‘कथा अट्टम-रस राज’ में जीवन्त हुए अमृत मंथन, मोहिनी भस्मासुर
पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र की ओर से आयोजित तीन दिवसीय शास्त्रीय संगीत व नृत्य समारोह ‘‘ऋतु वसंत’’ की शुरूआत पद्मविभूषण डाॅ. सोनल मानसिंह द्वारा परिकल्पित ‘‘कथा अट्टम’’ के ‘‘रस राज’’ से हुई जिसमें पौराणिक ग्रंथों के प्रसंगों अमृत मंथन, मोहिनी भस्मासुर, कृष्ण कालिया का मनोरम चित्रण किया गया।
पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र की ओर से आयोजित तीन दिवसीय शास्त्रीय संगीत व नृत्य समारोह ‘‘ऋतु वसंत’’ की शुरूआत पद्मविभूषण डाॅ. सोनल मानसिंह द्वारा परिकल्पित ‘‘कथा अट्टम’’ के ‘‘रस राज’’ से हुई जिसमें पौराणिक ग्रंथों के प्रसंगों अमृत मंथन, मोहिनी भस्मासुर, कृष्ण कालिया का मनोरम चित्रण किया गया।
शिल्पग्राम के मुक्ताकाशी रंगमंच पर आयोजित इस समारोह की पहली शाम में कामाख्या कलापीठ रेपर्टरी के कलाकारों द्वारा पद्मविभूषण डाॅ. सोनल मानसिंह द्वारा निर्देशित रस राज से हुई। बेहतरीन प्रकाश व्यवस्था और दृश्य चित्रों से युक्त इस प्रस्तुति में सर्व प्रथम ‘होलिका दहन’ का प्रसंग दर्शाया जिसमें भक्त प्रल्हाद और उसके पिता हरिण्य कश्यपु द्वारा होलिका के माध्यम से जलाने के प्रसंग का चित्रण तथा बाद में नरसिंह अवतार के रूप में हरिण्य कश्यपु के संहार को प्रभावी ढंग से दर्शाया गया इसके बाद छाऊ की मोहक प्रस्तुति ने दर्शकों को मंत्र मुग्ध सा कर दिया।
कार्यक्रम में ‘‘अमृत पान’’ की प्रस्तुति रोचक व आकर्षक बन सकी। जिसमें समुद्र मंथन के बाद देव और असुरों में अमृत पान के दृश्य चित्र को अनूठे अंदाज में दर्शाया गया। इसी प्रकार प्रस्तुति में ‘भस्मासुर’ प्रसंग का मंचन दर्शकों के लिये रोमांचक बन सका जिसमें स्वयं शिव भस्मासुर को दिये वचनानुसार स्वयं के प्राण संकट में पाकर एक नृत्योगना के माध्यम से भस्मासुर का अंत करते हैं । इस अवसर पर भगवान श्री कृष्ण के बाल्यकाल से जुड़े ‘कृष्ण कालिया’ में प्रसंग में कृष्ण और काली नाग के बीच के द्वंद्व हो बखूबी मंच पर रूपायित किया गया।
कार्यक्रम की अंतिम प्रस्तुति रास रही जिसमें सभी कलाकारों ने रास के दृश्य का चित्रण रोचक व मोहक अंदाज में दर्शाया। प्रस्तुति में भाव भंगिमाएँ व आंगिक अभिनय सशक्त बन सका वहीं संगीत पक्ष ने रचना को जीवन्त बनाया। इससे पूर्व केन्द्र निदेशक श्री फुरकान ख़ान द्वारा डाॅ. सोनल मानसिंह का पुष्पगुच्छ भेंट कर स्वागत किया गया।
तीन दिवसीय समारोह के दूसरे दिन शनिवार शाम देश की जानी मानी शास्त्रीय गायिका शुचिस्मिता दास गायन प्रस्तुत करेंगी।
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