अमन बापना ने तीन साथियों के साथ बनाया इन्डोर जीपीएस सिस्टम


अमन बापना ने तीन साथियों के साथ बनाया इन्डोर जीपीएस सिस्टम

मन में ठान लें तो हर असंभव कार्य संभव हो जाता है और ऐसी ही कुछ लेकसिटी के युवा एवं होनहार अमन बपना ने अपने तीन मित्रों मयंक शर्मा, सिद्धार्थ देसाई एवं अनुभव गुप्ता के सहयोग से 2 वर्ष की कड़ी मेहनत के बाद एक इन्डोर जीपीएस सिस्टम तैयार किया है। यह जीपीएस हार्डवेयर एवं सोफ्टवेयर में काम आयेगा।

 
अमन बापना ने तीन साथियों के साथ बनाया इन्डोर जीपीएस सिस्टम

मन में ठान लें तो हर असंभव कार्य संभव हो जाता है और ऐसी ही कुछ लेकसिटी के युवा एवं होनहार अमन बपना ने अपने तीन मित्रों मयंक शर्मा, सिद्धार्थ देसाई एवं अनुभव गुप्ता के सहयोग से 2 वर्ष की कड़ी मेहनत के बाद एक इन्डोर जीपीएस सिस्टम तैयार किया है। यह जीपीएस हार्डवेयर एवं सोफ्टवेयर में काम आयेगा।

क्लीन स्लेट टेक्नोलेाज़ीज प्रा.लि.बैगलोर के इन चारो मित्रों ने दिसम्बर 2015 में अन्तर्राष्ट्रीय कम्पनी जीडब्ल्यूसी की नौकरी छोड़ कर अपने ही देश में रह कर अपने ही देश के लिये कुछ ऐसा करने की ठानी जिसके लिये भारतीय विदेशों पर निर्भर नहीं रहे। इन मित्रों ने आईआईटी कानपुर एवं आईआईटी मुबंई में अध्ययन के दौरान की कुछ नया करने की ठान ली थी।

उल्लेखनीय है गूगल का जीपीएस केवल खुले में ही काम करता है जबकि इनके द्वारा ईजाद किया गया ’इन लोकेट’ नामक जीपीएस हवाई अड्डो, बड़े-बड़े औद्योगिक परिसर, कार्यालयों मे छोटे एवं बड़े वाहनों तथा कर्मचारियों को ट्रेकिंग किये जाने में उपयोग होता है।

अमन बापना के पिता चन्द्रेश बपना ने बताया कि अमेरीका के बाहर अपनी तरह का यह पहला जीपीएस बनाने का प्रयास है। यह जीपीएस वर्तमान में इन लोकेट बाॅश बैंगलोर स्थित एक औद्योगिक इकाई में सफलतापूर्वक कार्य कर रहा है। ’इन लोकेट’ को आईबीएम ने वर्ष 2017 में एशिया के टाॅप 10 स्टार्टअप चुना गया था। जिसके प्रस्तुतिकरण को देश के एक राष्ट्रीय चैनल पर प्रसारित किया गया।

इनके प्रयासों को उस समय और अधिक सफलता मिली जब औद्योगिक इकाईयों के सीईओ के ग्रुप एन्सिल से फण्डिंग मिलने का समझौता हुआ है। कम्पनी ने अपने इस प्रोजेक्ट के लिये पेटेन्ट के चार विभिन्न केटेगरी में पेटेन्ट के लिये एप्लाई किया है। इस प्रोजेक्ट के क्रियान्वयन के लिये किसी प्रकार के हार्डवेयर की आवश्यकता नहीं होती है तथा अपने सभी के पास उपलब्ध मोबाईल फोन की सहायता से कार्य करता है। इसका ट्रेकिंग टाईम रियल जनरेट होती है, जिससे कम्पनी के संसाधनो का इस्तेमाल एफिसियेन्ट तरीके से करने में सहायता मिलती है, जो उनको करोड़ों रूपयों की बचत करता है।

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