हिन्दुस्तान जिंक के अखिलेष जोशी को स्वर्ण पदक
दुनिया के अलौह धातु उत्पादों के अन्तर्राष्ट्रीय समूह वेदान्ता रिसोर्स के अभिन्न अंग हिन्दुस्तान जिंक के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अखिलेष जोशी को अलौह धातु उद्योग क्षे़त्र में उल्लेखनीय योगदान के लिये भारतीय धातु संस्थान, कलकत्ता ने स्वर्ण पदक से सम्मानित किया ।
दुनिया के अलौह धातु उत्पादों के अन्तर्राष्ट्रीय समूह वेदान्ता रिसोर्स के अभिन्न अंग हिन्दुस्तान जिंक के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अखिलेष जोशी को अलौह धातु उद्योग क्षे़त्र में उल्लेखनीय योगदान के लिये भारतीय धातु संस्थान, कलकत्ता ने स्वर्ण पदक से सम्मानित किया ।
गत 35 वर्षों से अखिलेष जोशी खनन उद्योग क्षेत्र से जुड़े हुए है तथा इनके नेतृत्व में हिन्दुस्तान जिंक की सभी खदानों ने जैसे रामपुरा-आगुचा, जावर खदान, राजपुरा दरीबा खान तथा सिन्देसर खुर्द खदानों ने उल्लेखनीय विस्तार किया है। आज इन सभी खदानों की वार्षिक उत्पादन क्षमता 10 मिलियन टन से अधिक पहुंच चुकी है।
हिन्दुस्तान जिंक की खदानों द्वारा सुरक्षा, पर्यावरण तथा स्वास्थ्य को प्राथमिकता देते हुए, अखिलेष जोशी ने ना सिर्फ खदानों का विस्तार किया अपितु कंपनी की बढ़ती उत्पादन क्षमता के मध्य नजर नये स्मेल्टरों के भी अयस्क की आवष्यकता को पूरा किया। सन् 1976 में सहायक अभियन्ता के पद पर नियुक्त हुए तथा विभिन्न पदों पर कार्य करते हुए जोशी 1997 में विष्व की सबसे बड़ी जस्ता-सीसा खदान, रामपुरा आगुचा खदान, के मुख्य खनन प्रचालन अधिकारी के पदभार को सम्भाला।
विनिवेश के पश्चात् 2003 में अखिलेष जोशी रामपुरा आगुचा खदान के इकाई प्रधान के रूप में पदासीन हुए; शीघ्र ही उन्हें हिन्दुस्तान जि़ंक की सभी खदानों के विस्तार की जिम्मेदारी भी सौंप दी गई।
इनके द्वारा लिखित पुस्तक ‘ब्लास्ट, डिजाईन, थ्योरी एण्ड प्रेक्टिस’ आज भी नव आगन्तुक अभियन्ताओं को पढ़ाई जाती है जो कि खनन अभियन्ताओं को खनन क्षेत्र में विस्तृत जानकारी प्रदान करती है।
अखिलेश जोशी अक्टूबर 2008 में मुख्य प्रचालन अधिकारी का कार्यभार संभाला तथा जनवरी 2012 में जोशी हिन्दुस्तान जिंक के मुख्य कार्यकारी अधिकारी के पद पर आसीन हुए।
खनन क्षेत्र में अपनी प्रतिभा तथा उल्लेखनीय कार्य के लिए अखिलेष जोशी को सन् 2006 में भी प्रतिष्ठित ‘राष्ट्रीय खनिज पुरस्कार’ से सम्मानित किया जा चुका है। सन् 2012 में भारत सरकार के तत्कालीन वित्तमंत्री प्रणव मुखर्जी ने भी अखिलेष जोशी को उनके खनन क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए सम्मानित कर चुके हैं; तथा सन् 2013 में इण्डियन माईनिंग इंजीनियरिंग जर्नल (आई.एम.ई.जे.) ने ‘‘स्वच्छ खनन तकनीक’’ के क्षेत्र में उल्लेखनीय तथा अति विशिष्ठ कार्य एवं योगदान के लिए जोशी को प्रतिष्ठित ‘लाइफ टाइम् एचीवमेन्ट अवार्ड’ से सम्मानित किया है।
हिन्दुस्तान जिंक आज विश्व का सबसे बड़ा एकीकृत जस्ता-सीसा उत्पादक है तथा देश की 90 प्रतिशत जस्ता की आपूर्ति कर रहा है ।
भारतीय धातु संस्थान द्वारा अखिलेष जोशी को अलौह धातु उद्योग क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए स्वर्ण पदक सम्मान अखिलेष जोशी की दूरदर्शिता, रणनीति तथा कार्यकुशलता को दर्शाता है।
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