बिना माइग्रेशन के GST में नहीं मिल पाएगा प्रवेश
आगामी 1 जुलाई 2017 को देश में नई कर प्रणाली GST (गुड्स एन्ड सर्विस टैक्स) लागू हो जाएगी। जिसके लिए सभी व्यापारियों को GST में रजिस्ट्रेशन करवाना होगा। जो व्यापारी पहले से वैट रिटर्न करते है उन्हें भी GST में रजिस्ट्रशन करवाना होगा जिसके लिए माइग्रेशन की प्रक्रिया से गुज़रना होगा। बिना माइग्रेशन के GST में प्रवेश नहीं मिल पाएगा और व्यापारी न तो टैक्स कलेक्ट कर पायेगा और न ही
आगामी 1 जुलाई 2017 को देश में नई कर प्रणाली GST (गुड्स एन्ड सर्विस टैक्स) लागू हो जाएगी। जिसके लिए सभी व्यापारियों को GST में रजिस्ट्रेशन करवाना होगा। जो व्यापारी पहले से वैट रिटर्न करते है उन्हें भी GST में रजिस्ट्रशन करवाना होगा जिसके लिए माइग्रेशन की प्रक्रिया से गुज़रना होगा। बिना माइग्रेशन के GST में प्रवेश नहीं मिल पाएगा और व्यापारी न तो टैक्स कलेक्ट कर पायेगा और न ही टैक्स जमा करवा पायेगा। इसी तरह आगे से माल खरीदने पर उस पर दिए गए टैक्स का लाभ भी नहीं उठा पायेगा। उपरोक्त विचार श्री संजय कुमार विजय, असिस्टेंट कमिश्नर सेल्स टैक्स ने आज अरवाना माल में आयोजित GST पर आधारित कार्यशाला में व्यक्त किये।
कार्यशाला में CTO मनीष बक्शी ने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि एक देश एक क़ानून के तहत पूरे देश में एक ही तरह का टैक्स सिस्टम लागू किया जायेगा और इस एक कानून का नाम GST है। पूर्व में अलग अलग राज्यों के लिए सेल्स टैक्स का अलग अलग कानून था, फ़लस्वरूप एक ही वास्तु की कीमत कही पर ज़्यादा तो कही पर कम होती थी। इसके अलावा एक राज्य से दूसरे राज्य में व्यापार करने पर सेंट्रल सेल्स टैक्स (CST) के रूप में अतिरिक्त टैक्स देना होता था, अब GST लागू होने के बाद कोई अतिरिक्त टैक्स नहीं देना होगा।
व्यापारी अपने कारोबार में रहने वाले अंतिम स्टॉक का जीएसटी पूर्व अंतिम शेष के माल का सही लेखांकन कर के लाभ कमा सकेगा। इनवोईस,एडवांस पेमेन्ट एण्ड डिलीवरी के आपसी 6 संबंधों के चलते टेक्स की रेट व समयावधि भुगतान बदल जाएगा। अंतिम शेष माल के माल पर भी इनपुट की छूट व घोषणा भी बहुत महत्व रखेगी।
CTO रविंद्र जैन ने ऑन लाईन पंजीकरण भरने पर आने वाली समस्याओं व रिटर्न भरते समय ध्यान रखने लायक बातें बतायी। उन्होंने कहा कि जीएसटी में 3 मासिक रिटर्न है जिनको भरने के लिये रिटर्न भरने के माह की 10-15 व 20 तारीख तक का समय दिया गया है। पहला रिटर्न GSTR-1 भरने की अंतिम तारीख 10 होगी जिनमे सेल्स की डिटेल सबमिट करनी होगी। GSTR-1 में पहली केटेगरी में B to B यानि (बिजनेसमैन to बिजनेसमैन) उदाहरणतया कोई डीलर किसी व्यापारी को सप्लाई करता है, और वही व्यापारी उस माल को आगे बेचता है, शामिल होगी, जबकि दूसरी केटेगरी में व्यापारी अपना माल अंतिम उपभोक्ता को सप्लाई करता है। यह रिटर्न उसी प्रकार होगा जिस प्रकार वर्तमान में वैट रिटर्न भरते समय 8-A फॉर्म सबमिट करना होता है। दूसरा रिटर्न GSTR -2 में व्यापारी की खरीद दर्शायी जाएगी जिसकी अंतिम तिथि 15 तारीख रहेगी। इस प्रकार टैक्स जमा होने के बाद अंतिम रिटर्न 20 तारीख को रहेगी। जबकि 16 से 20 तारीख तक व्यापारी अपना टैक्स जमा करवा सकेंगे।
डिप्टी कमिश्नर सुश्री प्रज्ञा केवलरमानी ने बताया की माइग्रेशन के लिए प्रत्येक व्यवसायी को डिजिटल सिग्नेचर की आवश्यकता भी रहेगी तथा साथ ही अपने आधार कार्ड के ज़रिये मोबाइल नंबर भी अपडेट करवाना होगा ताकि समय समय पर व्यापारी को टैक्स रिलेटेड जानकारी sms और मोबाइल एप्प की ज़रिये मिल सके।
कार्यशाला में भाग लेने वाले व्यवसाइयों के प्रश्नो और भ्रांतियों को दूर करते हुए CTO गोपाल जैन ने कहा की GST के बारे में व्यापारियों की हेल्प के लिए एक हेल्पलाइन और हेल्प डेस्क भी बनायीं गयी है। व्यापारी उसका लाभ ले सकते है हेल्प डेस्क के प्रभारी संजय कुमार विजय से मोबाइल नंबर 09829073430 व् लैंडलाइन नंबर 0294-2583773 पर भी सम्पर्क किया जा सकता है।
कार्यशाला में डिप्टी कमिश्नर प्रज्ञा केवलरमानी, असिस्टेंट कमिश्नर संजय कुमार विजय, CTO मनीष बक्शी, रविंद्र जैन, गोपाल जैन, अनिल लाहोटी, बी प्रवीण ने भाग लिया जबकि मंच संचालक की भूमिका सुभाष सिंह ने संभाली, वहीँ कार्यशाला का आयोजन में संनवा इंटरप्राइजेज, चमनपुरा लोहा बाजार एसोसिएशन एवं अरवाना माल ने सहयोग प्रदान किया।
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