संतों की वाणी को आत्मसात करें: राकेश कुमार


संतों की वाणी को आत्मसात करें: राकेश कुमार

शासन श्री मुनि राकेश कुमार ने कहा कि चार माह तक संतों का सान्निध्य प्राप्त करना ही सौभाग्य नहीं है बल्कि उनकी वाणी को अपने जीवन में उतारकर आत्मसात करना ही न सिर्फ स्वयं के लिए बल्कि संतों के लिए भी उल्लेखनीय होगा। अपने जीवन में उतारेंगे तो संतों को भी सराहना मिलेगी और खुद के जीवन में भी सुधार आएगा।

 

संतों की वाणी को आत्मसात करें: राकेश कुमार

शासन श्री मुनि राकेश कुमार ने कहा कि चार माह तक संतों का सान्निध्य प्राप्त करना ही सौभाग्य नहीं है बल्कि उनकी वाणी को अपने जीवन में उतारकर आत्मसात करना ही न सिर्फ स्वयं के लिए बल्कि संतों के लिए भी उल्लेखनीय होगा। अपने जीवन में उतारेंगे तो संतों को भी सराहना मिलेगी और खुद के जीवन में भी सुधार आएगा।

वे अपने चातुर्मास संपन्नता के बाद विहार करने के दौरान श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथी सभा और खेरादीवाड़ा स्थित चव्हाण परिवार की ओर से आयोजित मंगलभावना समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने चातुर्मास को आध्यात्मिक एवं ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि इस चातुर्मास से हजारों धर्मप्रेमी लाभन्वित हुए। इसके अतिरिक्त विशेष इसलिए भी कि स्पेशल ट्रेन नेपाल ले जाई गई जिसकी चर्चा सम्पूर्ण देश भर में है। इसके लिए सभाध्यक्ष राजकुमार फत्तावत एवं उनकी टीम बधाई की पात्र हैं। इससे पूर्व मुनि राकेश कुमार ने परदेसी राजा का मंगल उद्बोधन दिया।

मुनि सुधाकर ने कहा कि आत्मा से महात्मा और फिर परमात्मा बनने के लिए भगवान महावीर ने 27 भव प्राप्त किए। व्यक्ति का लक्ष्य हर आत्मा की अनंत चारित्रता होती है। जरूरत है उसे जगाने की। इसका उपाय है आचार्य-संतों का सान्निध्य। हमारे अंदर जो चारित्र, शक्ति है उसे जगाने का प्रयास करें। चिता से पहले चेतना को जगाने का प्रयास करें।

म्ुनि दीप कुमार ने कहा कि चातुर्मास सदा स्मरणीय रहेगा। प्रत्येक दिन व्याख्यान हुआ और धर्मावलम्बियों की प्रतिदिन खासी संख्या रही। मुनि श्री राकेश कुमार छह दशकों से व्याख्यान कर रहे हैं। तत्व आधारित व्याख्यान रहता है।

फत्तावत ने बताया कि विदेश की धरती पर आचार्य श्री महाश्रमण के चातुर्मास की संपन्नता के बाद विहार आज सुबह 6.29 पर हुआ। मुनि राकेश कुमार के चातुर्मास की संपन्नता भी हो गई है लेकिन मंगल भावना तभी होगी जब उनका विहार अहमदाबाद की ओर होगा। मुनिवृंदों का चार बार वात्सल्य मिलन हुआ जिसका कोई तोड़ नहीं है। मुनि राकेश कुमार ने काम का इतना तरीका सिखाया। कार्यकर्ताओं और संतों का निर्माण करना सिखाया। स्पेशल ट्रेन की केन्द्र में प्रत्येक संत तक चर्चा है। स्पेशल ट्रेन की केन्द्र में प्रत्येक संत तक चर्चा है कि ट्रेन पूणर्् अनुशासित रूप से आई और चली गई। बुजुर्ग अपने घर में मार्गदर्शन दें और युवाओं को कुछ नया करने को प्रेरित करें।

इससे पूर्व तेरापंथ युवक परिषद अध्यक्ष दीपक सिंघवी, महिला मंडल अध्यक्ष चन्दा बोहरा, तेरापंथी सभा के संरक्षक शांतिलाल सिंघवी, मुख्य परामर्शक छगनलाल बोहरा आदि ने भी विचार व्यक्त किए। नई दिल्ली से आए गत वर्ष चातुर्मास समिति के अध्यक्ष के एल जैन पटावरी एवं डाडमचंद जैन का साहित्य भेंटकर उपरणा ओढ़ाकर अभिनंदन किया गया। आरंभ में मंगलाचरण चव्हाण परिवार की महिलाओं ने किया। शब्दों से स्वागत उषा चव्हाण, पार्थ चव्हाण ने किया। आभार शशि चव्हाण ने जताया। संचालन मंत्री सूर्यप्रकाश मेहता ने किया।

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