अनिल अग्रवाल का एंग्लो अमेरिकन कंपनी में निवेश


अनिल अग्रवाल का एंग्लो अमेरिकन कंपनी में निवेश

अनिल अग्रवाल की वॉलकैन इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड ने एंग्लो अमेरिकन पीएलसी के शेयरों में लगभग 15,700 करोड़ रुपये का निवेश करने की घोषणा की है। वॉलकैन अनिल अग्रवाल के परिवार की पूर्ण रूप से स्वामित्व ट्रस्ट है।

 
अनिल अग्रवाल का एंग्लो अमेरिकन कंपनी में निवेश

Anil Agarwal

अनिल अग्रवाल की वॉलकैन इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड ने एंग्लो अमेरिकन पीएलसी के शेयरों में लगभग 15,700 करोड़ रुपये का निवेश करने की घोषणा की है। वॉलकैन अनिल अग्रवाल के परिवार की पूर्ण रूप से स्वामित्व ट्रस्ट है।

एंग्लो अमेरिकन पीएलसी दुनिया की सबसे बड़ी विविध धातु एवं खनन कंपनियों में से एक है तथा वैश्विक स्तर पर खनिज धातुओं पर आधारित प्लेटिनिम एवं डायमंड का दुनिया भर में नेत्त्व भी कर रही है। एंग्लो अमेरिकन के प्रचालन साऊथ अफ्रीका, नार्थ एण्ड साऊथ अमेरिका, आस्ट्रेलिया, एशिया और यूरोप में फैला हुआ है। यह विश्व की डायमंड में सबसे बड़ी कंपनी डी बीयर्स के मालिक भी है जो दुनिया की डायमंड एक्सप्लोरेशन, खनन एवं विपणन कंपनी है। डी बीयर्स विश्व में 30 मिलियन से अधिक कैरेट डायमंड का वार्षिक उत्पादन करती है जो विश्व में डायमंड उत्पादन का 35 प्रतिशत है।

डी बीयर्स औसतन हर साल 5.2 बिलियन डॉलर के कच्चे डायमंड की बिक्री करती है जिसके आधे से अधिक डायमंड व्यापारी भारत के सूरत, मुम्बई, एंटवर्प, हांगकांग, दक्षिण अफ्रीका एवं दुबई में स्थित है। डि बियर्स द्वारा बेचे जाने वाले डायमंड सूरत एवं मुम्बई बाजार में आते है जहां वे छोटे एवं मध्यम डायमंड व्यापारियों और बड़ी कंपनियों को बेचा जाता है।

भारत में डायमंड का उत्पादन नहीं के बराबर है तथा भारत विश्व में डायमंड का सबसे बड़ा उपभोक्ता है, जो विश्व में डायमंड उत्पादन का 80 प्रतिशत आयात करता है, जिसका लगभग 15 बिलियन डॉलर का आयात बिल होता है।

अनिल अग्रवाल ने कहा कि हमारे लिए यह एक आकर्षक निवेश है। उन्होंने बताया कि एंग्लो अमेरिकन उत्कृष्ट संपत्तियों एवं सुदृढ़ बोर्ड तथा प्रबंधन टीम के साथ एक महान कंपनी है जो शेयरधारक वेल्यू के लिए सुचारू रूप से संचालन कर रही है।अनिल अग्रवाल की वेदान्ता रिसोर्सेज ने भारत में 30 बिलियन डॉलर से अधिक विदेशी पूंजी का निवेश किया है।

अनिल अग्रवाल द्वारा एंग्लो अमेरिकन पीएलसी में लगभग 15,700 करोड़ रुपये के निवेश से भारत और अफ्रीका के साथ व्यापारिक संबंध और अधिक सुदृढ़ बनेंगे तथा टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में निवेश से रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे।

अनिल अग्रवाल की वंदान्ता रिसोर्सेज दुनिया की सबसे बड़ी धातु एवं खनन कंपनियों में से एक है जो जस्ता, तांबा, लौह अयस्क, बिजली, एल्यूमिनियम और ऊर्जा उत्पादन करती है। लंदन में सूचीबद्ध कंपनी वेदान्ता लिमिटेड को नियंत्रित करती है जिसकी भारत, अफ्रीका और आयरलैण्ड में विभिन्न कंपनियां स्थापित है। वेदान्ता के कारोबार में हिन्दुस्तान जि़ंक, जिंक इंटरनेशनल, स्कॉर्पीन ज़िंक, स्टरलाइट कॉपर, सेसा गोवा, केयर्न इण्डिया, टीएसपीएल एवं एल्यूमिनियम उद्योग बालको और वैल शामिल है।

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