का सामना करने और उसमें उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए अनंत संभावनाओं के साथ भारत के भविष्य को सक्षम और तैयार करना है।
 

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