पूर्व प्रशासन के खिलाफ कानूनी कार्यवाही हेतु कार्यकर्ता आये सामने
पूर्व कुलपति डॉ. लोकेश भट्ट एवं प्रो. दिव्य प्रभा नागर के कार्यकाल में कार्यरत रहते हुए उनके द्वारा कई प्रकार की अनियमितताएं एवं असवैधानिक आदेश तथा वित्तीय घोटालों की जांच की करवाने एवं उनके खिलाफ कानूनी कार्यवाही करने हेतु ज्ञापन दिया गया।
जनार्दनराय नागर राजस्थान विद्यापीठ विश्वविद्यालय एवं राजस्थान विद्यापीठ कुल के कार्यकर्ताओं ने कुलाधिपति एच.सी. पारख एवं कुल अध्यक्ष प्रो. देवेन्द्र जौहर केा विद्यापीठ के पूर्व कुलाधिपति भवानीशंकर गर्ग, पूर्व कुल प्रमुख प्रफुल्ल नागर, पूर्व सचिव डॉ. लक्ष्मीनारायण नन्दवाना एवं पूर्व कुलपति डॉ. लोकेश भट्ट एवं प्रो. दिव्य प्रभा नागर के कार्यकाल में कार्यरत रहते हुए उनके द्वारा कई प्रकार की अनियमितताएं एवं असवैधानिक आदेश तथा वित्तीय घोटालों की जांच की करवाने एवं उनके खिलाफ कानूनी कार्यवाही करने हेतु ज्ञापन दिया गया।
ज्ञापन में कहा गया कि
01. इनके कार्यकाल में जी.एस. पटेल द्वारा बडौदा में संचालित होम्योपेथी कॉलेज में किए गए अनुबंध द्वारा उससे आधी फीस लेकर उनको व्यक्तिगत लाभ पहुंचाया है जिससे संस्था को करोडो रूपये का आर्थिक नुकसान हुआ है।
02. अजमेर स्थित संस्था की 300 करोड की सम्पत्ति केा असंवैधानिक रूप से ट्रस्ट बनाकर उच्च अधिकारियों के साथ मिलकर व्यक्तिगत लाभ लेकर अपने परिचितों को दे दी ।
03. प्रतापनगर स्थित संस्था की जमीन पर छह करोड रूपये का भवन निर्माण कर तत्कालीन उच्च अधिकारियों द्वारा अपने आर्थिक हित को साधते हुए अपने परिचित को 15 लाख रूपये में एमओयू किया।
04. दूरस्थ शिक्षा में भी मूम्बई एवं जयपुर स्थित रिजनल कार्यालयों में इन संस्था को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से उनकी शर्तो के अनुसार एमओयू किया जिससे संस्था को करोडो रूपये का नुकसान हुआ।
05. तत्कालीन अधिकारियोें द्वारा दूरस्थ शिक्षा में करीब एक करोड की राशि का कागजों में हेराफेरी कर दोहरा भुगतान करने जैसे अरोप भी है।
06. इसके अतिरिक्त तत्कालीन उच्च अधिकारियों द्वारा संस्था की बेश किमती जमीनों एवं सम्पत्तियां को किराए विक्रय में कई अनियमितताएं जैसे गंभीर आरोप है।
इन आरोपों के मद्देनजर विद्यापीठ के समस्त कार्यकर्ताओं ने पूर्व प्रशासन के खिलाफ जांच करवाने एवं कानूनी कार्यवाही की मांग की।
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