एंटी-बायोटिक दवाओं के अधिक इस्तेमाल से बचें: डाॅ एसपी धनेरिया


एंटी-बायोटिक दवाओं के अधिक इस्तेमाल से बचें: डाॅ एसपी धनेरिया

गीतांजली मेडिकल काॅलेज एवं हाॅस्पिटल, उदयपुर में तीन दिवसीय प्रथम राष्ट्रीय अधिवेशन एसोसिएशन फाॅर मेडिकल अपडेट्स (एम्यूकाॅन) का उदघाटन समारोह गीतांजली सभागार में हुआ। इस अधिवेशन के मुख्य अतिथि गीतांजली ग्रुप के चेयरमेन जेपी अग्रवाल, विशिष्ट अतिथि रायपुर एम्स के डीन डाॅ एसपी धनेरिया, कार्यक्रम संयोजक डाॅ एफएस मेहता, आयोजन सचिव डाॅ आशीष शर्मा, चिकित्सा अधीक्षक डाॅ जीएल डाड द्वारा दीप प्रज्जवलन व सरस्वती वन्दना से कार्यशाला का शुभारंभ हुआ। उद्घाटन समारोह में ‘मेडिकल अपडेट्स’ पत्रिका एवं ई-सोवेनियर सीडी का विमोचन किया गया।

 
एंटी-बायोटिक दवाओं के अधिक इस्तेमाल से बचें: डाॅ एसपी धनेरिया

गीतांजली मेडिकल काॅलेज एवं हाॅस्पिटल, उदयपुर में तीन दिवसीय प्रथम राष्ट्रीय अधिवेशन एसोसिएशन फाॅर मेडिकल अपडेट्स (एम्यूकाॅन) का उदघाटन समारोह गीतांजली सभागार में हुआ। इस अधिवेशन के मुख्य अतिथि गीतांजली ग्रुप के चेयरमेन जेपी अग्रवाल, विशिष्ट अतिथि रायपुर एम्स के डीन डाॅ एसपी धनेरिया, कार्यक्रम संयोजक डाॅ एफएस मेहता, आयोजन सचिव डाॅ आशीष शर्मा, चिकित्सा अधीक्षक डाॅ जीएल डाड द्वारा दीप प्रज्जवलन व सरस्वती वन्दना से कार्यशाला का शुभारंभ हुआ। उद्घाटन समारोह में ‘मेडिकल अपडेट्स’ पत्रिका एवं ई-सोवेनियर सीडी का विमोचन किया गया।

अधिवेशन की शुरुआत में डाॅ आशीष शर्मा ने सभी अतिथियों का स्वागत किया। प्रथम वैज्ञानिक सत्र में ‘एन्टी-माइक्रोबाइल प्रतिरोध’ विषयक पर डाॅ एसपी धनेरिया एवं एम्स जोधपुर से डाॅ सुनंदा व डाॅ महेश दवे ने अपने विचार प्रस्तुत किए। उन्होंने कहा कि एंटी-बायोटिक दवाओं के इस्तेमाल हेतु सख्त दिशा-निर्देश बनाए जाने चाहिए और इन दवाओं के उपयोग और दुरुपयोग से बचा जाना चाहिए। अन्यथा सुपर-बग नामक वायरस का विकास होगा जिसका इलाज किसी भी एंटीबायोटिक दवाओं से नहीं किया जा सकेगा। मुम्बई से डाॅ दीपीका जिंदल ने ‘न्यू कार्डियक बायो-मार्कर्स’ विषयक पर प्रस्तुति दी। उन्होंने बताया कि नए किस्म के केमिकल बायो-मार्कर्स उपलब्ध है जिससे दिल का दौरा एवं हृदयघात का निदान संभव है। गीतांजली मेडिकल काॅलेज एवं हाॅस्पिटल के इंटरवेंशनल रेडियोलोजिस्ट डाॅ सीताराम बारठ ने ‘इंटरवेंशनल रेडियोलोजी में चिकित्सकीय प्रगति’ पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि न्यूनतम इन्वेसिव इंटरवेंशनल रेडियोलोजी के माध्यम से शरीर की धमनियों एवं नसों में प्रक्रियाओं को अंजाम देना संभव है। अधिवेशन के दूसरे सत्र में विद्यार्थियों द्वारा शोध पत्र प्रस्तुत किए गए। कार्यक्रम का संचालन विद्यार्थियों द्वारा किया गया।

To join us on Facebook Click Here and Subscribe to UdaipurTimes Broadcast channels on   GoogleNews |  Telegram |  Signal

Tags