लोक कला मंडल में मेटा जिंगल से दर्शक अभिभूत


लोक कला मंडल में मेटा जिंगल से दर्शक अभिभूत

लोक कला मंडल के मुक्ताकाशी मंच पर कला एंव संस्कृति कि विश्व प्रसिद्ध संस्था भारतीय लोक कला मण्डल तथा फ्रान्स दूतावास के संयुक्त तत्वाधान में संगीत, कविता, नृत्य एंव करतब का कार्यक्रम मेटा जिंगल के नाम से किया गया। मानवीय भावनाओं को एक कवि कविता के माध्यम से किस प्रकार सम्प्रेषित किया जाता है। जिसमें शब्द और केवल शब्द सम्प्रेषण का माध्यम होते है। परन्तु वही शब्द श्रोता के कानो तक पहुच कर दृश्य बिम्ब बनाते है। वहाॅ संगीतकार अपने संगीत ताल लय स्वर लहरियो से उन शब्दो को भाव देता है जो करतब करने वाला कलाकार उन्ही शब्दो से अपने करतब द्वारा किस प्रकार भाव प्रदर्षित करता है। इस प्रयोग से साक्षात्कार कराया फ्रांस एवं भारतीय कलाकारो ने जिसमें एक और शास्त्रीय, कर्नाटकी संगीत, राजस्थानी संगीत, पाश्चात्य वाद्य गिटार, कविता पाठ और करतब का संगम था।

 
लोक कला मंडल में मेटा जिंगल से दर्शक अभिभूत

लोक कला मंडल के मुक्ताकाशी मंच पर कला एंव संस्कृति कि विश्व प्रसिद्ध संस्था भारतीय लोक कला मण्डल तथा फ्रान्स दूतावास के संयुक्त तत्वाधान में संगीत, कविता, नृत्य एंव करतब का कार्यक्रम मेटा जिंगल के नाम से किया गया।

उक्त कार्यक्रम में फ्रान्स दूतावास के द्वारा पूरे भारत में हो रहे बोनजोर इण्डिया अर्थात नमस्ते भारत शीर्षक के अंतर्गत किया गया। जिसको फ्रेंच एम्बेसी, इंस्टिट्यूट फ्रांसिया, अलांयस फ्रांसिस, भारत सरकार, भारतीय सांस्कृतिक सम्बद परिषद, भारतीय लोक कला मण्डल तथा कर्नाटकी केरला के सहयोग से हुआ। उल्लेखनीय हे कि मेटा जिंगल कार्यक्रम केरल, चेन्नई, कोलकता के पश्चात उदयपुर के कला मण्डल में आयोजित किया गया।

भारतीय लोक कला मण्डल के निदेशक डाॅ. लईक हुसैन ने बताया कि मानवीय भावनाओं को एक कवि कविता के माध्यम से किस प्रकार सम्प्रेषित किया जाता है। जिसमें शब्द और केवल शब्द सम्प्रेषण का माध्यम होते है। परन्तु वही शब्द श्रोता के कानो तक पहुच कर दृश्य बिम्ब बनाते है। वहाॅ संगीतकार अपने संगीत ताल लय स्वर लहरियो से उन शब्दो को भाव देता है जो करतब करने वाला कलाकार उन्ही शब्दो से अपने करतब द्वारा किस प्रकार भाव प्रदर्षित करता है। इस प्रयोग से साक्षात्कार कराया फ्रांस एवं भारतीय कलाकारो ने जिसमें एक और शास्त्रीय, कर्नाटकी संगीत, राजस्थानी संगीत, पाश्चात्य वाद्य गिटार, कविता पाठ और करतब का संगम था।

लोक कला मंडल में मेटा जिंगल से दर्शक अभिभूत

एक के बाद एक कडी में सजे इस कार्यक्रम ने दर्शको को मंत्र मुग्ध कर दिया। इस कार्यक्रम में जोन एन्थोनियो ने संगीत गिटार एवं पाशर्व गायन किया, तो अखिल जे. चन्द ने गायन में साथ दिया, राहुल ने डी.जे. वाद्य एवं पाशर्व गायन किया। सुश्री मीरा नायर ने कविता पाठ किया तो फ्रान्सियो शाह ने नृत्य एवं करतब दिखाए।

कार्यक्रम का संचालन फ्रांसियो ग्रोस जोन ने किया, कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलित कर किया गया। दीप प्रज्वलन के बाद संस्था के मानद सचिव रियाज तहसीन ने कार्यक्रम कि रूपरेखा बताते हुए संयुक्त तत्वाधान में हुए इस कार्यक्रम पर प्रकाश डाला।

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