सुप्रकाशमति माताजी के उदयपुर में चातुर्मास की घोषणा से समाज में हर्ष की लहर
राष्ट्र संत गणिनी आर्यिका सुप्रकाशमति माताजी का उदयपुर में चातुर्मास करने की विनती करने हेतु सकल दिगबर जैन समाज के 200 से अधिक श्रावक श्राविकाएं रविवार को प्रातः शेषपुर मोड़ स्थित त्रिमूर्ति अभिनंदन ध्यान केन्द्र में बिराजित माताजी के पास पंहुचे।
राष्ट्र संत गणिनी आर्यिका सुप्रकाशमति माताजी का उदयपुर में चातुर्मास करने की विनती करने हेतु सकल दिगबर जैन समाज के 200 से अधिक श्रावक श्राविकाएं रविवार को प्रातः शेषपुर मोड़ स्थित त्रिमूर्ति अभिनंदन ध्यान केन्द्र में बिराजित माताजी के पास पंहुचे।
ओमप्रकाश गोदावत ने बताया कि सकल दिगबंर जैन समाज के अध्यक्ष शानितलाल वेलावत एवं चातुर्मास संयोजक प्रकाश सिंघवी के नेतृत्व में उदयपुर शहर एवं उदयपुर के उपनगरों के विभिन्न क्षेत्रों से आये श्रावक-श्राविकाओं ने माताजी के समक्ष उदयपुर में चातुर्मास की अनुमति प्रदान करने हेतु सुन्दरलाल डागरिया, से.14 से भंवरलाल मुण्डलिया, झमकलाल अखावत, युवा संगठन के निर्मल मालवी, हीरामन टावर के हीरालाल मालवी, ध्यानोदय केन्द्र बलीचा के टस्ट मण्डल के सभी ट्रस्टी, अध्यक्ष राजेन्द्र वेडा सहित सैकड़ों श्रावक-श्राविकाओं ने श्रीफल भेंट किये।
इस अवसर पर माताजी ने धार्मिक प्रवचन देते हुए कहा कि भक्ति में शक्ति है। अप जितनी प्रभु भक्ति करोगें उतनी आपको सुख एवं शान्ति अनुभव होगी। उन्होेंने कहा कि जीवन हमेशा सुन्दर एवं सुखमय हो तो इसके लिए चातुर्मास के चार माह भक्ति लिए आरक्षित करें। इस दौरान एक बार पुनः पाण्डाल गुरू मां एक चातर्मास हमें दे दो के कथन से गूंज उठा। इस पर गुरू मां ने 1 जून को उदयपुर विहार की घोषणा करते हुए उदयपुर में चातुर्मास की 90 प्रतिशत हांमी भर दी। उन्होेंने कहा कि 10 प्रतिशत शारीरिक अनुकूलता पर निर्भर करेगा। इस घोषणा से समाज में हर्ष की लहर व्याप्त हो गयी।
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