बैंक ने ठगा किसानो को एफडी के नाम पर बीमा कर दिया


बैंक ने ठगा किसानो को एफडी के नाम पर बीमा कर दिया

निजी बैंक ने किसान क्रेडिट कार्ड पर दिए गए लोन की रकम में से एफडी के नाम पर बीमा पॉलिसी इशू करने का मामले को स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप ने जाँच की तो पता चला की बैंक कर्मचारियों और अधिकारीयों ने गुपचुप तरीके से लोन की रकम किसानो का न देकर 50 हज़ार से लेकर 70 लाख रूपये तक रुपयों की एफडी के नाम पर बीमा पॉलिसी जारी कर दी। एक साल बाद जब बैंक से किसानो को नोटिस मिला कि उन्हें बीमा का वार्षिक प्रीमियम जमा करवाना है तो गरीब किसानो के पैरो तले ज़मीन खिसक गयी। बैंक से सताए हुए ऐसे ही 150 किसानो ने एसओजी मुख्यालय में शिकायत दर्ज करवाई।

 
बैंक ने ठगा किसानो को एफडी के नाम पर बीमा कर दिया

निजी बैंक ने किसान क्रेडिट कार्ड पर दिए गए लोन की रकम में से एफडी के नाम पर बीमा पॉलिसी इशू करने का मामले को स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप ने जाँच की तो पता चला की बैंक कर्मचारियों और अधिकारीयों ने गुपचुप तरीके से लोन की रकम किसानो का न देकर 50 हज़ार से लेकर 70 लाख रूपये तक रुपयों की एफडी के नाम पर बीमा पॉलिसी जारी कर दी। एक साल बाद जब बैंक से किसानो को नोटिस मिला कि उन्हें बीमा का वार्षिक प्रीमियम जमा करवाना है तो गरीब किसानो के पैरो तले ज़मीन खिसक गयी। बैंक से सताए हुए ऐसे ही 150 किसानो ने एसओजी मुख्यालय में शिकायत दर्ज करवाई।

एसओजी मुख्यालय के सूत्रों ने बताया की पीड़ितों की संख्या ज़्यादा भी हो सकती है ऐसे ही पीड़ितों में एक बांसवाड़ा जिले के बागीदौरा तहसील के कुण्डा निवासी नाथू के किसान क्रेडिट कार्ड से पांच लाख रूपये में से तीन खातों से 2 लाख का बीमा कर दिया। एक साल बाद बैंक से फ़ोन आया की 2 लाख की बीमा की प्रीमियम भरनी है। बैंक अधिकारी ने बताया की प्रीमियम जमा नहीं करवाई तो 2 लाख डूब जायेंगे।

इसी प्रकार मावली तहसील के किसान वरदा गाडरी को 2.50 लाख रुपयों में से 2 लाख दिए और 50 हज़ार एफडी के नाम पर लेकर 50 हज़ार सालाना प्रीमियम का बीमा कर दिया। ठीक उसी प्रकर मावली तहसील निवासी किसान भगवान लाल के साथ भी यही घटनाक्रम दोहराया गया।

Source: Rajasthan Patrika

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