राजस्थान लोकांत्रिक मोर्चा ने 17 सूत्री मांगों का ज्ञापन संभागीय आयुक्त को सौंपा

राजस्थान लोकांत्रिक मोर्चा ने 17 सूत्री मांगों का ज्ञापन संभागीय आयुक्त को सौंपा

वामपंथी मोर्चा की रैली में कार्यकर्ताओं ने प्रदेश स्तरीय आंदोलन शुरू करने का किया आह्वान

 
left parties rally

उदयपुर, 22 जून 2022 । राजस्थान लोकतांत्रिक मोर्चा के आह्वान पर 17 सूत्री मांगों को लेकर आज सुबह ग्यारह बजे टाउन हॉल से मजदूरों, किसानों, महिलाओं और छात्र नौजवानों ने एक प्रभावी रैली निकाली। रैली में शामिल लोग अग्निपथ योजना वापस लो, बुलडोजर राज नही चलेगा, भाजपा प्रवक्ताओं नूपुर शर्मा और नवीन जिंदल को गिरफ्तार करो, आदिवासी कब्जेधारियों और बिला नाम कब्जाधारियों को जमीन का पट्टा दो, आबादी के आधार पर जनसंख्या की गणना कराओ आदि नारे लगा रहे थे। 

रैली का नेतृत्व भाकपा माले के प्रदेश सचिव महेंद्र चौधरी, माकपा के प्रदेश सचिव अमरा राम, भाकपा के प्रदेश सचिव नरेंद्र आचार्य और जनता दल सेक्युलर के अध्यक्ष अर्जुन देथा कर रहे थे। रैली सुरजपोल, बापू बाजार, दिल्ली गेट, कलेक्ट्रेट, चेतक सर्किल, मोहता पार्क होते हुए संभागीय आयुक्त कार्यालय पहुंची, जहां मोर्चा की और से एक आम सभा आयोजित की गई। सभा का संचालन माले के वरिष्ठ नेता शंकरलाल चौधरी ने की। 

जनता दल सेकुलर के प्रदेश अध्यक्ष अर्जुन देथा ने कहा कि केंद्र सरकार संवैधानिक संस्थाओं को खत्म कर रही है। धर्मनिरपेक्षता और लोकतांत्रिक मूल्यों पर प्रहार किया जा रहा है। उन्होंने कहा की केंद्र सरकार आरक्षण को खत्म करनी की साजिश कर रही है। जातिगत आधार पर जनसंख्या की गणना करने की मांग करते हुए उन्होंने प्रदेश सरकार से इस संबंध में विधानसभा में प्रस्ताव पारित करवाने की मांग की।

भाकपा-माले के प्रदेश सचिव महेंद्र चौधरी ने कहा कि सेना में भर्ती के नाम पर केंद्र सरकार द्वारा लाई गई अग्निपथ योजना मात्र जुमला है। यह योजना नियुक्ति के नाम पर रिटायरमेंट की योजना है। उन्होंने देश कहा कि सरकार बुलडोजर राज कायम कर अल्पसंख्यकों को निशाना बना रही है। 

भाकपा के प्रदेश सचिव नरेंद्र आचार्य ने कहा कि केंद्र सरकार देश में व्याप्त भाईचारे को दरकिनार कर महंगाई, भ्रष्टाचार तथा रोजगार के मुद्दे को गौण कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि अमनपसंद लोगों, धर्मनिरपेक्ष लोगों तथा लोकतंत्र में विश्वास करने वाले लोगों को एकजुट होकर आगे बढ़ना होगा। 

पूर्व विधायक, किसान नेता तथा माकपा के प्रदेश सचिव अमरा राम ने कहा कि आजादी से लेकर अब तक केंद्र और राज्यों में बनी तमाम शासक वर्ग की पार्टियों की सरकारें गरीब विरोधी और पूंजीपतियों की समर्थक रही हैं। केंद्र की यही सरकार है जिसने किसान विरोधी कृषि कानून पास किया था। किसानों के लंबे आंदोलन के बाद सरकार को झुकना पड़ा। उन्होंने लोगों का आह्वान किया कि आदिवासियों के लिए चाहे कब्जेवाली जमीनों का पट्टा लेने की बात हो चाहे मनरेगा के तहत निर्धारित मजदूरी लागू करवाने की बात हो, किसान आंदोलन की तर्ज पर सभी को एकजुट होकर निर्णायक आंदोलन प्रदेश भर में शुरू करना पड़ेगा।

सभा को रामचंद्र सालवी, चंद्रदेव ओला, सुभाष श्रीमाली, अरुण व्यास, गौतम डामोर, कैलाश गहलोत, रमेश नंदवाना, पूरणमल आदि ने भी संबोधित किया। रैली और सभा को सफल बनाने में राजेश सिंघवी, सौरभ नरूका, जिज्ञासु आदि की सराहनीय भूमिका रही।

ज्ञापन सौंपा

सभा के बीच में ही 17 सूत्री मांगों को लेकर एक प्रतिनिधिमंडल ने संभागीय आयुक्त को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में प्रमुख रूप से जमीन पर मालिकाना हक देने, सम्मानजनक रोजगार उपलब्ध करवाने, आबादी के बराबर आरक्षण उपलब्ध करवाने, अभिव्यक्ति की आजादी पर हमला बंद करने की मांगे शामिल हैं।
 

To join us on Facebook Click Here and Subscribe to UdaipurTimes Broadcast channels on   GoogleNews |  Telegram |  Signal