आॅल इंडिया वेस्ट जाॅन महिला हेण्डबाॅल पांच दिवसीय प्रतियोगिता का आगाज
राजस्थान विद्यापीठ की मेजबानी में आॅल इंडिया वेस्ट जाॅन महिला हेण्डबाॅल पांच दिवसीय प्रतियोगिता के पहले दिन कुल आठ मैंच खेले गये जिसमें एम.के.के.एस भावनगर ने डाॅ. एच.एस. गोड विवि सागर को 24 गोल, बरकततुल्ला विवि भोपाल ने गुजरात टेक्नो विवि अहमदाबाद को 8 गोल, एस.पी. विवि वल्लभनगर ने डी.ए. विवि इन्दौर को 7 गोल से, राजस्थान विवि जयपुर ने शोलापुर विवि को 30 गोल, वी.एन.एस.जी. विवि सुरत ने डी.के. शेखावटी विवि सीकर को 10 गोल से, जीवाजी विवि ग्वालियर ने आरजीपीवी विवि भोपाल को 02 गोल से, गुजरात विवि अहमदाबाद ने भूपाल नोबल्स विवि उदयपुर को 16 गोल से परास्त कर अगले राउण्ड में प्रवेश किया। साथ ही बी.के.एन.एम. विवि जुनागढ़ वाॅक ओवर के साथ अगले राउंड में शामिल होगी।
राजस्थान विद्यापीठ की मेजबानी में आॅल इंडिया वेस्ट जाॅन महिला हेण्डबाॅल पांच दिवसीय प्रतियोगिता का आगाज हुआ। स्पोर्ट्स बोर्ड के सचिव डाॅ. भवानीपाल सिंह ने बताया कि पांच दिवसीय वेस्ट जाॅन इंटर युनिवर्सिटी महिला हेण्डबाॅल प्रतियोगता के पहले दिन कुल आठ मैंच खेले गये जिसमें एम.के.के.एस भावनगर ने डाॅ. एच.एस. गोड विवि सागर को 24 गोल, बरकततुल्ला विवि भोपाल ने गुजरात टेक्नो विवि अहमदाबाद को 8 गोल, एस.पी. विवि वल्लभनगर ने डी.ए. विवि इन्दौर को 7 गोल से, राजस्थान विवि जयपुर ने शोलापुर विवि को 30 गोल, वी.एन.एस.जी. विवि सुरत ने डी.के. शेखावटी विवि सीकर को 10 गोल से, जीवाजी विवि ग्वालियर ने आरजीपीवी विवि भोपाल को 02 गोल से, गुजरात विवि अहमदाबाद ने भूपाल नोबल्स विवि उदयपुर को 16 गोल से परास्त कर अगले राउण्ड में प्रवेश किया। साथ ही बी.के.एन.एम. विवि जुनागढ़ वाॅक ओवर के साथ अगले राउंड में शामिल होगी।
राजस्थान विद्यापीठ विश्वविद्यालय कुलपति प्रो. एस.एस. सारंगदेवोत ने कहा की जीवन के को जीने के लिए खेल से बड़ी सीख कही नहीं मिल सकती है खेल को खिलाड़ियों को पूरे मन, समर्पित भाव से, मानसिक रूप से परिपक्व होकर ही एक अच्छा खेल प्रदर्शित कर सकते है। खेल को खेल की भावना से खेलना चाहिए, जीत व हार को अपने मन लिए बिना खेलना चाहिए। खेल से शारीरिक, मानसिक एवं आध्यात्मिक विकास होता है। कोई भी व्यक्ति खेल तब तक नहीं खेल सकता तब तक जीतने की चाहत नहीं हो जहा चाहत होती है वही जीत होती है।
सचिव भवानीपाल सिंह ने बताया कि प्रतियोगिता का उद्घाटन मुख्य अतिथि डिप्टी डायरेक्टर आईसीएआर प्रो. एन.एस. राठोड, कुलपति प्रो. एस.एस. सारंगदेवोत , कुल प्रमुख भंवरलाल गुर्जर, रजिस्ट्रार प्रो. सी.पी. अग्रवाल, विशेषाधिकारी डाॅ. हेमशंकर दाधीच ने माॅ सरस्वती के सम्मुख दीप प्रज्जवलित कर किया।
प्रारंभ में प्रो. सी.पी. अग्रवाल ने अतिथियों का स्वागत करते हुए स्पोर्ट्स बोर्ड का प्रतिवेदन प्रस्तुत कर पांच दिवसीय प्रतियोगिता की जानकारी दी। मुख्य अतिथि प्रो. एन.एस. राठोड ने देश के विभिन्न राज्यों से खिलाड़ियों का आव्हान किया वे महाराणा प्रताप के जीवन को पढे़ तथा उनके आदर्शो को अपने जीवन में उतारे। प्रताप ने अपने मान सम्मान के लिए अपने महलों तक को त्याग दिया था। उन्होने कहा कि खेल से अनुशासन की भावना आती है उन्होने कहा कि खिलाडी अच्छा खायेंगे तो अच्छा खेलेंगे , खेल में फिजिकल फिटनेस की आवश्यकता अधिक होती हे तो अच्छा एवं संतुलित खान पान से ही संभव है। समारोह का संचालन डाॅ. दिलिप सिंह चैहान ने किया जबकि धन्यवाद भवानीपाल सिंह राठोड ने दिया। समारोह में प्रो. जी.एम. मेहता, डाॅ. शशि चितौडा, प्रो. मनीष श्रीमाली, डाॅ. हेमशंकर दाधीच, डाॅ. हरीश शर्मा, सहित डीन, डायरेक्टर, एवं कार्यकर्ता उपस्थित थे।
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