नशीली दवाओं के दुरुपयोग की रोकथाम पर जागरुकता कार्यक्रम

नशीली दवाओं के दुरुपयोग की रोकथाम पर जागरुकता कार्यक्रम

गीतांजली मेडिकल काॅलेज एवं हाॅस्पिटल के डिपार्टमेंट ऑफ़ कम्युनिटी मेडिसिन के अंतर्गत सामाजिक संस्था, सामाजिक न्याय और सामाजिक अधिकारिता मंत्रालय, उच्चतर शिक्षा विभाग के सहयोग से सशक्तीकरण संस्थान के तत्वाधान में ‘नशीली दवाओं के दुरुपयोग की रोकथाम पर जागरुकता-से नो टू ड्रग्स कार्यक्रम’ का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में नशा निवारण समिति का गठन किया गया जिसमें छात्र एवं अध्यापक दोनों शामिल है जो नशा नियंत्रण हेतु डाॅ पीसी जैन, नशा निवारण एवं जल संरक्षण प्रेरक के साथ सहयोग करेंगे।

 

नशीली दवाओं के दुरुपयोग की रोकथाम पर जागरुकता कार्यक्रम

गीतांजली मेडिकल काॅलेज एवं हाॅस्पिटल के डिपार्टमेंट ऑफ़ कम्युनिटी मेडिसिन के अंतर्गत सामाजिक संस्था, सामाजिक न्याय और सामाजिक अधिकारिता मंत्रालय, उच्चतर शिक्षा विभाग के सहयोग से सशक्तीकरण संस्थान के तत्वाधान में ‘नशीली दवाओं के दुरुपयोग की रोकथाम पर जागरुकता-से नो टू ड्रग्स कार्यक्रम’ का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में नशा निवारण समिति का गठन किया गया जिसमें छात्र एवं अध्यापक दोनों शामिल है जो नशा नियंत्रण हेतु डाॅ पीसी जैन, नशा निवारण एवं जल संरक्षण प्रेरक के साथ सहयोग करेंगे।

कार्यक्रम की शुरुआत में डीन डाॅ एफएस मेहता द्वारा मुख्य अतिथि डाॅ पीसी जैन का स्वागत किया गया। तत्पश्चात् गीतांजली मेडिकल काॅलेज एवं हाॅस्पिटल के मनोरोग विशेषज्ञ डाॅ मनु शर्मा ने ड्रग के दुरुपयोग पर प्रेजेंटेशन के माध्यम से व्याख्यान प्रस्तुत किया। इसमें उन्होंने सजीव उदहारण पेश कर छात्रों को नशा संबंधित गंभीरता से अवगत कराया। उन्होंने यह भी बताया कि हर रोज लगभग 55000 से भी अधिक किशोर नशे का सेवन कर रहे है। उन्होंने मस्तिष्क की वो नस के बारे में भी अवगत कराया जो नशे करने पर खुश होने के प्रभाव को बढ़ाती है और उसी खुशी के अहसास को बार-बार पूरा कर आदत बना देती है जो आगे चल कर एक बड़ा भयानक रोग का रुप ले लेता है।

डाॅ पीसी जैन ने विशेष तौर से शराब और तंबाकू से होने वाले कुप्रभावों को बताया और अपने निजी अनुभवों को साझा कर छात्र-छात्राओं को इन नशों से दूर रहने के लिए सजग किया। उनके द्वारा किए स्त्री व पुरुषों में नशे पर तुलानात्मक अध्ययन से पता चला कि स्त्रियों की शारीरिक व मानसिक रचना के कारण स्त्रियों के लिए नशा बहुत अधिक घातक होता है और आने वाली संतान के लिए एक अभिशाप है जो उसके शरीर में कई तरह की विकृति कर सकती है। अतः सभी को अपनी प्रकृति के अनुसार आचरण करना चाहिए।

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‘श्रद्धांजलि’ नामक नाटिका का मंचन डाॅ पीसी जैन के नेतृत्व में गीतांजली मेडिकल काॅलेज एवं हाॅस्पिटल के छात्र-छात्राओं ने किया जिसे सभी ने सराहा। अंत में डाॅ पीसी जैन के साथ मिलकर छात्र-छात्राओं ने नशे पर गीत प्रस्तुत किया। डिपार्टमेंट ऑफ़ कम्युनिटी मेडिसिन विभागाध्यक्ष डाॅ मुकुल दिक्षित ने गीतांजली मेडिकल काॅलेज की ओर से डाॅ पीसी जैन एवं डाॅ मनु शर्मा को स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मान किया। कार्यक्रम का संचालन डाॅ मेघा माथुर ने किया।

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