राष्ट्रीय लोक अदालत में पक्षकारों एवं अधिवक्ताओं के सहयोग से टूटे पुराने सारे रिकार्ड

राष्ट्रीय लोक अदालत में पक्षकारों एवं अधिवक्ताओं के सहयोग से टूटे पुराने सारे रिकार्ड

लगभग 49405 प्रकरण निस्तारित, 19 करोड़ 36 लाख के अवार्ड पारित

 
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उदयपुर, 14 मई 2022 । राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, जयपुर के तत्वावधान में उदयपुर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण अध्यक्ष भुवन गोयल के निर्देशन में शनिवार को राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन हुआ।

प्राधिकरण सचिव व एडीजे कुलदीप शर्मा ने बताया कि राष्ट्रीय लोक अदालत पक्षकारों एवं अधिवक्तागण के सहयोग से सारे पुराने रिकॉर्ड टूटे और लगभग 49 हजार 405 प्रकरण निस्तारित करते हुए 19 करोड़ 36 लाख के अवार्ड पारित किये गये। इस अदालत में न्यायालयों में लंबित 4034 प्रकरण एवं प्री-लिटिगेशन के 45371 प्रकरण निस्तारित कर पक्षकारों को राहत प्रदान की गई।

सचिव शर्मा ने बताया कि मोटर वाहन दुर्घटना दावा अधिकरण न्यायालय के कुल 99 प्रकरण निस्तारित करते हुए 4 करोड़ 96 लाख के अवार्ड पारित किए वहीं पारिवारिक विवाद के 106 प्रकरण निस्तारित कर खुशियां बांटी गई। राष्ट्रीय लोक अदालत में वाणिज्यिक न्यायालय में कुल 20 प्रकरणों का निस्तारण कर 2 करोड़ के अवार्ड पारित किए। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय लोक अदालत के सफल आयोजन के जिले के समस्त राजस्व न्यायालयों में बेंचों का गठन कर पहली बार प्रशासन के सहयोग से राजस्व प्रकरणों का भी निस्तारण करवाया गया।

आपसी मनमुटाव भुलाकर एक वर्ष बाद फिर मिले वैभव व श्रेया

पारिवारिक न्यायालय के न्यायाधीश अशोक कुमार शर्मा की अध्यक्षता में गठित बेंच द्वारा विगत एक वर्ष से अलग-अलग रह रहे दंपति को समझाइश कर एक साथ घर भेजा। वैभव एवं श्रेया कुमावत विगत 1 वर्ष से आपसी मनभेद होने से अलग रह रहे थे। पारिवारिक न्यायालय की सदस्य श्रीमती नीता जैन ने दोनों पक्षकारों के अलग रहने के कारण की जानकारी ली तो पता चला कि दोनों के मध्य छोटी सी बात को लेकर विवाद था। पत्नी द्वारा महिला थाने में दहेज का मुकदमा दर्ज करवा रखा था। पति द्वारा पारिवारिक न्यायालय में धारा 9 में प्रकरण दर्ज करवा रखा था। अधिवक्ता सुशील शर्मा ने प्रार्थी श्रेया कुमावत को समझाया। लोक अदालत की भावना से वैभव व श्रेया साथ में रहने को तैयार हो गए और खुशी-खुशी अपने घर को गये।

बैंक संबंधित प्रकरणों में दी राहत

भारत संचार निगम लिमिटेड, अजमेर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड, आरएमजीबी. बैंक, एसबीआई बैंक, धानी लॉन्स एंड सर्विसेज, आईसीआईसीआई बैंक, आईडीएफसी बैंक, केनरा बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, एसबीआई कार्ड्स एंड पेमेंट्स सर्विसेज लिमिटेड आदि के अधिकारियों ने लोक अदालत में पक्षकारों को राहत प्रदान करते हुए हाथों-हाथ प्रकरणों का निस्तारण करवाया

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