खेमपुरा में टंकी निर्माण के लिए 11 हजार स्क्वायर फुट जमीन निगम को देने की घोषणा


खेमपुरा में टंकी निर्माण के लिए 11 हजार स्क्वायर फुट जमीन निगम को देने की घोषणा

अब खेमपुरा वासियों को ज्यादा दिन पेयजल की समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा। लंबे समय से टंकी निर्माण के लिए नगर निगम को ७ हजार स्क्वायर जमीन की तलाश थी, जो आज पूरी हो गई।

 

खेमपुरा में टंकी निर्माण के लिए 11 हजार स्क्वायर फुट जमीन निगम को देने की घोषणा

अब खेमपुरा वासियों को ज्यादा दिन पेयजल की समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा। लंबे समय से टंकी निर्माण के लिए नगर निगम को ७ हजार स्क्वायर जमीन की तलाश थी, जो आज पूरी हो गई।

क्षेत्र में आजादी से पहले से कार्यकर रही संस्था वनवासी सेवा संघ की ओर से टंकी निर्माण के लिए अपनी ११ हजार स्क्वायर फुट जमीन निगम को देने की घोषणा की गई। यह घोषणा संस्था के ६८ वें स्थापना दिवस समारोह को संबोधित करते हुए संघ के संरक्षक प्रतापङ्क्षसह राठौड़ ने की।

इससे पहले समारोह की शुरुआत में नगर महापौर चन्द्रसिंह कोठारी, राजस्थाना विद्यापीठ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एस.एस सारंगदेवोत, वनवासी सेवासंघ के संरक्षक प्रतापसिंह राठौड़, अध्यक्ष दिनेश जैन और भारतीय संविधान सभा के सदस्य मास्टर बलवंतसिंह मेहता के शिष्य उग्रसेन राव ने भूमि पूजन कर १३ बीघा ११ बिस्वा बाकी पड़ी जमीन पर चार दिवारी के लिए भूमि पूजन किया।

बड़ी संख्या में समारोह  भाग लेने आए स्वयं सेवी संगठनों के कार्यकर्ताओं ने प्रधानसेवक नरेन्द्र मोदी के स्वच्छ भारत अभियान के तहत श्रमदान करके गंदगी का निस्तारण किया। क्षेत्रवासियों ने भी बड़ी संख्या में भाग लिया।

इसके बाद वनवासी -आदिवसी समागम शुरू हुआ, जिसमें आदिवासी भील समाज सुधार सेवा संस्थान, निषादराज समाज सुधार सेवा संस्थान, जिला एकलव्य युवा परिषद्, युवा भीलखंड राज्य मोर्चा, माहेश्वरी आश्रम अलसीगढ़, अखिल भारतीय वाल्मीकी पंचायत, धर्मराज डांगी समाज संस्था तथा जनहित एवं अधिकार सुरक्षा समिति के पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं ने भाग लिया। समागम की अध्यक्षता वरिष्ठ पत्रकार उग्रसेन राव ने की। मुख्य अतिथि भाकपा के मेघराज तावड़ थे।

संघ की भूमि का इतिहास :

संघ के संरक्षक प्रतापसिंह राठौड़ ने बताया कि महाराणा भूपालसिंह ने २४ अप्रैल, 1947 को आज ही के दिन संघ को 50 बीघा चार बिस्वा भूमि तत्कालीन शहर के बाहर खेमपुरा में दान की थी तथा आज ही के दिन संघ के तत्कालीन मंत्री मास्टर बलवंतसिंह मेहता द्वारा इस भूमि पर छात्रावास का प्रसिद्ध दलित नेता ठक्कर बाबा के हाथों शिलान्यास कराया था। बाद में राजस्थान सरकार द्वारा 35 बीघा 18 बिस्वा जमीन को मुआवजा देने की शर्त पर आवाप्त कर लिया गया, लेकिन बाद में मुआवजा भी नहीं दिया गया।

राठौड़ ने बताया की अवाप्ति के मामले में संघ द्वारा आपत्ति दर्ज करवा दी गयी थी। अवैध कब्जेधारियों से जमीन खाली करवाने के लिए परिवाद भी न्यायालय में दर्ज करवाया गया, जिसका संघर्ष आज भी जारी है। श्री राठौड़ ने बताया कि 1947 में बनी संघ की इमारत और आसपास की जमीन पर गंदगी होने व लोगों के अतिक्रमण की कोशिश के कारण संघ के पदाधिकारियों और स्थानीय लोगों ने प्रशासन और नगर निगम को इसकी शिकायत की थी, जिसको मानते हुए प्रशासन और नगर निगम ने बची हुई भूमि की चारदीवारी बनाकर संरक्षित करने और साफ़-सफाई करने की अनुमति प्रदान की है, जिसके तहत चारदीवारी निर्माण और सफाई करवाई जा रही है।

समागम में पार्षद वेणीराम सालवी, आदिवासी महासभा के अध्यक्ष सोमेश्वर मीणा, आदिवासी नेता देवीलाल दाणा, टेकचंद गमेती, भैरूलाल गायरी, लक्ष्मण गौरण, राजीव शर्मा, जगदीश डांगी, मोहम्मद युनूस मंसूरी आदि ने भी संबोधित किया। आभार संघ के अध्यक्ष दिनेश जैन ने व्यक्त किया।

To join us on Facebook Click Here and Subscribe to UdaipurTimes Broadcast channels on   GoogleNews |  Telegram |  Signal

Tags