पड़ौसी देश के कलाकारों और खिलाड़ियों पर प्रतिबंध सही नहीं – पंकज दुबे


पड़ौसी देश के कलाकारों और खिलाड़ियों पर प्रतिबंध सही नहीं – पंकज दुबे

प्रभा खेतान फाउंडेशन और कल्चरल रोंदेव्यु की कलम सीरीज के अंतर्गत बुधवार शाम को होटल रेडिसन ब्लू में झारखण्ड के चाईबासा निवासी उपन्यासकार, कहानीकार पंकज दुबे से खुले सत्र में चर्चा की गई जिसमे उसने पूछे गए सभी प्रश्नो के उत्तर संतुलित तरीके से दिए। पंकज दुबे ने लव करी, इश्कियापा और लूज़र कहीं का नामक उपन्यास भी लिखी है। पंकज पूर्व में बीबीसी हिंदी से भी जुड़े रह चुके है।

 
पड़ौसी देश के कलाकारों और खिलाड़ियों पर प्रतिबंध सही नहीं – पंकज दुबे

प्रभा खेतान फाउंडेशन और कल्चरल रोंदेव्यु की कलम सीरीज के अंतर्गत बुधवार शाम को होटल रेडिसन ब्लू में झारखण्ड के चाईबासा निवासी उपन्यासकार, कहानीकार पंकज दुबे से खुले सत्र में चर्चा की गई जिसमे उसने पूछे गए सभी प्रश्नो के उत्तर संतुलित तरीके से दिए। पंकज दुबे ने लव करी, इश्कियापा और लूज़र कहीं का नामक उपन्यास भी लिखी है। पंकज पूर्व में बीबीसी हिंदी से भी जुड़े रह चुके है।

पंकज दुबे की लिखी उपन्यास लव करी”  प्यार, ज़िन्दगी, और इनके बीच की चीज़ो की एक बेहतरीन प्रस्तुति है। लव करी लंदन के फ्लैट में रहने वाले तीन दोस्त यह महसूस करते है की उनकी ज़िन्दगी कितनी जुदा है और साथ ही उनके गुज़रे हुए जीवन में कितनी समानताए है। जब ज़िन्दगी मुश्किलों के दौर से गुज़रती है तो तीनो के साथ आ जाने से परिस्थितिया बहुत आसान हो जाती है।

पड़ौसी देश के कलाकारों और खिलाड़ियों पर प्रतिबंध सही नहीं – पंकज दुबे

उपन्यास के मुताबिक अली एक पाकिस्तानी शेफ है जिसका सपना खुद का निहारी रेस्टॉरेंट खोलना है, शहज़ाद बांग्लादेश से आया एक टैटू कलाकार है जिसका अतीत दर्दभरा है, और ऋषि एक ऐसा भारतीय है जिसके हुनर के बारे में बताना ज़रा मुश्किल है। ये तीनो एक गलती करते है और एक ही लड़की के प्यार में पड़ जाते है। और फिर एक दूसरे के दुश्मन बन जाते है। लेकिन जब इनकी ज़िन्दगी अस्त व्यस्त हो जाती है तो एक दूसरे का सहारा लेने के अलावा उनके पास और कोई चारा नहीं रह जाता। वे जान जाते है की प्यार में अधिकार जताने जितना ही ज़रूरी होता है कुछ बातों को नज़रअंदाज़ करना।

एक सवाल के जवाब में पंकज दुबे ने कहा की कला, संस्कृति और खेल क्षेत्र को राजनीति से मुक्त रखा जाना चाहिए। पड़ौसी देश के कलाकारों और खिलाड़ियों पर प्रतिबंध उनकी नज़र में सही नहीं है।

पड़ौसी देश के कलाकारों और खिलाड़ियों पर प्रतिबंध सही नहीं – पंकज दुबे

पंकज दुबे ने एक शार्ट फिल्म ‘मराठा मंदिर सिनेमा’  का डायरेक्शन किया है जिसकी निर्माता बीते ज़माने की अभिनेत्री सारिका ने किया है। सारिका ने स्वयं भी इस शार्ट फिल्म में अभिनय भी किया है। इस शार्ट फिल्म के पंकज ने मुंबई के सबसे बड़े रेड लाइट एरिया कमाठीपुरा की सेक्स वर्कर के रूप में कार्य करने वाली महिलाओ के दर्द को बेहद सजींदगी से फिल्माया गया है। इस फिल्म में एक लड़की की कहानी दिखाई गई है जो हर रोज़ शाम होते ही मराठा मंदिर सिनेमा में चल रही शाहरुख़ खान और काजोल की फिल्म दिलवाले दुल्हनिया ले जायेंगे  देखने जाती है। 12 मिनट की शार्ट फिल्म में इन सेक्स वर्कर महिलाओ की आवाज़ उठाने की बात कही गई है।

इस अवसर पर प्रभा खेतान फाउंडेशन की स्वाति अग्रवाल, मूमल भंडारी, शुभ सिंघवी, श्रद्धा मुर्डिया, कनिका अग्रवाल और रिद्धिमा दोशी समेत अनेक गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

पड़ौसी देश के कलाकारों और खिलाड़ियों पर प्रतिबंध सही नहीं – पंकज दुबे

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