रामा बबेशिया से ग्रसित, ईलाज के लिए विशेषज्ञों की टीम बुलाई
जैविक उद्यान सज्जनगढ़, उदयपुर में स्थित सफेद बाघ ‘रामा‘ की अस्वस्थता के चलते उसके इलाज के लिए विशेषज्ञों की टीम बुलाई गई है। राज्य के मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक को इस बारे में सूचित करते हुए जयपुर चिड़ियाघर एवं जोधपुर जैविक उद्यान के विशेषज्ञ पशुचिकित्सा अधिकारीं डाॅ.अरविन्द माथुर एवं डाॅ.श्रवण सिंह राठौड़ को रामा के ईलाज हेतु बुलाया गया है।
जैविक उद्यान सज्जनगढ़, उदयपुर में स्थित सफेद बाघ ‘रामा‘ की अस्वस्थता के चलते उसके इलाज के लिए विशेषज्ञों की टीम बुलाई गई है। राज्य के मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक को इस बारे में सूचित करते हुए जयपुर चिड़ियाघर एवं जोधपुर जैविक उद्यान के विशेषज्ञ पशुचिकित्सा अधिकारीं डाॅ.अरविन्द माथुर एवं डाॅ.श्रवण सिंह राठौड़ को रामा के ईलाज हेतु बुलाया गया है।
चैन्नई स्थित जू के विशेषज्ञ पशुचिकित्सा अधिकारी डाॅ. आल्विन से वार्ता की जाकर, ब्लड़ सैम्पल की विश्लेषणात्मक रिपोर्ट भिजवाई गई। डाॅ. आल्विन ने बताया जो अभी स्थानीय पशुचिकित्सा अधिकारी द्वारा दवाईयाँ दी जा रही है जो उचित है एवं चिंताजनक स्थिति नहीं है ।
उप वन संरक्षक शैतान सिंह देवड़ा ने बताया कि रामा टाइगर पिछले 2-3 दिनों से अस्वस्थ है एवं ठोस खाना ग्रहण नहीं कर रहा है, मात्र सूप ही ले रहा है। पिछले 2-3 दिनों से स्थानीय पशु चिकित्सा अधिकारी डाॅ. करमेन्द्र प्रताप द्वारा रामा को आवश्यक दवाईयाँ एवं फ्लूड दिया जा रहा था। गत 6 अगस्त को रामा के ब्लड सेम्पल के विश्लेषण से ज्ञात हुआ था कि रामा बबेशिया बीमारी से ग्रसित है। फलस्वरूप बीमारी को ध्यान में रखकर ईलाज किया जा रहा था।
इस संबंध में तीन विशेषज्ञ पशुचिकित्सा अधिकारियों का बोर्ड गठित करवाकर भी रामा की गहन जांच की गयी। टीम में पशुचिकित्सा अधिकारी डाॅ.शरद अरोड़ा, डाॅ. मेहता एवं डाॅ. करमेन्द्र प्रताप थे। आज भी स्थिति में विशेष सुधार को नहीं देखते हुए पुनः ब्लड सेम्पल लेकर लेबोरेेट्री में भिजवाया जिसकी रिपोर्ट शाम को प्राप्त हुई। रिपोर्ट के अनुसार बबेशिया बीमारी से टाइगर रामा को उल्लेखनीय राहत मिली है लेकिन इसके किडनी सबंधी बीमारी से ग्रसित होना ज्ञात हो रहा है।
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