अष्टकारी पूजा एवं ग्रन्थ समर्पण कार्यक्रम सम्पन्न
आत्मरति विजय एंव हितरति विजय म.सा. ने कहा कि ज्ञान ऐसा अचूक हथियार जो दानव को मानव और मानव को महामानव बनाने में सक्षम है।
आत्मरति विजय एंव हितरति विजय म.सा. ने कहा कि ज्ञान ऐसा अचूक हथियार जो दानव को मानव और मानव को महामानव बनाने में सक्षम है।
वे आज जैन श्वेताम्बर मूर्ति पूजक संघ जिनालय की ओर से हिरणमगरी से.4 स्थित श्री शांतिनाथ सोमनाथचन्द्र आराधना भवन में आयोजित धर्मसभा को संबोधित कर रहे थे। उन्होनें कहा कि जो राग द्वेष की ग्रंथी को तोड़ दे वो ही ग्रन्थ है और वहीं आगे चल कर निर्गंंथ बनाता है और समभाव पैदा करता है। इस अवसर पर आज प्रात: गंंथ समर्पण, गुरू पूजन एवं अष्टाकरी पूजा आयेाजित जिसका लाभसंघ के अध्यक्ष सुशील बांठिया एंव परिवार ने लिया। इस अवसर पर ख्यालीलाल डूंगरवाल,राजेन्द्र तलेसरा, श्रीमती मधु अनिल भण्डारी, श्रीमती सुशीला ईश्वरलाल मेहता,श्रीमती रतनबाई हरकलाल कावडिय़ा ने ज्ञान पूजा की।
संघ के महामंत्री प्रभाषचन्द्र नागौरी ने बताया कि गुरूवर द्वारा मंगलवार से प्रतिदिन धर्मबिन्दु एवं योगशास्त्र का वाचन किया जाएगा।
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