भंवर बाईसा मोहलक्षिका कुमारी मेवाड़ ने किया अश्व पूजन की परम्परा का निर्वहन


भंवर बाईसा मोहलक्षिका कुमारी मेवाड़ ने किया अश्व पूजन की परम्परा का निर्वहन

नवरात्री पर मेवाड़ में होता है अश्व पूजन 
 
ashwapoojan

उदयपुर, 14 अक्टूबर 2021 । अश्विन शुक्ल नवरात्रि की नवमीं पर मेवाड़ की ‘अश्व पूजन’ परम्परा का निर्वहन करते हुए भंवर बाईसा मोहलक्षिका कुमारी जी मेवाड़ ने पुरोहितजी एवं पण्डितों के मंत्रोच्चारण के साथ ‘लीला की पायगा’ में अश्व पूजन किया।

महाराणा मेवाड़ चेरिटेबल फाउण्डेशन, उदयपुर के मुख्य प्रशासनिक अधिकारी भूपेन्द्र सिंह आउवा ने बताया कि कोरोना नियमों का विशेष ध्यान रखते हुए अश्व पूजन की परम्परा को पूर्ण किया गया। अश्वों को पारम्परिक तरीकें से शृंगारित कर पूजन में लाया गया।

मंत्रोच्चारण के साथ भंवर बाईसा मोहलक्षिका कुमारी जी मेवाड़ ने पूजन में सुसज्जित राजस्वरूप, अश्वराज व नागराज अश्वों पर अक्षत, कुंकुम, पुष्पादि चढ़ाकर आरती की। पूजन में अश्वों को भेंट में आहार, वस्त्रादि के साथ ज्वारें धारण करवाई गई। 

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