गीतकार और बाहुबली के स्क्रिप्ट राइटर मनोज मुन्तशिर के साथ एक मुलाकात
उदयपुर 16 मार्च 2019, प्रभा खेतान फाउंडेशन, अहसास वीमेन ऑफ़ उदयपुर एवं होटल रेडिसन ब्लू पैलेस रिसोर्ट एन्ड स्पा के संयुक्त तत्त्वावधान में होटल रेडिसन ब्लू पैलेस में 15 मार्च 2019 को ‘कल्चरल रॉन्देवू के कलम सीरीज कर्यक्रम के दो बार आईफा अवार्ड, यश भारती और दादा साहब फाल्के अवार्ड समेत 30 से अधिक प्रतिष्ठित पुरस्कार जीतने वाले बॉलीवुड के मशहूर गीतकार और प्रसिद्ध फिल्म बाहुबली के स्क्रिप्ट राइटर मनोज मुंतशिर के साथ उनकी लिखी शायरी और नज़्म संकलन 'मेरी फितरत है मस्ताना' पर होटल रेडिसन ब्लू में रूबरू हुए। कार्यक्रम की शुरआत जम्मू कश्मीर के पुलवामा हम
उदयपुर 16 मार्च 2019, प्रभा खेतान फाउंडेशन, अहसास वीमेन ऑफ़ उदयपुर एवं होटल रेडिसन ब्लू पैलेस रिसोर्ट एन्ड स्पा के संयुक्त तत्त्वावधान में होटल रेडिसन ब्लू पैलेस में 15 मार्च 2019 को ‘कल्चरल रॉन्देवू के कलम सीरीज कर्यक्रम के दो बार आईफा अवार्ड, यश भारती और दादा साहब फाल्के अवार्ड समेत 30 से अधिक प्रतिष्ठित पुरस्कार जीतने वाले बॉलीवुड के मशहूर गीतकार और प्रसिद्ध फिल्म बाहुबली के स्क्रिप्ट राइटर मनोज मुंतशिर के साथ उनकी लिखी शायरी और नज़्म संकलन ‘मेरी फितरत है मस्ताना’ पर होटल रेडिसन ब्लू में रूबरू हुए। कार्यक्रम की शुरआत जम्मू कश्मीर के पुलवामा हमले में मारे गए शहीदों की श्रद्धांजलि के साथ हुई।
साहिर लुधियानवी से प्रभवित मनोज ‘मुंतशिर’ आज युवा पीढ़ी के लिए एक जाना पहचाना नाम है। उत्तर प्रदेश के अमेठी के गौरीगंज से तालुक रखने वाले मनोज का मुंबई में शुरूआती सफर काफी मुश्किलों भरा रहा। बकौल मनोज फुटपाथ पे रात गुज़ारने की नौबत भी आ चुकी थी। लेकिन मन में एक हौंसला था की कुछ लिखूं और ऐसा लिखूं जो पहले कभी लिखा न गया हो। बॉलीवुड में एंट्री मनोज का ख्वाब नहीं थी मनोज का ख्वाब ‘कविता’, ‘शायरी’ थी।
कौन तुझे यूँ प्यार करेगा, तेरी गलियां, तेरे संग यारा और रश्के कमर जैसे लोकप्रिय और सुपर हिट गीत लिखने वाले मनोज अपनी सफलता का श्रेय अपनी माँ को देते हुए बताते है की बचपन में उसकी माँ अक्सर कहा करती “मेरे मनु जैसा कोई नहीं” बस माँ के इसी विश्वास को सच साबित करने के लिए अपनी मंज़िल पर निकल पड़े।
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केसरी फिल्म के लिखा गाना तेरी मिट्टी में तलवारो से…… ‘ मनोज के दिल के इतने बेहद करीब है की वह कहते है की उनकी हार्दिक इच्छा है यह गीत उनके आखिरी सफर पर बजना चाहिए। देशभक्ति और भावनात्मक गीतों को पसंद करने वाले मनोज ने रूबरू के दौरान के सवाल के जवाब में कहा की पड़ौसी मुल्क को गाली देना, किसी ख़ास विचारधारा का समर्थन करना या सड़क पर उतरकर उत्तेजित नारे लगाना देशभक्ति नहीं है। सड़क के बीच पड़े केले का छिलका उठाना भी देशभक्ति से कम नहीं।
बाहुबली के स्क्रिप्ट राइटर और डाइलोग लिखने वाले मनोज को बचपन से पढ़ने का शौक और लिखने का जूनून ही उन्हें बॉलीवुड तक खींच लाया मनोज बताते है की आज की पीढ़ी लिखना तो चाहती है लेकिन पढ़ना नहीं चाहती जबकि दो हज़ार लाइन पढ़कर दो लाइन लिखना ही उन्हें एक अलग पहचान दिला सकती है।
मनोज मुन्तशिर की लिखी किताब ‘मेरी फ़ितरत है मस्ताना’ उनकी लिखी शायरी का संकलन है जिस पर मनोज ने लगभग हर विषय को छुआ है। शायरी के इस बेहतरीन ख़ज़ाने में प्यार, इश्क़, जुदाई, विरह देशभक्ति, डेमोनेटाइज़न तक के जीवन के हर पहलु पर लिखा है। ‘मुंतशिर’ का अर्थ ‘बिखरा हुआ’ हालाँकि मनोज ‘मुंतशिर’ शब्दों के बिखरे हुए जाल को अपने में समेटे हुए है।
कार्यक्रम के अंत में प्रभा खेतान फाउंडेशन की ओर से मनोज ‘मुंतशिर’ का सम्मान किया गया। मनोज ‘मुंतशिर‘ से रूबरू साक्षात्कार शुभ सिंघवी द्वारा किया गया। इस अवसर पर कनिका अग्रवाल, मूमल भंडारी, रिद्धिमा दोशी, श्रद्धा मुर्डिया, शुभ सिंघवी और स्वाति अग्रवाल के अतिरिक्त शहर के अनेक गणमान्य लोग उपस्थित थे।
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