गंजापन नहीं अभिशाप
इस अत्याधुनिक तकनीक का लाभ अधिकतम रोगियों को मिले ये तब तक संभव नहीं है जब तक ज़्यादा से ज़्यादा चिकित्सक इसका उपयोग न करें। और यही कारण है कि समय-समय पर डॉ. प्रशान्त अग्रवाल इस विधा को केवल अपने तक ही सीमित न रख के, दूसरे चिकित्सकों के लिए प्रशिक्षण शिविर लगाते रहते हैं। इसी कड़ी में आगामी 3 एवं 4 दिसम्बर को प्रदेश की पहली ’’लाइव हेयर ट्रान्सप्लान्ट हैण्ड्स ऑन कान्फ्रेंस’’ डर्माडेन्ट क्लीनिक, उदयपुर में आयोजित की जा रही है जिसमें देश भर से सौ से भी अधिक चिकित्सक हिस्सा ले रहे हैं। इस कार्यक्रम के सफलता पूर्वक संचालन के लिए चार अलग-अलग टीम गठित की गई हैं जिसमें पूर्व में रजिस्टर्ड चिकित्सकों को हैण्ड्स ऑन प्रशिक्षण दिया जाएगा। साथ ही एक और नवीनतम तकनीक ’’स्केल्प माईक्रोपिगमेंटेशन’’ का भी लाइव डेमोंस्टेªशन दिया जाएगा। अगले दिन, हेयर ट्रान्सप्लान्ट से सम्बंधित जटिल विषयों जैसे बॉडी हेयर ट्रान्सप्लान्ट, चोट एवं जले हुए निशान पर ट्रान्सप्लान्ट, महिलाओं में ट्रान्सप्लान्ट इत्यादि पर देश भर से पधारे ट्रान्सप्ल
कैरियर संभावनाओं में सफलता की बात हो, व्यक्तिगत जीवन में स्वाभिमान की बात हो या और कुछ नहीं केवल आत्मविश्वास की भी बात हो तो आपका व्यक्तित्व आज के दौर में कितना प्रभाव रखता है यह सभी जानते हैं। किसी भी क्षेत्र में आज, सफलता पाना संभव नहीं अगर आप आत्मविश्वास से भरपूर न हों और आत्मविश्वास केवल पढ़ाई, डिग्री या पैसे से ही नहीं, आत्मविश्वास आता है अच्छे व्यक्तित्व के मालिक होने से। व्यक्तित्व मूलतः निर्भर करता है आपके वक्तृत्व-कौशल, भाषा और विशेष रूप से आपके रंगरूप पर। अगर हम शेष सभी चीजों में अव्वल हैं किन्तु अपने रंगरूप को लेकर हीन भावना से ग्रस्त हैं तो कहीं न कहीं ये हीन भावना हमें हर समय, हर जगह आगे बढने से रोकती है। इस रंगरूप का सबसे महत्वपूर्ण भाग है हमारा चेहरा, और चेहरे को जवान और आकर्षक बनाए रखने में सबसे खास भूमिका निभाते हैं, हमारे बाल।यूॅँ तो बाल झड़ने या असमय गंजापन आने के बहुत से कारण हैं और यदि उनका समय पर निदान एवं उपचार प्रारम्भ कर दिया जाए तो समय से पूर्व होने वाले गंजेपन से काफी हद तक बचा सकता है। इसके लिए समय रहते चर्म एवं केश रोग विशेषज्ञ से सलाह एवं उपचार ले लेना चाहिये। हॉँलांकि कई बार इलाज में देरी के कारण से तो कभी इलाज के कारगर न हो पाने के कारण से यह समस्या स्थाई गंजेपन में तब्दील हो जाती है जो हमारी तरक्की के रास्ते में रूकावट बन जाती है।
आज से कुछ वर्षो पूर्व तक ऐसी समस्या का समाधान उपलब्ध नहीं था और अगर था भी तो केवल बड़े शहरों में और वो भी केवल धनाढ्य वर्ग की पहुंच तक सीमित था। ऐसे में लोगों के पास नकली विग इत्यादि लगाने के अलावा और कोई उपाय नहीं बचता था जो कई बार उपहास का भी कारण बन जाता था। किन्तु अब ये गंजापन, अभिशाप नहीं रहा है। इसका सबसे कारगर, अत्याधुनिक एवं प्राकृतिक उपाय आ गया है जिसे हम हेयर ट्रांसप्लांट अथवा बाल प्रत्यारोपण के नाम से जानते हैं।
यह प्रक्रिया अब न केवल छोटे शहरों में उपलब्ध है बल्कि आम मध्यमवर्गीय परिवारों की पहुंच में भी है।
एफ.यू.ई. तकनीक के बारे में-
एफ.यू.ई. जिसे विस्तार से फॉलिक्यूलर यूनिट एक्स्टेªक्शन कहा जाता है। हेयर ट्रान्सप्लान्ट के क्षेत्र में नवीनतम क्रान्ति है। आमतौर पर हेयर ट्रान्सप्लान्ट की प्रक्रिया में सिर के पिछले हिस्से से चमड़ी की एक पट्टी काटकर निकाली जाती है, जिसे छोटे-छोटे हिस्से में बांटकर एक-एक बाल की जड़ को अलग किया जाता है, फिर इन जड़ो को आगे की तरफ जहां आवश्यकता है, एक-एक करके रोपा जाता है, सिर के पिछले हिस्से में टांके लगाये जाते हैं, जिसका निशान सदा के लिये वहां रह जाता है किन्तु एफ.यू.ई. नामक तकनीक मंे कोई चीराफाड़ी नहीं की जाती, न ही टांके लगाये जाते हैं। यही कारण है कि प्रक्रिया के उपरान्त किसी प्रकार का निशान नहीं रहता। रोगी को होने वाली परेशानी/दर्द इत्यादि भी तुलनात्मक रूप से नगण्य होती है। बालों को सिर के पिछले हिस्से में एक खास मशीन की सहायता से 0.8 से 0.9 एम.एम. पंच द्वारा निकाला जाता है, जिसका घाव मात्र तीन से चार दिन के अन्दर भर जाता है। एक माह उपरान्त अगर बालों को हटाकर भी देखा जाये तो कोई निशान नजर नहीं आता है।
रोपे हुए बाल सामान्य प्रकार से निरन्तर बढ़ते हैं और उनके फिर से झड़ने की संभावना लगभग नगण्य होती है। इन्हें पूर्व की भांति ही काटा जा सकता है, शेव किया जा सकता है तथा किसी भी तरह से स्टाईल भी किया जा सकता है। इस प्रक्रिया से सिर के अलावा भी शरीर के किसी भी हिस्से से बाल निकालकर प्रत्यारोपित करना संभव है, जो किसी भी दूसरे ट्रान्सप्लान्ट मैथड़ से मुमकिन नहीं है। एफ.यू.ई. की इस विधा को बीएचटी या बॉडी हेयर ट्रांसप्लान्ट कहते हैं।
लेखक का परिचय-
राजस्थान के पहले एफ.यू.ई. एक्सपर्ट डॉ. प्रशान्त अग्रवाल वस्तुतः एक चर्म रोग विशेषज्ञ एवं कॉस्मेटोलॉजिस्ट हैं, जो पिछले 9 वर्ष से उदयपुर राजस्थान में चर्म रोग विशेषज्ञ एवं हेयर ट्रान्सप्लान्ट सर्जन के तौर पर अपनी सेवाएं दे रहे हैं। पूर्व में सात वर्ष तक जीबीएच अमेरिकन हॉस्पीटल के चर्म रोग विभाग तथा हेयर ट्रान्सप्लान्ट यूनिट में प्रभारी रहे हैं। वर्तमान में वे राज्य के सबसे विशाल, अत्याधुनिक चर्म एवं दन्त रोग क्लीनिक एवं हेयर ट्रान्सप्लान्ट सेंटर डर्माडेन्ट क्लीनिक के डायरेक्टर हैं।
इस कार्यकाल के दौरान उन्होंने एक लाख से भी अधिक चर्म रोगियों का सफल निदान एवं उपचार किया है। इस दौरान उन्होंने कई राष्ट्रीय तथा अन्तराष्ट्रीय स्तर की गोष्ठियों तथा वर्कशॉप इत्यादि में शिरकत की तथा उनमें प्राप्त नवीनतम चिकित्सा पद्धतियों से मेवाड़वासियों को लाभ पहुंचाया।
इस बीच डॉ अग्रवाल ने आजकल के युवावर्ग में तेजी से फैलती बालों की समस्याओं, गंजेपन की समस्या तथा इससे पनपने वाली हीन भावना को दूर करने के लिए कारगर उपाय की आवश्यकता को महसूस किया और इसी उद्देश्य की पूर्ति के लिए विश्व प्रसिद्ध हेयर ट्रान्सप्लान्ट सेन्टर, तेल अवीव, इजरायल जाकर हेयर ट्रान्सप्लान्ट के क्षेत्र में अत्याधुनिक एफ.यू.ई. तकनीक का प्रशिक्षण लिया। तब से अभी तक वे न केवल उदयपुर व राजस्थान के, बल्कि सुदुर महाराष्ट्र, दिल्ली, कर्नाटक, दुबई, कुवैत, यू.के., यू.एस. इत्यादि के कई मरीजों का भी सफल हेयर ट्रान्सप्लान्ट करके उन्हें गंजेपन के अभिशाप से मुक्ति दिला चुके हैं।
इस अत्याधुनिक तकनीक का लाभ अधिकतम रोगियों को मिले ये तब तक संभव नहीं है जब तक ज़्यादा से ज़्यादा चिकित्सक इसका उपयोग न करें। और यही कारण है कि समय-समय पर डॉ. प्रशान्त अग्रवाल इस विधा को केवल अपने तक ही सीमित न रख के, दूसरे चिकित्सकों के लिए प्रशिक्षण शिविर लगाते रहते हैं। इसी कड़ी में आगामी 3 एवं 4 दिसम्बर को प्रदेश की पहली ’’लाइव हेयर ट्रान्सप्लान्ट हैण्ड्स ऑन कान्फ्रेंस’’ डर्माडेन्ट क्लीनिक, उदयपुर में आयोजित की जा रही है जिसमें देश भर से सौ से भी अधिक चिकित्सक हिस्सा ले रहे हैं। इस कार्यक्रम के सफलता पूर्वक संचालन के लिए चार अलग-अलग टीम गठित की गई हैं जिसमें पूर्व में रजिस्टर्ड चिकित्सकों को हैण्ड्स ऑन प्रशिक्षण दिया जाएगा। साथ ही एक और नवीनतम तकनीक ’’स्केल्प माईक्रोपिगमेंटेशन’’ का भी लाइव डेमोंस्टेªशन दिया जाएगा। अगले दिन, हेयर ट्रान्सप्लान्ट से सम्बंधित जटिल विषयों जैसे बॉडी हेयर ट्रान्सप्लान्ट, चोट एवं जले हुए निशान पर ट्रान्सप्लान्ट, महिलाओं में ट्रान्सप्लान्ट इत्यादि पर देश भर से पधारे ट्रान्सप्लान्ट विशेषज्ञों की गोष्ठी होगी और नवीन चिकित्सकों को इन जठिलताओं के समाधान भी बताए जाऐंगे।
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