भगवान महावीर के सन्दर्भ में बाबा रामदेव का ट्वीट आपत्तिजनक: पुष्पेन्द्र मुनि
श्रमण संघीय मुनि डाॅ. पुष्पेन्द्र मुनि ने बाबा रामदेव को पत्र लिखकर उनके द्वारा भगवान महावीर को अहिंसा, सत्य, अस्तेय, ब्रह्मचर्य, अपरिग्रह, शौच, संतोष, तप, स्वाध्याय, ईश्वर-प्रणिधान आदि यम-नियम के रूप में महर्षि पतंजलि के दर्शन व सार्वभौमिक मूल सिद्धान्तों का उपासक बतानें को गलत बताया। बाबा रामदेव ने तथ्यों की अनदेखी कर जो ट्वीट किया, वह अत्यन्त चिन्ताजनक और आपत्तिजनक है। उन्होंने बाबा रामदेव से आग्रह किया कि अपने ट्वीट में की गई तथ्यात्मक भूल का सुधार करें।
उदयपुर 20 अप्रैल 2019, श्रमण संघीय मुनि डाॅ. पुष्पेन्द्र मुनि ने बाबा रामदेव को पत्र लिखकर उनके द्वारा भगवान महावीर को अहिंसा, सत्य, अस्तेय, ब्रह्मचर्य, अपरिग्रह, शौच, संतोष, तप, स्वाध्याय, ईश्वर-प्रणिधान आदि यम-नियम के रूप में महर्षि पतंजलि के दर्शन व सार्वभौमिक मूल सिद्धान्तों का उपासक बतानें को गलत बताया।
उन्होंने कहा कि कोई पूर्ववर्ती महापुरुष पश्चात्वर्ती महापुरुष के सिद्धान्तों का उपासक कैसे हो सकता है? तीर्थंकर भगवान महावीर का जन्म ईस्वी पूर्व 599 में एवं निर्वाण ईस्वी पूर्व 527 में हुआ। सर्वविदित है कि भगवान महावीर ईस्वी पूर्व की छठी शताब्दी के महापुरुष थे जबकि महर्षि पतंजलि तो ईस्वी पूर्व दूसरी शताब्दी के महापुरुष थे। कुछ विद्वान तो उनके काल को और पश्चादतवर्ती भी मानते हैं! अतः यह सुस्पष्ट है कि महर्षि पतंजलि, भगवान महावीर के व्रत-विधान, दर्शन और सार्वभौमिक मूल सिद्धान्तों के उपासक थे।
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उन्होेंने कहा कि बाबा रामदेव ने तथ्यों की अनदेखी कर जो ट्वीट किया, वह अत्यन्त चिन्ताजनक और आपत्तिजनक है। उन्होंने बाबा रामदेव से आग्रह किया कि अपने ट्वीट में की गई तथ्यात्मक भूल का सुधार करें।
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