शिल्पग्राम में अंतर्राष्ट्रीय कैलीग्राफी कैंप कल से

शिल्पग्राम में अंतर्राष्ट्रीय कैलीग्राफी कैंप कल से
 

कैलीग्राफी एक प्राचीन विधा है जिसे अक्षरांकन, चित्रण अथवा सुलेख एक अक्षर कला

 
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उदयपुर, 21 सितंबर। पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र की ओर से ग्रामीण कला परिसर शिल्पग्राम में 22 से 26 सितंबर तक ‘अंतर्राष्ट्रीय कैलीग्राफी कैम्प का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें देश विदेश से कई नामचीन कलाकार भाग लेंगे। इसके साथ ही शिल्पग्राम में ही 23 सितंबर से लोगों के लिये कैलीग्राफी वर्कशॉप का भी आयोजन किया जा रहा है।
 

केन्द्र निदेशक किरण सोनी गुप्ता ने बताया कि दृश्य कला में कैलीग्राफी एक ऐसी अनूठी विधा है जिसमें आज कई देश के कलाकार काम कर रहे हैं। कैलीग्राफी एक प्राचीन विधा है जिसे अक्षरांकन, चित्रण अथवा सुलेख एक अक्षर कला है। इसकी सहायता से ब्रश क्रोकिल विभिन्न तरीके व स्ट्रोक के फाउण्टेन पेन व निब की सहायता से एक विशिष्ट शैली की स्वयं की लिखाई की डिजाइन प्रक्रिया को सीखा व अपनाया जाता हैं। आजकल का अक्षरांकन हस्तनिर्मित से लेकर कंप्यूटर के द्वारा निर्मित किया जाता है।
 

कैलीग्राफी अथवा अक्षरांकन लिखने की एक दृश्यात्मक शैली है, यह चौड़े नोक वाले लेख उपकरणों जैसे कि ब्रश आदि के द्वारा अक्षरों को एक पटल पर उभारने की कला है। आधुनिक कैलीग्राफी के विविध परिक्षेत्र में क्रियात्मक अभिलेखों और डिजाइन से लेकर ललित कला के वे नमूने भी शामिल है।

वर्तमान में सामान्यतः विवाह और अन्य समारोहों के निमंत्रण पत्रों, फॉन्ट डिजाइन और मुद्रण कला, मौलिक हस्त निर्मित प्रतीक चिह्न, धार्मिक कला सामग्री, घोषणाओं, ग्राफिक डिजाइन, पेशेवर कैलिग्राफिक आर्ट, प्रस्तर लेख और स्मृति पत्र के अलावा शपथ पत्रों, जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्रों, मानचित्रों और अन्य लेखन कार्यों में भी कैलीग्राफी का प्रयोग देखने को मिलता है। केंद्र द्वारा इस कला को आमजन तक पहुंचाने के उद्देश्य से शिल्पग्राम में अंतर्राष्ट्रीय कैम्प का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें भारत के अलावा बांग्लादेश, ईरान तथा इजिप्ट के 43 कलाकार भाग ले रहे हैं।

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