उदयपुर। श्री दिगंबर जैन दशा हूमड़ समाज संस्था द्वारा सकल जैन समाज के सहयोग से सेक्टर 4 में आयोजित श्री 1008 आदिनाथ पंचकल्याणक महोत्सव एवं सर्व सिद्धि शांति महायज्ञ बुधवार को श्रद्धा-भक्ति एवं आस्था के साथ मंत्रोच्चारण एवं मंगल ध्वनि के बीच शुरू हो गया। महोत्सव के पहले दिन उत्साह और आनंद ने जैन श्रावको को सराबोर कर दिया।
शुभारंभ अवसर पर सर्वप्रथम मंदिर प्रांगण से आचार्य श्री सुनील सागर महाराज ससंघ के सानिध्य में भव्य घट यात्रा एवं शोभायात्रा आरंभ हुई, जिसमें पंचकल्याणक में चुने गए सभी पात्रों तथा सौधर्मेंद्र इंद्र-इंद्राणी, धनपति कुबेर, धन श्री इंद्राणी महायज्ञ नायक शामिल रहे। वही पंचकल्याणक की वेदी पर श्रावको द्वारा श्रीफल अर्पित कर पूरा परिसर णमोकार मंत्रों से गुंजायमान हो उठा। भगवान के मधुर भक्ति धुनों पर श्रद्धालु खुद को थिरकने से रोक नहीं सके।
महोत्सव समिति के अध्यक्ष कमल कुमार जैन ने बताया कि शोभायात्रा में हजारों की संख्या में समाजजन शामिल हुए। शोभायात्रा में सबसे पहले धर्म ध्वजा, 4 घोड़े, 2 गजराज, भगवान के भजनों की मधुर ध्वनि बिखेरता भारत बेंड, सिर पर कलश धारण किये सैंकड़ो महिलाएं, प्रभु की पालकी, आचार्य सुनील सागर महाराज ससंघ, अष्टकुमारियाँ व लौकांतिक देव ओपन जीप में ओर अंत मे 23 बग्गियों में सौ धर्म इंद्र परिवार और सौभाग्यशाली परिवार चल रहे थे।
शोभायात्रा सेक्टर 4 मंदिर से शुरू होकर स्वयंवर वाटिका पहुंची जहां आचार्य श्री के सानिध्य में सकल जैन समाज अध्यक्ष शांतिलाल वेलावत ने अयोध्या नगरी पांडाल का उद्घाटन किया। इसके साथ ही कन्हैयालाल सागोटिया द्वारा ध्वजारोहण, मनीष वेडा द्वारा दीप प्रज्ज्वलन, अहमदाबाद के राजेश बी. शाह द्वारा मुख्य मंगल कलश एवं पाद प्रक्षालन का सौभाग्य अनिल दोषी परिवार को मिला।
इस दौरान ग्रामीण विधायक फूलसिंह मीणा, जिला प्रमुख ममता कुंवर, देहात जिलाध्यक्ष भंवर सिंह पंवार, स्वागताध्यक्ष जय कुमार जैन, निर्माणाध्यक्ष अनिल कुमार जोशी, महासचिव भगवतीलाल गोदावत सहित आगम युवा परिषद, बाहुबली युवा मंच एवं ब्राह्मी महिला परिषद के सदस्यों उपस्थित रहे।
अयोध्या नगरी पांडाल में आचार्य सुनील सागर महाराज ने पंच कल्याणक प्रतिष्ठा के प्रथम दिन पर माता के गर्भ में एक तीर्थंकर बालक का आना और इस समय माता को 16 स्वप्न दिखाई देने के वृतांत को सुनाया । आचार्य श्री ने इस बात पर ध्यान केंद्रित किया कि गर्भपात एक अपराध है, क्या पता कि वह गर्भ एक देश का प्रधानमंत्री, वैज्ञानिक या संत भी बन सकता है। ऐसे भी कई उदाहरण है कि आंठवा बच्चा दिगम्बर संत बने है। भावार्थ यही था कि गर्भ में आये हुए बच्चे को जन्म अवश्य होना चाहिये तथा देश को एक अच्छा नागरिक अवश्य मिलना चाहिए।
प्रथम दिन के आयोजनों की श्रंखला में सपत्नीक सम्मिलित हुए हाई कोर्ट के न्यायधीश राम चरण सिंह झाला के मुख्य आतिथ्य में मातृशक्ति सम्मेलन का आयोजन किया गया, जिसमें देश के कई राज्यों से बड़ी संख्या में महिलाएं उपस्थित हुई। इस दौरान अपने दैनिक सरोकारों को निभाते हुए समाज और जनहित के कार्य में अग्रणी भूमिका निभाने वाली 50 महिलाओं को सम्मानित किया गया।
सम्मान की श्रृंखला में शकुंतला जैन, डॉ सीमा चंपावत, ज्योत्सना दोशी, साधना कोठारी, प्रेरणा शाह, नैना पंचोरी, प्रेमा गलालिया, समीक्षा जैन व नीलिमा जैन एवम अन्य को सम्मानित किया गया।
पंच कल्याणक के तहत आज सामुदायिक भवन सेक्टर 4 में तीर्थंकर बालक का जन्मकल्याणक मनाया जाएगा, जिसके तहत 1008 कलशों से बालक का जलाभिषेक किया जाएगा। सुबह स्वयंवर वाटिका से सामुदायिक भवन तक समाजजनों का जुलूस निकाला जाएगा।
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